क्या आपने अनजाने में जीएसटी का भुगतान कम कर दिया है? जानिए धारा 73(5) में छूट का प्रावधान!कभी ऐसा हुआ है कि आपने अनजाने में अपने जीएसटी देनदारी की गलत गणना कर ली और कम भुगतान कर दिया? चिंता न करें, धारा 73(5) (GST Section 73(5))आपके बचाव में आ सकती है! यह प्रावधान उस परिस्थिति में राहत प्रदान करता है जहां आपने अनजाने में जीएसटी कम या बिल्कुल नहीं चुकाया हो, लेकिन किसी धोखाधड़ी या जानबूझकर छिपाने का इरादा नहीं था।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम धारा 73(5) के प्रमुख बिंदुओं को उजागर करेंगे और बताएंगे कि कैसे यह प्रावधान आपको जीएसटी देनदारी के अनजाने उल्लंघन के लिए संभावित दंड से बचा सकता है। साथ ही, हम ऐसे कदमों पर भी चर्चा करेंगे जो आप भविष्य में इस तरह की गलतियों से बचने के लिए उठा सकते हैं।
तो, यदि आप अनजाने में कम जीएसटी भुगतान करने के बारे में चिंतित हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ आपके लिए है! आगे पढ़िए और पता लगाइए कि कैसे धारा 73(5) (GST Section 73(5)) आपको मुश्किलों से निकाल सकती है!
Table of Contents
GST section 73(5) in Hindi
जीएसटी अधिनियम की धारा 73(5) (GST Section 73(5)) करदाता को कर का भुगतान करने का एक विकल्प प्रदान करती है, जो कर चोरी या जानबूझकर गलत बयानी की स्थिति के अलावा, किसी अन्य कारण से भुगतान नहीं किया गया है या कम भुगतान किया गया है। आइए इस धारा के प्रमुख बिंदुओं को देखें:
1. स्वतंत्र कर निर्धारण:
- धारा 73(5) करदाता को स्वतंत्र रूप से गलत कर या गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट का पता लगाने और उसका भुगतान करने की अनुमति देती है।
2. नोटिस से पहले भुगतान:
- करदाता को नोटिस मिलने से पहले ही गलत कर का भुगतान करने का अधिकार है। इससे जुर्माना और ब्याज के बोझ से बचने का मौका मिलता है।
3. भुगतान की सूचना:
- भुगतान करने के बाद, करदाता को लिखित रूप में उचित अधिकारी को सूचित करना चाहिए।
4. ब्याज और जुर्माना:
- धारा 73(5) के तहत भुगतान किए गए कर पर धारा 50 के तहत ब्याज देय होता है। हालांकि, धारा 73(1) के तहत जारी नोटिस के तहत देय ब्याज या जुर्माना माफ हो सकता है।
5. शर्तें:
- इस धारा के तहत भुगतान का लाभ उठाने के लिए, करदाता को यह साबित करना होगा कि गलत कर या गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट का भुगतान किसी धोखाधड़ी या जानबूझकर गलत बयानी के कारण नहीं हुआ है।
6. लाभ:
- धारा 73(5) का उपयोग करने से करदाता जुर्माना और देरी से भुगतान के ब्याज से बच सकता है। साथ ही, यह कर अधिकारियों के साथ एक सकारात्मक छवि बनाने में मदद कर सकता है।
7. सावधानी:
- करदाता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके द्वारा किए गए भुगतान की राशि सही हो। गलत राशि का भुगतान करने से उलझनें और जुर्माना लग सकता है।
8. सहायता:
- यदि धारा 73(5) के तहत भुगतान के संबंध में कोई संदेह है, तो करदाता को पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
9. नवीनतम जानकारी:
- जीएसटी अधिनियम में समय-समय पर संशोधन होते रहते हैं। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि नवीनतम जानकारी के लिए कर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या किसी कर सलाहकार से संपर्क करें।
10. निष्कर्ष:
धारा 73(5) ) GST Section 73(5))करदाताओं को गलतियों को सुधारने और उनके दायित्वों को पूरा करने का एक रचनात्मक तरीका प्रदान करती है। इस प्रावधान का बुद्धिमानी से उपयोग करने से करदाता जुर्माना और ब्याज के बोझ से बच सकते हैं और जीएसटी अधिकारियों के साथ एक सकारात्मक संबंध बना सकते हैं।
GST Section 17(5) in Hindi : GST धारा 17(5) इनपुट टैक्स क्रेडिट
73(5) voluntary in GST
स्वैच्छिक कर भुगतान
केंद्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 73 करदाताओं को किसी गलती या भूल के कारण जमा नहीं किए गए या कम जमा किए गए कर, गलत रिफंड के लिए, गलत तरीके से उपयोग किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए भुगतान करने का प्रावधान करती है। इस धारा के तहत स्वैच्छिक कर भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसके बारे में विस्तृत जानकारी निम्नलिखित बिंदुओं में दी गई है:
GST voluntary payment section 73(5)
1. स्वैच्छिक कर भुगतान किसे और कब कर सकते हैं?
