Levy and Collection of GST in Hindi : जीएसटी धारा 9 करारोपण और संग्रह

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जीएसटी धारा 9: करारोपण और संग्रह(Levy and Collection of GST)

जीएसटी धारा 9 भारत के गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) अधिनियम, 2017 का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह धारा वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर कर की दरों और संग्रह विधि से संबंधित है।

करारोपण(Levy of GST)

जीएसटी धारा 9 में कहा गया है कि भारत के भीतर या भारत में आयातित किसी भी वस्तु या सेवा की आपूर्ति पर जीएसटी लगाया जाएगा। कर की दरें जीएसटी परिषद द्वारा निर्धारित की जाती हैं और वे विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के लिए भिन्न हैं।

जीएसटी के तहत चार प्रकार के कर हैं:

  • केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी): यह केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया कर है।
  • राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी): यह राज्य सरकारों द्वारा लगाया गया कर है।
  • एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी): यह अंतर-राज्यीय आपूर्ति पर लगाया गया कर है।
  • उपभोग्य वस्तु एवं सेवा कर/कम्पेन्सेटिंग ड्यूटी (सीजीएसटी/सीडी): यह आयातित वस्तुओं पर लगाया गया कर है।

संग्रह(Collection of GST)

जीएसटी अधिनियम के तहत कर के संग्रह के लिए एक आम कर प्रणाली स्थापित की गई है। इस प्रणाली के तहत, करदाता अपना जीएसटी रिटर्न ऑनलाइन जमा कर सकते हैं और कर का भुगतान कर सकते हैं।

जीएसटी रिटर्न में करदाता द्वारा आपूर्ति की गई वस्तुओं और सेवाओं के बारे में जानकारी शामिल होती है, साथ ही कर की राशि भी शामिल होती है। करदाता को समय पर अपना जीएसटी रिटर्न जमा करना आवश्यक है और यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें विलंब शुल्क(Penalty) देना पड़ सकता है।

जीएसटी धारा 9 का महत्व (Levy and Collection of GST under section 9)

जीएसटी धारा 9 जीएसटी अधिनियम का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है क्योंकि यह कर की दरों और संग्रह विधि को निर्धारित करता है। यह धारा यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक समान और पारदर्शी तरीके से कर लगाया जाता है।

जीएसटी धारा 9 व्यवसायों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें यह समझने में मदद करती है कि उन्हें कितना कर देना होगा और कब तक देना होगा। यह व्यवसायों को कर अनुपालन सुनिश्चित करने में भी मदद करता है।

उपधारा (1)

उपधारा (1) में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा आपूर्ति किए गए सभी माल या सेवाओं पर जीएसटी लगाया जाएगा। हालांकि, कुछ विशिष्ट माल या सेवाएं जीएसटी से छूट प्राप्त हैं।

उपधारा (2)

उपधारा (2) में कहा गया है कि पेट्रोलियम क्रूड, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्पिरिट (जिसे आमतौर पर पेट्रोल के रूप में जाना जाता है), प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन ईंधन की आपूर्ति पर केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित तिथि से जीएसटी लगाया जाएगा।

उपधारा (3)

उपधारा (3) में कहा गया है कि वह व्यक्ति जो पंजीकृत नहीं है, लेकिन उसने किसी पंजीकृत व्यक्ति को कर योग्य माल या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति की है, तो वह पंजीकृत व्यक्ति ऐसी आपूर्ति के संबंध में देय कर का भुगतान रिवर्स चार्ज के आधार पर करेगा।

उपधारा (4)

उपधारा (4) में कहा गया है कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा आपूर्ति किए गए माल या सेवाओं पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा।

उपधारा (5)

उपधारा (5) में कहा गया है कि भारत से बाहर या भारत से बाहर से भारत में आयात किए गए माल की आपूर्ति पर, वह व्यक्ति जो आयातक है, वह जीएसटी का भुगतान करेगा।

उपधारा (6)

उपधारा (6) में कहा गया है कि जीएसटी का भुगतान निर्धारित तरीके से किया जाएगा, और केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में नियम बनाए जा सकते हैं।

उपधारा (7)

उपधारा (7) में कहा गया है कि जीएसटी का भुगतान न करने या गलत तरीके से भुगतान करने पर, करदाता पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

उपधारा (8)

उपधारा (8) में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा इस धारा के कार्यान्वयन के लिए नियम बनाए जा सकते हैं।

धारा 9: कर की वसूली (Collection of TAX under GST Process)

1. कर की वसूली की विधि

(1) किसी व्यक्ति से देय कर की राशि वसूल की जाएगी –

(क) उस व्यक्ति द्वारा स्वयं जमा करके; या

(ख) कर अधिकारी द्वारा कर निर्धारण की नोटिस जारी करके और उस निर्धारण के अनुसार राशि की वसूली करके।

(2) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, यदि कर अधिकारी का यह समाधान हो जाता है कि किसी व्यक्ति द्वारा देय कर की राशि वसूल नहीं की जा सकती है, तो वह उस राशि को बकाया कर के रूप में वसूल नहीं करेगा।

2. कर निर्धारण की नोटिस

(1) कर अधिकारी द्वारा कर निर्धारण की नोटिस जारी की जा सकती है यदि वह इस बात से संतुष्ट हो जाता है कि किसी व्यक्ति द्वारा देय कर की राशि का सही ढंग से निर्धारण नहीं किया गया है।

