आयकर (Income Tax) किसी देश की सरकार द्वारा नागरिकों और संगठनों की आय पर लगाया गया एक प्रमुख कर है। भारत में आयकर का इतिहास काफी पुराना और रोचक है। इस लेख में, हम जानेंगे कि भारत में आयकर कब (Income tax Kab Lagu Hua Tha) और क्यों लागू हुआ, इसके विकास का सफर, और वर्तमान प्रणाली।
आयकर का प्रारंभिक इतिहास
वर्ष | घटना |
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1860 | भारत में आयकर पहली बार 1860 में लॉर्ड कैनिंग की सरकार द्वारा लगाया गया। |
1861 | आयकर अधिनियम 1860 को समाप्त कर दिया गया। |
1867 | आयकर प्रणाली को सुधारने और पुनः लागू करने के लिए नए कदम उठाए गए। |
1886 | भारत में पहली स्थायी आयकर प्रणाली स्थापित हुई। |
भारत में पहला आयकर अधिनियम (1860)
भारत में पहला आयकर ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1860 में लागू किया गया। इसका उद्देश्य 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई वित्तीय हानि को पूरा करना था। उस समय के वाइसराय लॉर्ड कैनिंग ने यह कर लगाया। यह कर अस्थायी था और केवल कुछ सालों के लिए लागू किया गया।
विशेषताएं:
- आयकर अधिनियम 1860 में भारत में पहली बार लागू हुआ।
- यह केवल उच्च आय वाले व्यक्तियों पर लागू था।
- 500 रुपये से अधिक वार्षिक आय वालों को कर का भुगतान करना पड़ता था।
1886 का आयकर अधिनियम
1886 में ब्रिटिश सरकार ने एक स्थायी आयकर प्रणाली लागू की। यह अधिनियम आधुनिक आयकर प्रणाली का आधार बना।
मुख्य बिंदु:
- आय के विभिन्न स्रोतों जैसे वेतन, किराया, और व्यापार लाभ पर कर लगाया गया।
- कर की दरें आय के स्तर के आधार पर अलग-अलग थीं।
- इसका उद्देश्य सरकार की राजस्व प्रणाली को स्थिर करना था।
स्वतंत्रता के बाद आयकर का विकास
1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, आयकर प्रणाली में कई बदलाव हुए। सरकार ने इसे और अधिक व्यवस्थित और प्रगतिशील बनाने के लिए कदम उठाए।
वर्ष | घटनाक्रम |
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1949 | भारत सरकार ने आयकर अधिनियम में सुधार किया। |
1961 | वर्तमान आयकर अधिनियम, 1961 लागू हुआ। |
1986 | कर दरों और स्लैबों में बड़े सुधार किए गए। |
2020 | नई आयकर व्यवस्था (छूट के बिना कम दरें) पेश की गई। |
आयकर अधिनियम 1961
यह भारत में वर्तमान समय में आयकर की रीढ़ है। इसे 1 अप्रैल 1962 से लागू किया गया।
प्रमुख विशेषताएं:
- आयकर का वर्गीकरण किया गया (व्यक्तिगत करदाता, कंपनियां, आदि)।
- कर चोरी को रोकने के लिए सख्त प्रावधान जोड़े गए।
- वित्तीय वर्ष और निर्धारण वर्ष (Assessment Year) की अवधारणा पेश की गई।
आयकर से जुड़ी रोचक बातें
- भारत में आयकर विभाग 1860 से काम कर रहा है।
- आयकर रिटर्न फाइल करना हर भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी है।
- डिजिटल युग में ई-फाइलिंग का प्रचलन बढ़ा है।
निष्कर्ष
आयकर प्रणाली भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 1860 से लेकर आज तक, इसमें कई बदलाव हुए हैं। आयकर न केवल सरकार के राजस्व का मुख्य स्रोत है, बल्कि यह आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भारत की आयकर प्रणाली समय के साथ और भी अधिक पारदर्शी और सरल होती जा रही है। नागरिकों को चाहिए कि वे इस प्रणाली को समझें और अपनी आय के अनुसार कर का ईमानदारी से भुगतान करें।