आयकर रिटर्न (ITR) भरना आपकी जिम्मेदारी है। समय पर और सही तरीके से रिटर्न फाइल करना न केवल कानूनी रूप से आवश्यक है, बल्कि यह रिफंड प्राप्त करने और भविष्य में ऋण आदि लेने में भी आपकी मदद करता है। हालांकि, कई बार गलती से या जान-बूझकर देरी से रिटर्न फाइल करने या गलत जानकारी देने जैसी गलतियां हो जाती हैं। इन गलतियों के लिए आयकर विभाग जुर्माना लगा सकता है।
Income tax penalty in Hindi
1. देर से ITR फाइल करने पर जुर्माना:
- यदि आपकी कर देयता (Tax Liability) है: देय कर राशि के 1% प्रति माह (अधिकतम कर राशि का 5% तक)
- यदि आपकी कर देयता नहीं है: ₹1,000/- (यदि आपकी वार्षिक आय ₹5 लाख से कम है) या ₹5,000/- (यदि आपकी वार्षिक आय ₹5 लाख से अधिक है)
2. गलत या अधूरी जानकारी देने पर जुर्माना:
- आयकर अधिनियम की धारा 271A या 271B के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माना राशि छिपाई गई आय या गलत दावा की गई राशि के 50% से 200% तक हो सकती है।
3. कर भुगतान में देरी पर जुर्माना:
- देय कर राशि पर प्रति माह 1% ब्याज (वर्तमान वित्त वर्ष की दर के अनुसार)
- अतिरिक्त रूप से, धारा 221(1) और 221(2) के तहत जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो देय कर राशि के 1% से लेकर 15% तक हो सकता है।
4. खाता सत्यापन (Verification) ना करने पर जुर्माना:
- यदि आप ई-फाइलिंग के माध्यम से ITR दाखिल करते हैं और खाता सत्यापन नहीं करते हैं, तो आपको ₹5,000/- का जुर्माना देना पड़ सकता है।
जुर्माना से बचने के लिए क्या करें?
- समय सीमा के भीतर अपना ITR दाखिल करें।
- ITR फाइल करते समय सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
- अपनी आय और कर देयता की सही जानकारी दर्ज करें।
- कर का भुगतान समय पर करें।
- अपना ई-फाइलिंग खाता सत्यापित करें।
Income tax penalty in Hindi
जुर्माना का प्रकार | देयता राशि | कारण |
---|---|---|
धारा 234A | देय कर का 1% प्रति माह (अधिकतम विलंब के लिए 1 वर्ष) | निर्धारित तिथि के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करना (छूट प्राप्त आय वाले व्यक्तियों के लिए जुर्माना ₹1,000 और अन्य के लिए ₹5,000 तक सीमित) |
धारा 234F | ₹5,000 | आयकर रिटर्न दाखिल करने में विफलता (जिनकी कुल आय ₹5 लाख से कम है) |
धारा 271A(1)(c) | देय कर का 10% | कर की राशि का कम निर्धारण |
धारा 271A(1)(b) | देय कर और कम निर्धारित कर के बीच का अंतर | आयकर रिटर्न में आय का कम विवरण देना |
धारा 271A(1)(a) | 50% (छिपाई गई आय सहित देय कर का) | आय छिपाना |
धारा 221(1)(c) | विलंबित भुगतान पर देय कर राशि पर ब्याज (वर्तमान में वार्षिक आधार पर 1% प्रति माह) | कर का समय पर भुगतान न करना |
धारा 271B | विवेकाधीन | कर की चोरी या धोखाधड़ी |