भारत में उपहार मिलना एक परंपरा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उपहार पर कभी-कभी आयकर (Income tax on gift deed) भी लग सकता है? जी हाँ, परिस्थिति के आधार पर आपको उपहार पर टैक्स देना पड़ सकता है। आइए देखें कि उपहारों पर आयकर कब लगता है और कब नहीं:
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Income tax on gift deed
1. रिश्तेदारों से मिला उपहार:
- माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, भाई-बहन, पति/पत्नी, पुत्र/पुत्री, दामाद/बहू, साला/साली जैसे करीबी रिश्तेदारों से मिले उपहार पूरी तरह से कर मुक्त हैं।
2. शादी के उपहार:
- शादी के समय रिश्तेदारों और दोस्तों से मिले उपहारों पर भी कोई आयकर नहीं लगता है।
3. अन्य मामलों में उपहार:
- यदि उपहार का मूल्य ₹50,000 से अधिक है और इसे रिश्तेदारों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से प्राप्त किया गया है, तो उस राशि पर आयकर देना पड़ सकता है। उपहार की राशि को उपहार प्राप्त करने वाले की आय में शामिल किया जाता है और उसकी आयकर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है।
4. अपवाद:
- कुछ खास परिस्थितियों में, रिश्तेदारों से मिले उपहार पर भी कर लग सकता है। उदाहरण के लिए, यदि रिश्तेदार आपको नियमित रूप से बड़ी रकम उपहार के रूप में देते हैं, और कर विभाग को लगता है कि यह वास्तव में आय का छिपाने का तरीका है, तो उस पर कर लगाया जा सकता है।
5. दान में दिया उपहार:
- यदि आप प्राप्त उपहार को किसी धर्मार्थ संस्था को दान कर देते हैं, तो आप उस पर धारा 80G के तहत कटौती का दावा कर सकते हैं।
गिफ्ट डीड (Gift Deed) पर आयकर:
गिफ्ट डीड एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति (दाता) अपनी संपत्ति या धन को दूसरे व्यक्ति (प्राप्तकर्ता) को बिना किसी प्रतिफल के हस्तांतरित करता है। आयकर कानून के अनुसार, गिफ्ट डीड पर आयकर के प्रावधानों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
- आयकर अधिनियम, 1961 के तहत, यदि किसी व्यक्ति को एक वित्तीय वर्ष में एक निश्चित सीमा से अधिक का गिफ्ट मिलता है, तो उसे कर योग्य माना जाता है।
- गिफ्ट प्राप्त करने पर आयकर केवल तभी लागू होता है जब गिफ्ट की राशि या मूल्य ₹50,000 से अधिक हो।
गिफ्ट की परिभाषा:
- गिफ्ट वह संपत्ति या धन है जिसे एक व्यक्ति बिना किसी प्रतिफल के दूसरे को देता है।
- गिफ्ट में नकद, संपत्ति, सोना, गहने, वाहन आदि शामिल हो सकते हैं।
- गिफ्ट प्राप्तकर्ता इसे अपनी आय में जोड़कर आयकर रिटर्न में रिपोर्ट करता है।
गिफ्ट पर आयकर के कुछ उदाहरण:
- उदाहरण 1: यदि आपको ₹1,00,000 का गिफ्ट किसी मित्र से मिलता है, तो ₹50,000 तक की राशि बिना कर के होगी, और ₹50,000 पर आयकर लागू होगा।
- उदाहरण 2: यदि आपको ₹60,000 का गिफ्ट आपके माता-पिता से मिलता है, तो यह करमुक्त होगा, क्योंकि माता-पिता से प्राप्त गिफ्ट पर आयकर नहीं लगता।
गिफ्ट पर आयकर से बचने के तरीके:
- रिश्तेदारों से गिफ्ट: सबसे अच्छा तरीका गिफ्ट प्राप्त करने का यह है कि यह रिश्तेदारों से प्राप्त किया जाए, ताकि उस पर आयकर नहीं लगे।
- गिफ्ट की सही मूल्यांकन: गिफ्ट की सही और वास्तविक मूल्यांकन की प्रक्रिया को समझें ताकि आपको भविष्य में कोई परेशानी न हो।
गिफ्ट पर आयकर बचाने के लिए ध्यान रखने योग्य बातें:
