What is cross charge under GST

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क्रॉस चार्ज (Cross Charge) जीएसटी के तहत (What is cross charge under GST) एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जिसका उपयोग एक ही संगठन की अलग-अलग शाखाओं या इकाइयों के बीच सेवाओं और आपूर्ति को टैक्स के दायरे में लाने के लिए किया जाता है। जब एक कंपनी की दो शाखाएं, जो अलग-अलग राज्यों में पंजीकृत हैं, एक-दूसरे को सेवाएं या वस्तुएं प्रदान करती हैं, तो इन पर क्रॉस चार्ज के नियम लागू होते हैं।

What is cross charge under GST

क्रॉस चार्ज के तहत जीएसटी क्या है?

क्रॉस चार्ज एक प्रक्रिया है जिसके तहत एक रजिस्टर्ड कंपनी, जिसमें एक से अधिक स्थान पर शाखाएं हों, एक स्थान से दूसरे स्थान पर सेवाओं या वस्तुओं के आदान-प्रदान के लिए इनवॉयस जारी करती है।

प्रमुख बिंदुविवरण
क्रॉस चार्ज का उद्देश्यइनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का सही अनुपालन सुनिश्चित करना।
लागू होने वाले केसजब कंपनी की शाखाएं विभिन्न राज्यों में पंजीकृत हों और वे आपस में सेवाओं का लेन-देन करें।

क्रॉस चार्ज के महत्व

  1. इंट्रा-ऑर्गनाइजेशन ट्रांजैक्शन पर टैक्स
    • एक संगठन के भीतर सेवाओं की आपूर्ति पर भी जीएसटी लागू करना।
  2. इनपुट टैक्स क्रेडिट
    • शाखाओं के बीच क्रॉस चार्ज से इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया जा सकता है।
  3. ट्रांसपेरेंसी बनाए रखना
    • संगठन के विभिन्न स्थानों के बीच वित्तीय लेनदेन को ट्रांसपेरेंट बनाना।

क्रॉस चार्ज के नियम

  1. अलग-अलग जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य
    • क्रॉस चार्ज तभी लागू होगा जब शाखाओं का पंजीकरण अलग-अलग राज्यों में हो।
  2. सेवा के मूल्य का निर्धारण
    • सेवा का मूल्य मार्केट रेट पर आधारित होना चाहिए।
  3. इनवॉइस जनरेट करना
    • सेवा प्रदान करने वाली शाखा को प्राप्तकर्ता शाखा के नाम पर इनवॉइस जनरेट करना होगा।
  4. जीएसटी रिटर्न फाइलिंग
    • क्रॉस चार्ज के तहत दोनों शाखाओं को अपने-अपने जीएसटी रिटर्न में लेनदेन का उल्लेख करना होगा।

क्रॉस चार्ज की आवश्यकता

  1. इंटरनल सेवाएं
    • एचआर, आईटी, अकाउंटिंग जैसी सेवाओं की आपूर्ति।
  2. शाखाओं के बीच वस्तुओं का हस्तांतरण
    • यदि कोई शाखा दूसरी शाखा को वस्तुएं भेजती है, तो इस पर क्रॉस चार्ज लागू होता है।
  3. वित्तीय लेनदेन को सुव्यवस्थित करना
    • संगठन की वित्तीय स्थिति को स्पष्ट और कानूनन वैध बनाने के लिए।

क्रॉस चार्ज और इनपुट टैक्स क्रेडिट

क्रॉस चार्ज लागू करने से एक शाखा टैक्स का भुगतान करती है, जबकि दूसरी शाखा इसे इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में दावा कर सकती है।

इनपुट टैक्स क्रेडिट का विवरण

विवरणशाखा A (सेवा प्रदाता)शाखा B (सेवा प्राप्तकर्ता)
जीएसटी का भुगतान₹18,000₹0
इनपुट टैक्स क्रेडिट₹0₹18,000

क्रॉस चार्ज का अनुपालन कैसे करें?

  1. सभी दस्तावेज तैयार रखें
    • अनुबंध, इनवॉइस, और वित्तीय रिकॉर्ड।
  2. जीएसटी पोर्टल पर अपडेट करें
    • प्रत्येक ट्रांजैक्शन को जीएसटी पोर्टल पर सही तरीके से दर्ज करें।
  3. विशेषज्ञ की सलाह लें
    • किसी कर विशेषज्ञ से मार्गदर्शन प्राप्त करें ताकि आप क्रॉस चार्ज के नियमों का पालन सही ढंग से कर सकें।

क्रॉस चार्ज के फायदे और नुकसान

फायदे

  1. कानूनी अनुपालन
    • क्रॉस चार्ज से संगठन को कानूनी रूप से सुरक्षित बनाया जा सकता है।
  2. इनपुट टैक्स क्रेडिट
    • शाखाओं को उनके संबंधित खर्चों पर टैक्स क्रेडिट मिलता है।
  3. शाखाओं के बीच ट्रांसपेरेंसी
    • वित्तीय लेनदेन के रिकॉर्ड को व्यवस्थित और स्पष्ट रखना।

नुकसान

  1. प्रक्रिया जटिलता
    • क्रॉस चार्ज के तहत इनवॉइस और रिटर्न फाइलिंग के नियम जटिल हो सकते हैं।
  2. अतिरिक्त खर्च
    • जीएसटी का भुगतान पहले करना पड़ता है, जिसे बाद में क्रेडिट के रूप में लिया जा सकता है।

How to calculate cross charge under GST

जीएसटी के तहत क्रॉस चार्ज की गणना कैसे करें?

