What is 44AD in Income Tax in Hindi आयकर की धारा 44AD

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आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 44AD (What is 44AD in Income Tax in Hindi) छोटे व्यापारियों और प्रोफेशनल्स के लिए एक प्रेज़म्प्टिव टैक्सेशन स्कीम है। इस स्कीम के तहत व्यापारियों को अपनी आय की गणना सरलता से करनी होती है और विस्तृत लेखांकन या ऑडिट से छूट मिलती है। यह स्कीम खासतौर पर छोटे व्यवसायों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

What is 44AD in Income Tax in Hindi


1. धारा 44AD का उद्देश्य (Objective of Section 44AD)

पैरामीटरविवरण
लक्ष्यछोटे व्यवसायों और प्रोफेशनल्स के लिए टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाना।
ऑडिट छूटव्यापारियों को अपनी आय का ऑडिट करवाने की आवश्यकता नहीं।
समय और धन की बचतसरल प्रक्रियाओं के कारण।
व्यावसायिक क्षेत्रछोटे व्यापारी और गैर-कॉरपोरेट व्यवसाय।

2. कौन इसका लाभ ले सकता है? (Eligibility for Section 44AD)

योग्यता मापदंडविवरण
कौन पात्र हैं?व्यक्तिगत (Individual), हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF), और पार्टनरशिप फर्म (LLP नहीं)।
कौन पात्र नहीं हैं?कंपनी या LLP जैसे कॉरपोरेट संस्थान।
वार्षिक टर्नओवर की सीमा₹3 करोड़ (FY 2023-24 से पहले यह सीमा ₹2 करोड़ थी)।
आय का प्रकारव्यापार से होने वाली आय।
प्रोफेशन शामिल नहींडॉक्टर, वकील, इंजीनियर आदि जैसे प्रोफेशन इसमें कवर नहीं हैं।

3. धारा 44AD के तहत आय की गणना (Computation of Income)

आय की गणना का तरीकाविवरण
कुल प्राप्ति का प्रतिशतडिजिटल लेनदेन (कैशलेस) के लिए 6% और नकद लेनदेन के लिए 8%।
लेखांकन की आवश्यकता नहींप्रेज़म्प्टिव स्कीम होने के कारण विस्तृत रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता नहीं।
घटाई की अनुमतिअन्य कटौतियों (जैसे धारा 30-38) का लाभ पहले ही इन दरों में शामिल है।
ऑडिट छूटयदि आय की गणना इस स्कीम के अनुसार की जाती है तो ऑडिट आवश्यक नहीं है।

4. धारा 44AD के लाभ (Advantages of Section 44AD)

लाभविवरण
सरल टैक्स गणनाटर्नओवर का सीधा प्रतिशत आय मानी जाती है।
ऑडिट की छूट₹3 करोड़ तक के टर्नओवर पर ऑडिट की आवश्यकता नहीं।
लेखा-बही की आवश्यकता नहींविस्तृत अकाउंटिंग का झंझट समाप्त।
कैशलेस लेनदेन को प्रोत्साहनकैशलेस ट्रांजेक्शन पर केवल 6% की दर से टैक्स।
छोटे व्यापारियों के लिए सहायकविशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए सरल और किफायती।

5. धारा 44AD में सीमाएं और शर्तें (Limitations and Conditions)

सीमाएं/शर्तेंविवरण
प्रोफेशनल आय शामिल नहींडॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट आदि इसके तहत कवर नहीं हैं।
एक बार लागू, लगातार पांच वर्षयदि कोई व्यवसायी इस स्कीम को अपनाता है, तो इसे पांच साल तक जारी रखना होगा।
इच्छा अनुसार बदलाव संभव नहींयदि आप बीच में इस स्कीम को छोड़ते हैं, तो पांच साल तक इसे फिर से नहीं अपना सकते।
कैशलेस लेनदेनअधिकतम लाभ के लिए डिजिटल ट्रांजेक्शन का प्रोत्साहन।
टर्नओवर सीमाकेवल ₹3 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारों के लिए।

6. धारा 44AD से जुड़ी अहम जानकारियां (Key Points About Section 44AD)

पैरामीटरविवरण
आईटीआर फॉर्मITR-4 भरना अनिवार्य।
घाटे (Loss) का प्रावधानयदि आय घटाई जाती है तो ऑडिट अनिवार्य है।
व्यावसायिक विस्तारव्यापार का बड़ा विस्तार होने पर विस्तृत लेखांकन अपनाना होगा।
टैक्स का भुगतानआय की गणना के बाद टैक्स स्लैब के अनुसार भुगतान करना होगा।

7. धारा 44AD और अन्य टैक्स स्कीम्स का तुलनात्मक अध्ययन

स्कीमप्रेज़म्प्टिव आय की दरयोग्यता मापदंडऑडिट आवश्यकता
धारा 44ADडिजिटल पर 6%, कैश पर 8%व्यापार और छोटे व्यवसायनहीं
धारा 44ADA (प्रोफेशनल्स)50%प्रोफेशनल्स (डॉक्टर, वकील, आदि)नहीं
धारा 44AE (ट्रांसपोर्ट)₹7,500 प्रति वाहन प्रति माहकेवल ट्रांसपोर्ट व्यवसायनहीं

8. धारा 44AD के तहत आवेदन की प्रक्रिया (Application Process for Section 44AD)

चरणविवरण
ITR-4 फॉर्म भरेंऑनलाइन या ऑफलाइन ITR-4 फॉर्म का उपयोग करें।
आय का प्रतिशत जोड़ेंटर्नओवर का 6% या 8% आय के रूप में दिखाएं।
लेखा-बही न रखेंकेवल आवश्यक रिकॉर्ड्स जैसे बिक्री और खर्च का रिकॉर्ड रखें।
टैक्स का भुगतान करेंटैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स का भुगतान करें।

9. धारा 44AD के तहत डिजिटल और नकद लेन-देन का असर

लेन-देन का प्रकारप्रेज़म्प्टिव आय की दरप्रोत्साहन
डिजिटल लेन-देन6%कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा।
नकद लेन-देन8%नकद लेन-देन को कम करने का प्रयास।

What is 44AD in Income Tax in Hindi FAQ (सामान्य प्रश्न)

1. धारा 44AD का मुख्य उद्देश्य क्या है?
छोटे व्यापारियों के लिए टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाना।

2. डिजिटल और कैश लेन-देन पर टैक्स दर क्या है?
डिजिटल लेन-देन पर 6% और नकद लेन-देन पर 8%।

3. क्या डॉक्टर और वकील इसका लाभ ले सकते हैं?
नहीं, प्रोफेशनल्स के लिए धारा 44ADA लागू होती है।

4. धारा 44AD किस प्रकार के व्यवसायों के लिए है?
₹3 करोड़ तक टर्नओवर वाले छोटे व्यवसाय।

5. क्या इस स्कीम को बीच में छोड़ सकते हैं?
यदि स्कीम को छोड़ते हैं तो पांच वर्षों तक इसे फिर से नहीं अपनाया जा सकता।

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