What is reverse charge in GST in Hindi जीएसटी में रिवर्स चार्ज क्या है?

Whatsapp Group
Telegram channel

जीएसटी के तहत सामान या सेवाओं की आपूर्ति पर सामान्य तौर पर आपूर्तिकर्ता को ही टैक्स का भुगतान करना होता है। मगर कुछ खास परिस्थितियों में, रिसीवर यानी जिसको सामान या सेवा दी जा रही है, उसे ही टैक्स देना पड़ता है। इसे ही रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (reverse charge in GST) के नाम से जाना जाता है।

आइए, रिवर्स चार्ज से जुड़े कुछ मुख्य बिंदुओं को देखें:

  • कब लगता है रिवर्स चार्ज?
    • कुछ खास आपूर्तियों पर जहां सरकार अनुपालन बढ़ाना चाहती है।
    • आयातित सेवाओं पर।
    • अनरजिस्टर्ड आपूर्तिकर्ताओं से खरीद पर (कुछ अपवादों के साथ)।
    • निर्माण के लिए माल खरीदने पर (निर्माता रजिस्टर्ड हो और आपूर्तिकर्ता अनरजिस्टर्ड हो)।
  • कौन देता है टैक्स?
    • रजिस्टर्ड रिसीवर को टैक्स का भुगतान करना होता है।
  • कितना लगता है टैक्स?
    • टैक्स की दर आपूर्ति की प्रकृति के आधार पर निर्धारित होती है। आमतौर पर यह 18% होता है।
  • कैसे करना होता है भुगतान?
    • रिसीवर को स्वयं टैक्स की गणना करनी होती है और जीएसटी पोर्टल के माध्यम से जमा करना होता है।
  • क्या मिलता है लाभ?
    • रिसीवर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा कर सकता है।

कुछ उदाहरण:

  • कंपनी ए किसी अनरजिस्टर्ड सप्लायर से कच्चा माल खरीदती है। कंपनी ए रजिस्टर्ड है, तो उसे रिवर्स चार्ज के तहत 18% जीएसटी देना होगा।
  • कंपनी बी विदेश से कोई सेवा लेती है। कंपनी बी को उस सेवा पर लगने वाला जीएसटी रिवर्स चार्ज के तहत देना होगा।

Why Reverse Charge Mechanism in GST जीएसटी में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म क्यों लागू है?

जीएसटी प्रणाली में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जिसका उद्देश्य कर चोरी को रोकना और कर आधार को व्यापक बनाना है। आइए, आरसीएम लागू होने के प्रमुख कारणों को संक्षेप में देखें:

1. अनरजिस्टर्ड आपूर्तिकर्ताओं से कर संग्रह सुनिश्चित करना:

  • कई बार, व्यवसाय अनरजिस्टर्ड आपूर्तिकर्ताओं से सामान या सेवाएं खरीदते हैं। ऐसे आपूर्तिकर्ता अक्सर जीएसटी पंजीकरण नहीं कराते हैं और इसलिए टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं।
  • आरसीएम के तहत, खरीदार (जो कि पंजीकृत व्यवसाय होगा) को आपूर्ति पर स्वयं ही जीएसटी का भुगतान करना होता है। इससे सरकार को कर प्राप्त होता है और चोरी रोकी जाती है।

2. विशिष्ट आपूर्तियों पर कर प्रशासन को सरल बनाना:

  • कुछ आपूर्तियों, जैसे निर्माण कार्य, परिवहन सेवाएं, और रेस्तरां सेवाओं में कर चोरी का जोखिम अधिक होता है।
  • आरसीएम लागू करके, इन आपूर्तियों पर सरकार सीधे खरीदार से टैक्स वसूलती है, जिससे प्रशासनिक बोझ कम होता है और कर चोरी की संभावना भी कम हो जाती है।

3. छोटे आपूर्तिकर्ताओं को राहत देना:

  • आरसीएम के तहत, कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में, छोटे आपूर्तिकर्ताओं को जीएसटी पंजीकरण से छूट दी जा सकती है।
  • इससे उनके अनुपालन बोझ को कम किया जा सकता है और कारोबार सुगम बनाया जा सकता है।

4. विदेशी आपूर्तियों पर कर लगाना:

  • जब भारतीय व्यवसाय किसी विदेशी आपूर्तिकर्ता से कोई सेवा खरीदते हैं, तो उस पर जीएसटी लगाना मुश्किल हो सकता है।
  • आरसीएम के तहत, भारतीय व्यवसाय को स्वयं ही सेवा पर जीएसटी का भुगतान करना होता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सरकार को टैक्स मिलता है।

5. कर चोरी को रोकने में सहायक:

  • आरसीएम सरकार को कागजी कार्रवाई पर निर्भर रहने के बजाय सीधे खरीदार से टैक्स प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
  • इससे करदाताओं द्वारा फर्जी चालान पेश करने या खरीद और बिक्री को कम दिखाने की संभावना को कम किया जा सकता है।

Who is Liable to Pay GST in case of Reverse Charge रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत जीएसटी का भुगतान कौन करता है?

जीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) एक विशेष परिस्थिति होती है, जिसमें सामान्य नियमों के विपरीत, आपूर्तिकर्ता के बजाय आपूर्ति प्राप्त करने वाला व्यक्ति जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है। आइए, कुछ सामान्य परिस्थितियों को देखें जहां रिवर्स चार्ज लागू होता है:

1. अनरजिस्टर्ड आपूर्तिकर्ता से खरीद:

  • यदि आपूर्तिकर्ता जीएसटी पंजीकृत नहीं है, तो आप (खरीदार) को उस आपूर्ति पर लागू होने वाले सीजीएसटी और एसजीएसटी का भुगतान करना होगा, भले ही आप स्वयं पंजीकृत हों।

2. विशिष्ट सेवाओं पर:

  • कुछ विशिष्ट सेवाओं पर, जैसे होटल आवास, रेस्तरां सेवाएं, कूरियर सेवाएं, सामुदायिक हॉल किराया आदि, भले ही आपूर्तिकर्ता पंजीकृत हो, आप (खरीदार) को रिवर्स चार्ज के तहत जीएसटी का भुगतान करना होगा।

3. आयात पर:

  • जब आप विदेश से कोई सामान आयात करते हैं, तो आप (आयातक) आयातित माल के मूल्य पर देय सीमा शुल्क के साथ लागू आयात शुल्क (आईजीएसटी) का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे।

4. अन्य विशिष्ट आपूर्तियों पर:

  • जीएसटी परिषद अधिसूचना द्वारा निर्दिष्ट कुछ अन्य विशिष्ट आपूर्तियों पर भी रिवर्स चार्ज लागू हो सकता है। उदाहरण के लिए, रेलवे से यात्री टिकटों की आपूर्ति, राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान की जाने वाली कुछ सेवाएं इत्यादि।

What is Forward Charge and Reverse Charge in GST जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज और रिवर्स चार्ज

जीएसटी प्रणाली में आपूर्ति पर कर का दायित्व दो मुख्य तरीकों से पूरा किया जाता है: फॉरवर्ड चार्ज और रिवर्स चार्ज। आइए, इन्हें आसान शब्दों में समझें:

1. फॉरवर्ड चार्ज:

  • क्या है? यह पारंपरिक तरीका है जिसका इस्तेमाल अधिकांश लेनदेन में किया जाता है।
  • कैसे काम करता है? आपूर्तिकर्ता (जो सामान या सेवा बेचता है) ग्राहक को चालान जारी करता है और उसमें जीएसटी राशि शामिल करता है। ग्राहक चालान की राशि का भुगतान करता है, जिसमें जीएसटी भी शामिल है। आपूर्तिकर्ता तब यह जीएसटी सरकार को जमा करा देता है।
  • उदाहरण: जब आप किसी किराने की दुकान से सामान खरीदते हैं, तो दुकानदार आपको सामान की कीमत के साथ जीएसटी भी वसूलता है। यही फॉरवर्ड चार्ज का उदाहरण है।

2. रिवर्स चार्ज:

  • क्या है? यह एक विशेष चार्जिंग मैकेनिज्म है, जो कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में लागू होता है।
  • कैसे काम करता है? ग्राहक आपूर्तिकर्ता को जीएसटी का भुगतान करता है, और स्वयं उसे सरकार को जमा करता है। आपूर्तिकर्ता को जीएसटी सरकार को जमा करने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • उदाहरण: मान लीजिए, आप एक अनरजिस्टर्ड ट्रांसपोर्ट कंपनी से माल परिवहन की सेवा लेते हैं। इस परिस्थिति में, आपको रिवर्स चार्ज के तहत जीएसटी का भुगतान करना होगा।

कब लागू होता है रिवर्स चार्ज?

  • अनरजिस्टर्ड आपूर्तिकर्ता से खरीद पर (कुछ अपवादों के साथ)
  • विशिष्ट सेवाओं जैसे टैक्सी सेवा, मनोरंजन सेवा, इंश्योरेंस सेवा आदि पर
  • निर्माण कार्यों से जुड़ी सेवाओं पर
  • कचरा हटाने की सेवाओं पर

फॉरवर्ड चार्ज और रिवर्स चार्ज में मुख्य अंतर:

विशेषताफॉरवर्ड चार्जरिवर्स चार्ज
जीएसटी का भुगतान कौन करता है?आपूर्तिकर्ताग्राहक
जीएसटी सरकार को कौन जमा करता है?आपूर्तिकर्ताग्राहक
किस पर लागू होता है?अधिकांश लेनदेनविशिष्ट परिस्थितियां

