Income Tax Ka Notice Kab Aata Hai आयकर का नोटिस कब आता है?

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आयकर विभाग द्वारा नोटिस (Income Tax Ka Notice Kab Aata Hai) जारी करना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे विभिन्न कारणों से भेजा जा सकता है। यह जरूरी नहीं है कि नोटिस का मतलब हमेशा किसी समस्या या गलती से हो। कई बार यह जानकारी के लिए या कर विवरणों की पुष्टि के लिए भी भेजा जाता है। आइए जानते हैं आयकर का नोटिस कब और क्यों आता है।

Income Tax Ka Notice Kab Aata Hai


1. आयकर नोटिस आने के कारण

कारणविवरण
गलत ITR फाइल करनाआय, कटौती या कर भुगतान में गलती होने पर नोटिस आ सकता है।
आय छिपाना (Undisclosed Income)यदि आपने किसी स्रोत से हुई आय को छिपाया है, तो जांच के लिए नोटिस भेजा जा सकता है।
TDS में मिसमैचफॉर्म 16/16A और फॉर्म 26AS के डेटा में अंतर होने पर नोटिस आ सकता है।
देरी से ITR फाइल करनातय समय सीमा के बाद रिटर्न भरने पर नोटिस भेजा जा सकता है।
हाई-वैल्यू लेन-देनबैंक डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड या संपत्ति खरीदने जैसी बड़ी लेन-देन पर नोटिस आ सकता है।
गलत बैंक विवरण या PANबैंक खाते या PAN में गलत जानकारी देने पर नोटिस भेजा जा सकता है।
सत्यापन (Verification)ITR विवरणों की पुष्टि के लिए सत्यापन नोटिस भेजा जा सकता है।
रिफंड क्लेमयदि आपने अधिक रिफंड का दावा किया है तो विभाग स्पष्टीकरण मांग सकता है।
रैंडम स्क्रूटनीकई बार नोटिस रैंडम स्क्रूटनी के लिए भी भेजा जाता है, भले ही कोई गलती न हो।

2. आयकर नोटिस के प्रकार

नोटिस धारानोटिस का कारण
धारा 139(9): त्रुटि सुधाररिटर्न में गलतियां या अधूरी जानकारी होने पर भेजा जाता है।
धारा 143(1): प्रारंभिक मूल्यांकनकर विवरणों में विसंगति के लिए भेजा जाता है। इसमें अतिरिक्त कर या रिफंड का विवरण होता है।
धारा 143(2): स्क्रूटनी नोटिसरिटर्न की गहन जांच के लिए भेजा जाता है, जिसमें सभी दस्तावेज और जानकारी मांगी जाती है।
धारा 148: पुनर्मूल्यांकनछिपी हुई आय या गलत जानकारी होने पर पिछले वर्षों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए भेजा जाता है।
धारा 245: कर समायोजनपुराने बकाया कर को नए रिफंड से समायोजित करने के लिए नोटिस जारी किया जाता है।
धारा 156: मांग नोटिसकर भुगतान या ब्याज के लिए बकाया राशि की मांग हेतु नोटिस भेजा जाता है।
धारा 271(1)(c): जुर्माना नोटिसकर चोरी, गलत जानकारी या आय छिपाने पर दंडात्मक नोटिस जारी किया जाता है।
धारा 131: जांच नोटिसकिसी विशेष जांच या जानकारी एकत्र करने के लिए नोटिस भेजा जाता है।

3. आयकर नोटिस मिलने के बाद क्या करें?

  1. नोटिस को ध्यान से पढ़ें:
    • नोटिस का कारण, धारा और समय सीमा को समझें।
  2. समय पर जवाब दें:
    • देरी करने से जुर्माना या अतिरिक्त जांच हो सकती है।
  3. सभी दस्तावेज तैयार करें:
    • बैंक स्टेटमेंट, फॉर्म 16, फॉर्म 26AS, निवेश विवरण और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज।
  4. कर सलाहकार (CA) से संपर्क करें:
    • यदि नोटिस जटिल है, तो विशेषज्ञ की मदद लें।
  5. ऑनलाइन जवाब सबमिट करें:
    • आयकर पोर्टल पर लॉगिन करें और e-Proceedings टैब में जाकर जवाब सबमिट करें।

4. ऑनलाइन नोटिस का जवाब कैसे दें?

  1. आयकर पोर्टल पर लॉगिन करें।
  2. ‘Pending Actions’ टैब में जाएं।
  3. ‘e-Proceedings’ विकल्प पर क्लिक करें।
  4. नोटिस देखें और मांगी गई जानकारी अपलोड करें।
  5. ‘Submit’ पर क्लिक करें।

5. नोटिस पर जवाब देने की अंतिम तिथि

  • प्रत्येक नोटिस में एक निर्धारित समय सीमा होती है, जो आमतौर पर 15-30 दिन होती है।
  • समय सीमा के भीतर जवाब न देने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

6. क्या नोटिस आने पर जुर्माना लगेगा?

नोटिस मिलने का मतलब हमेशा जुर्माना नहीं होता।

  • गलती सुधारने के बाद यदि कर का बकाया निकलता है, तो ब्याज और जुर्माना लागू हो सकता है।
  • जानबूझकर आय छिपाने या कर चोरी के मामलों में धारा 271(1)(c) के तहत 50% से 200% तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

7. नोटिस से बचने के उपाय

  1. समय पर ITR फाइल करें।
  2. सही जानकारी भरें: आय, निवेश और कटौती की सटीक जानकारी दें।
  3. फॉर्म 26AS से मिलान करें: TDS और आय का मिलान सुनिश्चित करें।
  4. बड़ी लेन-देन की रिपोर्टिंग करें: बैंक डिपॉजिट, संपत्ति खरीद या निवेश की जानकारी छिपाएं नहीं।
  5. पेशेवर सलाह लें: यदि आय या निवेश जटिल है, तो CA की मदद लें।
  6. आधार और PAN लिंक करें।
  7. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रखें।

निष्कर्ष

आयकर नोटिस आना (Income Tax Ka Notice Kab Aata Hai) सामान्य बात है और यह किसी गलती, जांच या पुष्टि के लिए भेजा जा सकता है। यदि आपको नोटिस मिले, तो घबराएं नहीं। समय पर जवाब देकर और सही दस्तावेज जमा करके आप किसी भी समस्या को हल कर सकते हैं।

सलाह:

  • ITR भरते समय सभी जानकारी सावधानीपूर्वक भरें।
  • समय पर नोटिस का जवाब दें।
  • कर सलाहकार की मदद लें, अगर मामला जटिल हो।

इस तरह, आप आयकर नोटिस से जुड़े तनाव से बच सकते हैं और अपने कर मामलों को सुगम बना सकते हैं।

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