क्रॉस चार्ज की गणना एक निश्चित प्रक्रिया के तहत की जाती है। इसे समझने के लिए निम्नलिखित उदाहरण और तालिका देखें:

गणना का उदाहरण

मान लें कि एक कंपनी के पास दो शाखाएं हैं:

  1. शाखा A (मूल सेवा प्रदाता)
  2. शाखा B (सेवा प्राप्तकर्ता)

शाखा A ने शाखा B को ₹1,00,000 की सेवाएं प्रदान की हैं। अब, क्रॉस चार्ज की गणना निम्नलिखित तरीके से की जाएगी:

क्रॉस चार्ज का फॉर्मूला

क्रॉस चार्ज = सेवा की लागत + जीएसटी दर (%)

विवरणराशि (₹)
सेवा की लागत₹1,00,000
सीजीएसटी (9%)₹9,000
एसजीएसटी (9%)₹9,000
कुल जीएसटी₹18,000
क्रॉस चार्ज की कुल राशि₹1,18,000

Cross charge under GST with Example

जीएसटी के तहत क्रॉस चार्ज का उदाहरण

मान लीजिए, एक कंपनी “ABC प्राइवेट लिमिटेड” की दो शाखाएं हैं:

  1. मुंबई (हेड ऑफिस)
  2. दिल्ली (ब्रांच ऑफिस)
  • स्थिति:
    • मुंबई की शाखा, दिल्ली शाखा के लिए अकाउंटिंग और HR सेवाएं प्रदान करती है।
  • क्रॉस चार्ज प्रक्रिया:
    • मुंबई ब्रांच एक इनवॉयस दिल्ली शाखा को जारी करती है।
    • इसमें सेवा की लागत और जीएसटी की राशि शामिल होगी।

टेबल में उदाहरण:

घटकमुंबई शाखा (हेड ऑफिस)दिल्ली शाखा (ब्रांच ऑफिस)
सेवा का मूल्य₹1,00,000भुगतान करना होगा।
जीएसटी दर (18%)₹18,000इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा।
कुल क्रॉस चार्ज₹1,18,000

Circular on Cross charge under GST

क्रॉस चार्ज पर जीएसटी से संबंधित परिपत्र

जीएसटी परिषद ने क्रॉस चार्ज को स्पष्ट करने के लिए कई परिपत्र जारी किए हैं।

परिपत्र संख्यामुख्य बातें
Circular No. 13/2020क्रॉस चार्जिंग के लिए सेवाओं का मूल्यांकन कैसे करें।
Circular No. 37/2021कंपनियों को इंटर-स्टेट सेवाओं पर जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया।
Circular No. 85/2022एक ही कंपनी के विभिन्न राज्यों में शाखाओं के बीच क्रॉस चार्ज के अनुपालन की दिशा।

SAC code for Cross charge under GST

क्रॉस चार्ज के लिए SAC कोड

जीएसटी के अंतर्गत प्रत्येक सेवा के लिए एक विशिष्ट SAC (Services Accounting Code) कोड निर्धारित होता है।

सेवाSAC कोड
अकाउंटिंग सेवाएं9982
मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सेवाएं9983
HR और कर्मचारी सेवाएं9985

SAC कोड का उपयोग इनवॉयस तैयार करने और जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए किया जाता है।


Advance ruling on Cross charge under GST

क्रॉस चार्ज पर एडवांस रूलिंग

जीएसटी एडवांस रूलिंग का उपयोग क्रॉस चार्ज से संबंधित विवादों को हल करने के लिए किया है।

प्रमुख एडवांस रूलिंग

राज्यकेस का विवरणनिर्णय
महाराष्ट्रइंटर-स्टेट सेवाओं पर क्रॉस चार्ज को लेकर दायर किया गया।क्रॉस चार्जिंग अनिवार्य।
कर्नाटकIT सेवाओं पर क्रॉस चार्ज लागू करने से संबंधित।इनवॉयस जारी करना अनिवार्य।
तमिलनाडुएक ही राज्य में शाखाओं के बीच क्रॉस चार्ज।क्रॉस चार्ज की जरूरत नहीं।

निष्कर्ष

जीएसटी के तहत क्रॉस चार्ज (What is cross charge under GST) एक आवश्यक प्रक्रिया है, जो संगठन की शाखाओं के बीच सेवाओं और वस्तुओं के लेनदेन को टैक्स के दायरे में लाती है। सही तरीके से क्रॉस चार्ज की गणना (How to calculate cross charge under GST) और अनुपालन करना न केवल कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि संगठन की वित्तीय संरचना को भी मजबूत बनाता है। क्रॉस चार्ज के तहत जीएसटी का सही अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रक्रियाओं को ध्यानपूर्वक समझना और लागू करना जरूरी है। क्रॉस चार्जिंग से संबंधित SAC कोड, परिपत्र, और एडवांस रूलिंग के अनुसार कार्य करना व्यवसाय को कानूनी विवादों से बचाने में सहायक होता है।

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