जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) व्यवस्था के तहत, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करना करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ है। यह उन्हें व्यापार से संबंधित खरीद पर भुगतान किए गए जीएसटी का दावा करने की अनुमति देता है। लेकिन क्या किराए की आय पर भी ITC का दावा(ITC on rental income) किया जा सकता है? आइए, इस सवाल का जवाब सूचीबद्ध रूप में देखें:
- क्या किराए पर ITC मिलता है?
- सामान्य तौर पर, किराए की आय पर ITC का दावा नहीं किया जा सकता है।
- किन परिस्थितियों में किराए पर ITC का दावा किया जा सकता है?
- केवल व्यावसायिक किराए पर: यदि आप किसी पंजीकृत व्यवसाय को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कोई प्रॉपर्टी किराए पर देते हैं और उस किराए पर जीएसटी लगता है, तो आप उस जीएसटी पर ITC का दावा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी कंपनी को कार्यालय के लिए जगह किराए पर देते हैं और किरायेदार को 18% जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है, तो आप उस 18% जीएसटी पर ITC का दावा कर सकते हैं।
- किन परिस्थितियों में किराए पर ITC नहीं मिलता है?
- आवासीय किराए पर: यदि आप किसी व्यक्ति को आवासीय उद्देश्य के लिए कोई प्रॉपर्टी किराए पर देते हैं, तो उस पर कोई जीएसटी नहीं लगता है और इसलिए, आप उस पर ITC का दावा नहीं कर सकते हैं।
- किराएदार पंजीकृत नहीं है: यदि आप किसी व्यावसायिक इकाई को किराए पर देते हैं, लेकिन वह जीएसटी के लिए पंजीकृत नहीं है, तो उस किराए पर भी कोई जीएसटी नहीं लगेगा और आप ITC का दावा नहीं कर सकेंगे।
- किराए की राशि ₹20 लाख से कम है: यदि आप किसी पंजीकृत व्यवसाय को किराए पर देते हैं, लेकिन वार्षिक किराया राशि ₹20 लाख से कम है, तो उस पर भी कोई जीएसटी नहीं लगेगा और आप ITC का दावा नहीं कर पाएंगे। (यह सीमा कुछ राज्यों में भिन्न हो सकती है।)
- ITC का दावा करने के लिए क्या आवश्यक है?
- किरायेदार को एक पंजीकृत व्यवसाय होना चाहिए और उस किराए पर जीएसटी का भुगतान करना चाहिए।
- आपके पास किरायेदार द्वारा जारी वैध टैक्स चालान होना चाहिए, जिसमें जीएसटी का स्पष्ट उल्लेख हो।
निष्कर्ष:
किराए की आय पर ITC का दावा (ITC on rental income) करना आम तौर पर संभव नहीं है। हालांकि, कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में, जैसे किसी पंजीकृत व्यवसाय को व्यावसायिक उद्देश्य के लिए किराए पर देना और उस पर जीएसटी लगना, आप उस जीएसटी पर ITC का दावा कर सकते हैं।