- कोई भी करदाता जो यह मानता है कि उसने किसी वित्तीय वर्ष में गलत तरीके से कम कर का भुगतान किया है या कोई कर देना रह गया है, वह नोटिस जारी होने से पहले या नोटिस जारी होने के 30 दिनों के भीतर स्वैच्छिक रूप से कर का भुगतान कर सकता है।
- यदि नोटिस जारी होने के 30 दिनों के बाद स्वैच्छिक भुगतान किया जाता है, तो जुर्माना लागू होगा।
2. स्वैच्छिक कर भुगतान कैसे करें?
- करदाता फॉर्म GST DRC-03 का उपयोग करके उचित कर कार्यालय में स्वैच्छिक कर भुगतान कर सकता है।
- फॉर्म में स्वैच्छिक भुगतान का कारण, देय कर की राशि, ब्याज और देय होने वाले किसी भी जुर्माने का विवरण शामिल होना चाहिए।
- भुगतान नकद, चेक या ऑनलाइन के माध्यम से किया जा सकता है।
3. स्वैच्छिक कर भुगतान के लाभ क्या हैं?
- स्वैच्छिक कर भुगतान करने से जुर्माना कम हो सकता है या पूरी तरह से माफ हो सकता है।
- नोटिस और उसके बाद की कार्यवाही से बचा जा सकता है।
- कर चोरी के आरोपों से बचते हुए कर प्रणाली के साथ अनुपालन सुनिश्चित होता है।
- व्यापार प्रतिष्ठा का संरक्षण होता है।
4. ध्यान देने योग्य बातें:
- स्वैच्छिक कर भुगतान केवल उन्हीं मामलों में मान्य है जहां किसी धोखाधड़ी या जानबूझकर कर चोरी का इरादा नहीं है।
- भुगतान की गई राशि का इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में दावा नहीं किया जा सकता है।
- यदि स्वैच्छिक कर भुगतान की गई राशि गलत पाई जाती है, तो करदाता रिफंड का दावा कर सकता है।
5. निष्कर्ष:
सीजीएसटी धारा 73(5) के तहत स्वैच्छिक(GST Section 73(5) Voluntary) कर भुगतान की सुविधा करदाताओं को गलतियों को सुधारने और जुर्माना और कार्यवाही से बचने का एक अवसर प्रदान करती है। यदि आप मानते हैं कि आपने गलत तरीके से कम कर का भुगतान किया है, तो स्वैच्छिक भुगतान का विकल्प चुनना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, किसी भी तरह के संदेह होने पर किसी कर सलाहकार से सलाह लेना उचित है।
Penalty under section 73(5) of GST
यदि आप धारा 73(5) के तहत स्वेच्छा से कर का भुगतान करते हैं, तो आपको दंड का भुगतान नहीं करना होगा। हालांकि, आपको देय कर राशि पर ब्याज का भुगतान करना होगा। ब्याज की दर वर्तमान में 18% प्रति वर्ष है।
देरी से भुगतान करने पर क्या होता है?