(2) कर निर्धारण की नोटिस में कर की राशि का निर्धारण किया जाएगा और उस व्यक्ति को निर्धारित राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाएगा।

(3) कर निर्धारण की नोटिस उस व्यक्ति को दी जाएगी जिससे कर की राशि वसूल की जानी है।

(4) कर निर्धारण की नोटिस में निर्धारित राशि का भुगतान करने की अंतिम तिथि भी निर्दिष्ट की जाएगी।

3. अपील

(1) कर निर्धारण की नोटिस से असंतुष्ट कोई भी व्यक्ति कर अधिकारी के पास अपील कर सकता है।

(2) अपील में, व्यक्ति को कर निर्धारण की नोटिस में निर्धारित राशि से अधिक राशि का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।

(3) कर अधिकारी अपील पर सुनवाई करेगा और कर निर्धारण की नोटिस में किए गए निर्धारण की पुष्टि, संशोधन या रद्द करेगा।

(4) कर अधिकारी का निर्णय अंतिम होगा।

4. ब्याज

(1) यदि किसी व्यक्ति द्वारा देय कर की राशि निर्धारित तिथि तक जमा नहीं की जाती है, तो उसे उस राशि पर सरचार्ज के रूप में साधारण ब्याज का भुगतान करना होगा।

(2) ब्याज की दर प्रति माह एक प्रतिशत होगी।

5. वसूली

(1) यदि कोई व्यक्ति निर्धारित तिथि तक निर्धारित राशि का भुगतान करने में विफल रहता है, तो कर अधिकारी उस राशि को वसूल करेगा।

(2) कर अधिकारी राशि वसूल करने के लिए किसी भी विधि का उपयोग कर सकता है जो कर निर्धारण की नोटिस जारी करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।

(3) कर अधिकारी राशि वसूल करने के लिए किसी संपत्ति को भी कुर्क कर सकता है।

6. अपील का अधिकार

(1) किसी व्यक्ति द्वारा देय कर की राशि की वसूली के खिलाफ, वह व्यक्ति कर अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील कर सकता है।

(2) अपील पर, कर अपीलीय प्राधिकारी वसूली के आदेश की पुष्टि, संशोधन या रद्द करेगा।

(3) कर अपीलीय प्राधिकारी का निर्णय अंतिम होगा।

7. ब्याज की छूट

(1) यदि कोई व्यक्ति निर्धारित तिथि के बाद निर्धारित राशि का भुगतान करता है, तो वह उस राशि पर देय ब्याज की राशि के 10% तक की छूट का हकदार होगा।

(2) छूट का दावा करने के लिए, व्यक्ति को निर्धारित तिथि के बाद निर्धारित राशि का भुगतान करना होगा और कर अधिकारी को सूचित करना होगा कि वह छूट का दावा करना चाहता है।

8. कर अधिकारी की शक्तियां

(1) कर अधिकारी किसी व्यक्ति के पास मौजूद किसी भी रिकॉर्ड या संपत्ति की जांच कर सकता है।

(2) कर अधिकारी किसी व्यक्ति से किसी भी जानकारी का खुलासा करने के लिए कह सकता है।

(3) कर अधिकारी किसी व्यक्ति को कर निर्धारण की नोटिस जारी करने के लिए सम्मन जारी कर सकता है।

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Levy and Collection of GST के अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q: जीएसटी धारा 9 क्या है?

A: जीएसटी धारा 9 में केंद्र सरकार द्वारा गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लगाने का प्रावधान है। यह धारा सभी अंतर-राज्यीय आपूर्ति पर लागू होती है, सिवाय मानव उपभोग के लिए मादक द्रव्यों की आपूर्ति के। जीएसटी की दरें अधिसूचना द्वारा अधिसूचित की जाती हैं ।

Q: जीएसटी धारा 9 के अंतर्गत कौन सी आपूर्तियों पर कर लगाया जाता है?

A: जीएसटी धारा 9 के अंतर्गत निम्नलिखित आपूर्तियों पर कर लगाया जाता है:
भारत के भीतर किसी राज्य से दूसरे राज्य में माल या सेवाओं की आपूर्ति
भारत के भीतर एक ही राज्य के भीतर माल या सेवाओं की आपूर्ति, लेकिन पंजीकृत व्यक्ति द्वारा अनपंजीकृत व्यक्ति को
भारत के बाहर से आयातित माल या सेवाओं की आपूर्ति

Q: जीएसटी धारा 9 के अंतर्गत कर का भुगतान कौन करता है?

A: जीएसटी धारा 9 के अंतर्गत कर का भुगतान आपूर्तिकर्ता द्वारा किया जाता है। हालाँकि, कुछ निर्दिष्ट मामलों में, कर का भुगतान प्राप्तकर्ता द्वारा किया जा सकता है। इन मामलों को रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म कहा जाता है।

Q: रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म क्या है?

A: रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म एक ऐसा तंत्र है जिसके तहत आपूर्तिकर्ता के बजाय प्राप्तकर्ता कर का भुगतान करता है। यह उन मामलों में लागू होता है जहां आपूर्तिकर्ता अनपंजीकृत है या कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है।

Q: रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत कर की दर क्या है?

A: रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत कर की दर वही है जो आपूर्तिकर्ता द्वारा लगाई जाती है।

Q: रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत कर का भुगतान कैसे किया जाता है?

A: रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत कर का भुगतान प्राप्तकर्ता द्वारा उसकी जीएसटी रिटर्न में किया जाता है।

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