- गिफ्ट का दस्तावेजीकरण और प्रमाणपत्र तैयार करें (जैसे गिफ्ट डीड) ताकि भविष्य में किसी तरह की कानूनी समस्या न हो।
- यदि गिफ्ट में कोई संपत्ति या संपत्ति का हस्तांतरण शामिल हो, तो संबंधित स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का ध्यान रखें।
गिफ्ट डीड के अन्य आयकर पहलू:
- यदि गिफ्ट डीड के तहत दी गई संपत्ति पर किसी प्रकार का किराया या रेंट प्राप्त होता है, तो वह आयकर के तहत टैक्सेबल होगा।
- गिफ्ट डीड के तहत दी गई संपत्ति को बेचना या हस्तांतरित करना तब भी आयकर के दायरे में आ सकता है, यदि इसमें पूंजीगत लाभ (Capital Gains) उत्पन्न होता है।
Income tax on gift deed in blood relation
रक्त संबंध में गिफ्ट डीड पर आयकर:
जब गिफ्ट डीड के माध्यम से संपत्ति या धन का हस्तांतरण रक्त संबंधियों (Blood Relatives) के बीच किया जाता है, तो आयकर कानून के तहत इस पर विशेष प्रावधान होते हैं। रक्त संबंधियों के बीच गिफ्ट देने पर आयकर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं। नीचे दिए गए बिंदुओं में इसे समझाया गया है:
- आयकर अधिनियम, 1961 के तहत, यदि गिफ्ट किसी व्यक्ति को उसके रक्त संबंधियों से मिलता है, तो उस गिफ्ट पर आयकर नहीं लगता, चाहे वह किसी भी राशि का हो।
- रक्त संबंधी में शामिल हैं:
- माता-पिता
- भाई-बहन
- दादा-दादी, नाना-नानी
- पति-पत्नी
- पुत्र-पुत्री
- पोते-पोतियां, और अन्य करीबी रिश्तेदार
Income tax on gift deed of immovable property in India
भारत में अचल संपत्ति (Immovable Property) पर गिफ्ट डीड पर आयकर:
जब किसी व्यक्ति को गिफ्ट डीड के माध्यम से अचल संपत्ति (जैसे घर, भूमि, फ्लैट आदि) दी जाती है, तो आयकर कानून के तहत कुछ विशेष प्रावधान होते हैं। गिफ्ट डीड से संबंधित आयकर के प्रमुख पहलुओं को समझना जरूरी है। नीचे इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई है:
1. गिफ्ट डीड और अचल संपत्ति:
- गिफ्ट डीड एक कानूनी दस्तावेज है, जिसके जरिए एक व्यक्ति अपनी अचल संपत्ति (जैसे घर, भूमि आदि) बिना किसी प्रतिफल के दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित करता है।
- यह दस्तावेज गिफ्ट देने वाले व्यक्ति की इच्छा को प्रदर्शित करता है और संपत्ति के हस्तांतरण की कानूनी प्रक्रिया को पूरा करता है।
2. रक्त संबंधियों के बीच गिफ्ट:
- यदि गिफ्ट डीड के माध्यम से अचल संपत्ति का हस्तांतरण रक्त संबंधियों (माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी, पति-पत्नी आदि) के बीच होता है, तो इस पर आयकर नहीं लगता।
- आयकर अधिनियम के तहत, यदि गिफ्ट किसी व्यक्ति को उसके रक्त संबंधी से मिलता है, तो इसे करमुक्त माना जाता है।
3. अन्य व्यक्तियों से गिफ्ट:
- अगर गिफ्ट डीड के माध्यम से अचल संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति (जो रक्त संबंधी नहीं है) से प्राप्त होती है, तो यदि गिफ्ट की कीमत ₹50,000 से अधिक हो, तो उस पर आयकर लगता है।
- इस स्थिति में, प्राप्तकर्ता को गिफ्ट की कुल कीमत पर आयकर देना होता है, जो “आय से अन्य स्रोत” (Income from Other Sources) के तहत चुकाया जाता है।
4. स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क:
- अचल संपत्ति का गिफ्ट देने पर, संबंधित राज्य के कानून के तहत स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना आवश्यक होता है।