भारत के आयकर अधिनियम, 1961 में विभिन्न धाराएं (Sections) दी गई हैं, जो करदाताओं की आय, कटौती, छूट, जुर्माना, और जांच से संबंधित हैं। यहां हम महत्वपूर्ण आयकर धाराओं (Income Tax Ki Dhara) का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
Income Tax Ki Dhara
Table of Contents
1. आयकर अधिनियम की मुख्य धाराएं
धारा
विवरण
धारा 80C
कर बचत के लिए निवेश और खर्चों पर छूट (अधिकतम ₹1,50,000)।
धारा 80D
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती।
धारा 80G
दान (Donation) पर छूट।
धारा 10(14)
भत्ते (Allowances) पर छूट।
धारा 24(b)
गृह ऋण पर ब्याज के भुगतान पर छूट (₹2,00,000 तक)।
धारा 54
पूंजीगत लाभ कर छूट (Capital Gains Exemption) संपत्ति में पुनर्निवेश पर।
धारा 87A
₹5,00,000 तक की आय पर ₹12,500 तक की छूट।
धारा 234A, 234B, 234C
देरी से कर भुगतान पर ब्याज।
धारा 139(1)
ITR दाखिल करने की समय सीमा।
धारा 143(1)
ITR का प्रारंभिक मूल्यांकन और त्रुटि सुधार।
धारा 143(2)
स्क्रूटनी नोटिस (जांच के लिए)।
धारा 148
पुरानी आय का पुनर्मूल्यांकन (Reassessment)।
धारा 234F
देरी से ITR फाइल करने पर जुर्माना (₹1,000-₹10,000)।
2. आयकर छूट और कटौती से संबंधित धाराएं
धारा
विवरण
धारा 80C
PPF, EPF, NSC, ELSS, जीवन बीमा प्रीमियम आदि में निवेश पर कटौती (₹1,50,000 तक)।
धारा 80CCD
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में निवेश पर कटौती।
धारा 80D
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती (₹25,000 से ₹50,000 तक)।
धारा 80DD
विकलांग आश्रितों के इलाज पर छूट (₹75,000 से ₹1,25,000 तक)।
धारा 80E
शिक्षा ऋण के ब्याज पर छूट (8 साल तक)।
धारा 80EE
गृह ऋण पर अतिरिक्त ब्याज की छूट (₹50,000 तक)।
धारा 80G
सरकारी और मान्यता प्राप्त संस्थाओं को दान पर छूट।
धारा 80TTA
बचत खाते पर ब्याज आय पर छूट (₹10,000 तक)।
धारा 80TTB
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर छूट (₹50,000 तक)।
3. पूंजीगत लाभ (Capital Gains) से संबंधित धाराएं
धारा
विवरण
धारा 54
आवासीय संपत्ति की बिक्री से पूंजीगत लाभ पर छूट यदि दूसरी संपत्ति में निवेश किया गया हो।
धारा 54EC
पूंजीगत लाभ पर छूट यदि 54EC बॉन्ड्स में निवेश किया गया हो।
धारा 54F
किसी संपत्ति के पूंजीगत लाभ को दूसरी आवासीय संपत्ति में निवेश करने पर छूट।
धारा 50C
संपत्ति का सर्कल रेट और बिक्री मूल्य में अंतर पर कर।
4. कर भुगतान और मांग से संबंधित धाराएं
धारा
विवरण
धारा 140A
स्व-मूल्यांकन कर (Self-Assessment Tax) का भुगतान।
धारा 143(3)
विस्तृत मूल्यांकन (Detailed Assessment) के लिए नोटिस।
धारा 144
सर्वश्रेष्ठ निर्णय मूल्यांकन (Best Judgment Assessment) यदि जानकारी अधूरी हो।
धारा 147
आय छुपाने पर पुनः जांच (Reassessment)।
धारा 156
कर, ब्याज या जुर्माने की मांग के लिए नोटिस।
धारा 245
बकाया कर को रिफंड से समायोजित करने के लिए नोटिस।
धारा 271(1)(c)
गलत जानकारी या आय छुपाने पर दंड (50% से 200% तक)।
5. पेनाल्टी और ब्याज से संबंधित धाराएं
धारा
विवरण
धारा 234A
देरी से ITR फाइल करने पर ब्याज (1% प्रति माह)।
धारा 234B
अग्रिम कर (Advance Tax) का भुगतान न करने पर ब्याज।
धारा 234C
अग्रिम कर की किस्तों में देरी पर ब्याज।
धारा 234F
अंतिम तिथि के बाद ITR फाइल करने पर जुर्माना (₹1,000 से ₹10,000)।
धारा 271A
खातों का रखरखाव न करने पर ₹25,000 तक का जुर्माना।
धारा 271B
ऑडिट न कराने पर ₹1,50,000 या 0.5% का जुर्माना।
धारा 271H
TDS/TCS रिटर्न देरी से दाखिल करने पर जुर्माना (₹10,000 से ₹1,00,000)।
6. वेतन और भत्तों से संबंधित धाराएं
धारा
विवरण
धारा 10(14)
भत्ते जैसे कि यात्रा, किराया, और दैनिक भत्ता पर छूट।
धारा 10(10D)
जीवन बीमा पॉलिसी के मैच्योरिटी अमाउंट पर छूट।
धारा 16(ia)
वेतनभोगियों के लिए ₹50,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन।
7. निवेश से संबंधित विशेष धाराएं
धारा
विवरण
धारा 80CCG
राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में निवेश पर छूट।
धारा 54EE
स्टार्टअप निवेश में पूंजीगत लाभ पर छूट।
निष्कर्ष
आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराएं (Income Tax Ki Dhara) करदाताओं को आय, छूट, दंड और मूल्यांकन से संबंधित स्पष्टता प्रदान करती हैं। कर बचाने के लिए धारा 80C, 80D, और 24(b) जैसी धाराओं का उपयोग किया जा सकता है, जबकि जुर्माना और मूल्यांकन से बचने के लिए नियमों का पालन करना जरूरी है।
सलाह: यदि आपकी आय या निवेश संरचना जटिल है, तो CA या कर सलाहकार से संपर्क करना उचित रहेगा। इससे आप सही कर नियोजन कर पाएंगे और नोटिस या पेनाल्टी से बच सकेंगे।