जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) व्यवस्था में, छोटे कारोबारियों के लिए एक सरल कर प्रणाली उपलब्ध है जिसे जीएसटी कंपोजिशन स्कीम (GST composition scheme in Hindi) कहा जाता है। यह स्कीम जटिल जीएसटी प्रक्रिया को आसान बनाती है और अनुपालन बोझ को कम करती है।
यहाँ कंपोजिशन स्कीम (Composition scheme under GST in Hindi) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं, जिन्हें बिंदुवार समझाया गया है:
- कौन लाभ उठा सकता है?
- वार्षिक कारोबार ₹1.5 करोड़ से कम वाले व्यापारी और सेवा प्रदाता इस स्कीम के लिए पात्र हैं।
- कुछ अपवाद भी हैं, जैसे रेस्टोरेंट सेवाएं और गैर-निर्माण आपूर्ति करने वाले व्यक्ति।
- कैसे करें पंजीकरण?
- कंपोजिशन स्कीम के लिए पंजीकरण एक सरल ऑनलाइन प्रक्रिया है। आप जीएसटी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- कर की दरें क्या हैं?
- कंपोजिशन स्कीम के तहत, कारोबार के प्रकार के आधार पर एक निश्चित दर का भुगतान करना होता है। यह दर वार्षिक कारोबार का एक प्रतिशत है, जो सामान बेचने वालों के लिए 1% से 6% और सेवा प्रदाताओं के लिए 5% से 6% के बीच होती है।
- क्या फायदे हैं?
- कंपोजिशन स्कीम के कुछ प्रमुख लाभ हैं:
- सरल रिटर्न फाइलिंग: तिमाही आधार पर केवल एक रिटर्न दाखिल करना होता है।
- इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करने की आवश्यकता नहीं होती।
- कम कर देयता: अधिक जटिल जीएसटी प्रणाली की तुलना में कम कर का भुगतान करना होता है।
- कम अनुपालन बोझ: कम रिटर्न फाइलिंग और इनपुट टैक्स क्रेडिट की जटिलताओं से बचाता है।
- कंपोजिशन स्कीम के कुछ प्रमुख लाभ हैं:
- क्या नुकसान हैं?
- कंपोजिशन स्कीम के कुछ नुकसान भी हैं:
- इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता है, जो खरीदे गए सामानों पर चुकाए गए कर को वापस लेने की व्यवस्था है।
- बड़े कारोबारियों के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि कर की दरें अपेक्षाकृत अधिक हो सकती हैं।
- अंतरराज्यीय आपूर्ति की अनुमति नहीं है।
- कंपोजिशन स्कीम के कुछ नुकसान भी हैं:
- कंपोजिशन स्कीम आपके लिए सही है या नहीं, यह कैसे तय करें?
यह निर्णय लेने के लिए आपको अपने वार्षिक कारोबार, आपूर्ति किए जाने वाले सामानों या सेवाओं के प्रकार, इनपुट टैक्स क्रेडिट की मात्रा और जटिलताओं से बचने की इच्छा जैसे कारकों पर विचार करना चाहिए।
जीएसटी कंपोजीशन स्कीम से नियमित स्कीम में परिवर्तन कैसे करें?
यदि आप एक जीएसटी पंजीकृत व्यवसाय हैं जो वर्तमान में कंपोजीशन स्कीम (GST me composition Kya Hai) का विकल्प चुन रहे हैं, लेकिन अब आप नियमित स्कीम में स्थानांतरित होना चाहते हैं, तो यह प्रक्रिया सरल है। आइए, इसे चरण-दर-चरण देखें:
1. पात्रता जांच:
सबसे पहले, यह सुनिश्चित करें कि आप नियमित स्कीम में जाने के योग्य हैं। कंपोजीशन स्कीम से बाहर निकलने के लिए, पिछले वित्तीय वर्ष में आपका कुल कारोबार ₹1.5 करोड़ से अधिक होना चाहिए।
2. तिथि का निर्धारण:
आप वित्तीय वर्ष के दौरान किसी भी समय नियमित स्कीम में स्थानांतरित नहीं हो सकते। आप केवल अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही नियमित स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं। इसलिए, यदि आप वर्तमान वित्तीय वर्ष में हैं, तो आपको अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत तक इंतजार करना होगा।
3. जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करें:
नियमित स्कीम में जाने के लिए आपको पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। अपने पंजीकृत यूजरनेम और पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करें।
4. फॉर्म GST CMP-04 भरें:
लॉग इन करने के बाद, आपको “Services” सेक्शन में जाएं और “Registration” विकल्प चुनें। वहां आपको “Application to Opt Out of Composition Levy” मिलेगा। इस विकल्प को चुनें और फॉर्म GST CMP-04 भरें।
5. आवश्यक विवरण दर्ज करें:
फॉर्म GST CMP-04 में आपको अपनी कंपनी के विवरण, उस तिथि को दर्ज करना होगा जिससे आप नियमित स्कीम में जाना चाहते हैं, और बाहर निकलने का कारण भी बताना होगा।
6. फॉर्म जमा करें:
सभी आवश्यक विवरणों को ध्यानपूर्वक भरने के बाद, फॉर्म को जमा करें। एक बार फॉर्म जमा हो जाने के बाद, आप नियमित स्कीम में स्थानांतरित हो जाएंगे।
नियमित जीएसटी से कंपोजिशन स्कीम में परिवर्तन
कई छोटे व्यवसायों के लिए, जीएसटी कानून के तहत कंपोजिशन स्कीम एक सरल और आकर्षक विकल्प है। यह योजना कम दरों पर कर भुगतान की अनुमति देती है और जटिल रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को कम करती है। हालांकि, नियमित जीएसटी योजना से कंपोजिशन स्कीम में स्विचन करने के लिए कुछ शर्तें और प्रक्रियाएं हैं। आइए, इन सवालों के जवाब देखें:
1. नियमित जीएसटी से कंपोजिशन स्कीम में कैसे बदलें?
आप वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले ही कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं। इसके लिए आपको जीएसटी पोर्टल पर फॉर्म GST CMP-02 जमा करना होगा। फॉर्म जमा करने की तिथि आमतौर पर 31 मार्च होती है, लेकिन सरकार इसे बदल सकती है।
2. कंपोजिशन स्कीम के लिए आवेदन कब करें?
आप नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही कंपोजिशन स्कीम के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि आप वित्तीय वर्ष के दौरान नियमित जीएसटी योजना के अंतर्गत पंजीकृत हैं, तो आप अगले वित्तीय वर्ष से कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं।
3. कंपोजिशन स्कीम के लिए कौन पात्र है?
निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने वाले व्यवसाय कंपोजिशन स्कीम के लिए पात्र हैं:
- पिछले वित्तीय वर्ष में आपूर्ति का कुल मूल्य ₹1.5 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए (पूर्वोत्तर राज्यों के लिए ₹1 करोड़)।
- वह व्यापार या व्यवसाय किसी भी तरह की सेवाएं प्रदान नहीं करता हो (अपवाद: रेस्तरां सेवाएं)।
4. कंपोजिशन स्कीम के तहत जीएसटी की दरें क्या हैं?
कंपोजिशन स्कीम के तहत, आपको अपनी आपूर्ति के मूल्य के आधार पर एक निर्धारित दर पर जीएसटी का भुगतान करना होता है। वर्तमान में, दरें इस प्रकार हैं:
- वस्तुओं की आपूर्ति: 1%
- रेस्तरां सेवाएं: 5%