How to Claim Reverse Charge in GST जीएसटी में रिवर्स चार्ज का दावा कैसे करें

रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) के तहत, कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में, सामान या सेवाओं के प्राप्तकर्ता को उन पर लगने वाला जीएसटी स्वयं भुगतान करना होता है, न कि आपूर्तिकर्ता को। यदि आप रिवर्स चार्ज के तहत जीएसटी का भुगतान करते हैं, तो आप उसका इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) भी ले सकते हैं।

यहां बताया गया है कि जीएसटी में रिवर्स चार्ज का दावा कैसे करें:

1. जांचें कि क्या आप पर रिवर्स चार्ज लागू होता है:

सबसे पहले, यह सुनिश्चित करें कि आपूर्ति, जिसके लिए आपने भुगतान किया है, रिवर्स चार्ज के अधीन है। जीएसटी अधिनियम और जीएसटी परिषद की अधिसूचनाओं में रिवर्स चार्ज के दायरे के बारे में विस्तृत जानकारी है।

2. चालान और अन्य दस्तावेज प्राप्त करें:

आपूर्तिकर्ता से एक वैध चालान और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करें। सुनिश्चित करें कि चालान पर यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित हो कि आपूर्ति रिवर्स चार्ज के तहत की गई है।

3. जीएसटी की गणना करें:

आपूर्ति पर देय कुल जीएसटी की राशि की गणना करें। आपूर्ति की कुल राशि पर लागू दर का उपयोग करके इसे कैलकुलेट करें।

4. जीएसटी का भुगतान करें:

जीएसटी की देय राशि का भुगतान सरकार को निर्धारित समय सीमा के भीतर करें। आप इसे जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन कर सकते हैं।

5. जीएसटी रिटर्न में दावा करें:

अपने जीएसटी रिटर्न में आपूर्ति पर भुगतान किए गए रिवर्स चार्ज को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के रूप में दावा करें। सुनिश्चित करें कि आपने चालान और अन्य दस्तावेजों की प्रतियां रिटर्न के साथ संलग्न की हैं।

How to pay Reverse Charge in GST जीएसटी में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) के तहत भुगतान कैसे करें

1. समझें कि क्या आप पर लागू होता है आरसीएम:

  • रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म तब लागू होता है, जब आप किसी आपूर्तिकर्ता से सामान या सेवाएं खरीदते हैं, जो जीएसटी पंजीकृत नहीं है, लेकिन आप स्वयं जीएसटी पंजीकृत हैं।
  • यह विशिष्ट वस्तुओं और सेवाओं पर भी लागू होता है, भले ही आपूर्तिकर्ता जीएसटी पंजीकृत हो या न हो।

2. इनवॉइस बनाएं:

  • आपूर्तिकर्ता से इनवॉइस प्राप्त नहीं होगा, इसलिए आपको स्वयं इनवॉइस बनाना होगा।
  • इनवॉइस में सामान या सेवाओं का विवरण, कुल मूल्य और लागू कर दर (आमतौर पर 18%) शामिल होना चाहिए।
  • इनवॉइस पर “रिवर्स चार्ज” शब्द को स्पष्ट रूप से अंकित करें।

3. जीएसटी की गणना करें:

  • इनवॉइस की कुल राशि पर लागू कर दर के अनुसार जीएसटी की राशि की गणना करें।
  • उदाहरण के लिए, यदि इनवॉइस की राशि ₹10,000 है और लागू कर दर 18% है, तो जीएसटी राशि ₹1,800 होगी।

4. जीएसटी का भुगतान करें:

  • अपने जीएसटी पोर्टल खाते में लॉग इन करें और “पे टैक्स” अनुभाग पर जाएं।
  • “पे टैक्स ऑन रिवर्स चार्ज” विकल्प चुनें।
  • आवश्यक विवरण दर्ज करें, जैसे चालान संख्या, कर राशि, और भुगतान तिथि।
  • ऑनलाइन भुगतान गेटवे का उपयोग करके जीएसटी का भुगतान करें।

5. जीएसटी रिटर्न दाखिल करें:

  • अपनी मासिक जीएसटी रिटर्न (GSTR-3B) में रिवर्स चार्ज के तहत भुगतान किए गए जीएसटी को दर्ज करें।
  • टेबल 3.1D में भुगतान की गई राशि और कर राशि का विवरण दर्ज करें।

6. इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करें:

  • आप रिवर्स चार्ज के तहत भुगतान किए गए जीएसटी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा कर सकते हैं।
  • आईटीसी का दावा करने के लिए, इसे अपनी मासिक जीएसटी रिटर्न (GSTR-3B) में टेबल 4A में दर्ज करें।

महत्वपूर्ण नोट:

  • रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के नियम जटिल हो सकते हैं। यदि आपको संदेह है कि यह आप पर लागू होता है या नहीं, तो किसी कर सलाहकार से परामर्श लें।
  • सुनिश्चित करें कि आप इनवॉइस और भुगतान के सही रिकॉर्ड बनाए रखते हैं।
  • समय पर जीएसटी का भुगतान और रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है।
Whatsapp Group
Telegram channel

Leave a Comment