What is the structure of GST जीएसटी की संरचना

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जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) भारत में एक अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है। इसे कई तरह के टैक्सों को एकल कर प्रणाली में लाने के लिए लागू किया गया था। आइए, इसकी संरचना (What is the structure of GST) को आसान शब्दों में समझते हैं:

  • दोहरी व्यवस्था (Dual GST System): जीएसटी एक दोहरी कर व्यवस्था है, जिसका मतलब है कि इसमें दो तरह के टैक्स शामिल होते हैं:
    • केंद्रीय माल और सेवा कर (CGST): यह केंद्र सरकार द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है।
    • राज्य माल और सेवा कर (SGST): यह राज्य सरकार द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है।
  • एकीकृत माल और सेवा कर (IGST): अंतरराज्यीय बिक्री पर जीएसटी के रूप में IGST (इंटीग्रेटेड जीएसटी) लगाया जाता है। इसे केंद्र सरकार वसूलती है और फिर संबंधित राज्य सरकार को उसका हिस्सा दे देती है।
  • कर स्लैब (Tax Slabs): जीएसटी के तहत विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं को अलग-अलग कर स्लैब के अंतर्गत रखा गया है। ये स्लैब हैं:
    • 0% – आवश्यक वस्तुएं (दूध, ब्रेड, आदि)
    • 5% – कुछ आम सामान (चाय, कॉफी, आदि)
    • 12% या 18% – अधिकांश वस्तुएं और सेवाएं
    • 28% – विलासी वस्तुएं और कुछ विशेष उत्पाद (लग्जरी कारें, इत्यादि)
  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC): आपूर्तिकर्ता द्वारा भुगतान किए गए जीएसटी को इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में दावा किया जा सकता है और यह अंतिम उपभोक्ता द्वारा भुगतान किए जाने वाले कर को कम कर देता है। यह टैक्स चेन में कैस्केडिंग प्रभाव को रोकता है।
  • जीएसटी पंजीकरण (GST Registration): एक सीमा से अधिक का कारोबार करने वाले व्यवसायों को जीएसटी के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकृत व्यवसाय जीएसटी रिटर्न दाखिल करने और कर का भुगतान करने के लिए बाध्य होते हैं।
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