यदि आप जीएसटी अधिकारियों द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद स्वयं कर का भुगतान करते हैं, तो आपको दंड का भुगतान करना होगा। दंड की राशि निम्न में से जो भी अधिक हो, उसके बराबर होगी:
- देय कर का 10%
- ₹10,000
What is Section 73(5) in GST: GST देनदारी निर्धारण के लिए अग्रिम भुगतान
जीएसटी धारा 73(5) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो करदाता को स्वेच्छा से जीएसटी देनदारी का भुगतान करने की अनुमति देता है, भले ही उसे नोटिस या स्टेटमेंट जारी न किया गया हो। यह देनदारी गलत रिफंड, गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट या किसी अन्य कारण से हो सकती है, लेकिन इसमें धोखाधड़ी या जानबूझकर तथ्यों का छिपाना शामिल नहीं है।
तालिका में GST Section 73(5) धारा 73(5) के प्रमुख पहलुओं को संक्षिप्त में प्रस्तुत किया गया है:
पहलू | विवरण |
---|---|
भुगतान का अधिकार | करदाता को यह अधिकार है कि वह नोटिस या स्टेटमेंट जारी होने से पहले ही स्वेच्छा से देनदारी का भुगतान कर दे। |
भुगतान का आधार | देनदारी का निर्धारण करदाता स्वयं कर सकता है या उचित अधिकारी द्वारा निर्धारित राशि का भुगतान कर सकता है। |
भुगतान का तरीका | भुगतान नकद या चालू खाता जमा के माध्यम से किया जा सकता है। |
भुगतान की सूचना | करदाता को लिखित रूप में उचित अधिकारी को भुगतान की सूचना देनी चाहिए। |
लाभ | अग्रिम भुगतान करने से करदाता को पेनल्टी से बचने में मदद मिलती है और देनदारी का निपटारा भी तेज हो जाता है। |
सीमाएं | यह प्रावधान धोखाधड़ी या जानबूझकर तथ्यों के छिपाने के मामलों पर लागू नहीं होता है। |
ध्यान दें:
- सीजीएसटी धारा 73(5) का उपयोग करदाता के लिए कर अनुपालन को आसान बनाने का एक तरीका है।
- स्व-निर्धारण और भुगतान से नोटिस जारी होने और जुर्माना लगाने की संभावना कम हो जाती है।
- हालांकि, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि स्व-निर्धारण सटीक और कर प्रावधानों के अनुपालन में हो।
यह तालिका केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और विशिष्ट परिस्थितियों में लागू नहीं हो सकती है। उचित सलाह के लिए कृपया किसी कर सलाहकार से परामर्श लें।
उदाहरण:
मान लीजिए किसी कंपनी को पता चलता है कि उसने गलत तरीके से 10,000 रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया है। कंपनी CGST धारा 73(5) के तहत उचित अधिकारी को लिखित रूप में सूचित करते हुए 10,000 रुपये और उस पर लागू होने वाला ब्याज का अग्रिम भुगतान कर सकती है। इससे कंपनी को पेनल्टी से बचने में मदद मिल सकती है और देनदारी का निपटारा भी तेज हो जाएगा।
GST Section 73(5) in Hindi FAQ
सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत नोटिस क्या है?
धारा 73 गलत तरीके से भुगतान किए गए या कम भुगतान किए गए कर, गलत तरीके से प्राप्त रिफंड, या गलत तरीके से उपयोग किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट के मामलों में कर प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया नोटिस है। यह धारा धोखाधड़ी या जानबूझकर तथ्यों को छिपाने के इरादे के बिना अशुद्धियों को ठीक करने का अवसर प्रदान करती है।
धारा 73(5) की ब्याज दर क्या है?
धारा 73(5) के तहत गलत तरीके से भुगतान किए गए या कम भुगतान किए गए कर पर धारा 50 के तहत देय ब्याज दर लागू होती है। वर्तमान में, यह दर प्रति वर्ष 18% है।
सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 के लिए समय सीमा क्या है?
कर अधिकारी को संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तारीख से तीन साल के भीतर धारा 73 के तहत नोटिस जारी करना होता है। कुछ मामलों में, यह समय सीमा 5 साल तक बढ़ाई जा सकती है।
धारा 73 के तहत जीएसटी के लिए जुर्माना क्या है?
धारा 73 के तहत जुर्माना की राशि गलत तरीके से भुगतान किए गए या कम भुगतान किए गए कर की 10% तक हो सकती है। हालांकि, अगर गलती धोखाधड़ी के कारण हुई है तो जुर्माना अधिक हो सकता है।
सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत कारण बताओ नोटिस क्या है?
दंड लगाने या टैक्स मांगने से पहले कर अधिकारी आपको धारा 73 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करता है। इस नोटिस में आपको अपनी कार्रवाइयों का जवाब देने और कर अधिकारी को समझाने का मौका मिलता है कि क्यों जुर्माना या कर मांग नहीं लगाई जानी चाहिए।
सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 और 74 में क्या अंतर है?
धारा 73 धोखाधड़ी या जानबूझकर तथ्यों को छिपाने के इरादे के बिना मामलों को कवर करती है, जबकि धारा 74 धोखाधड़ी या जानबूझकर तथ्यों को छिपाने के इरादे से किए गए कृत्यों से संबंधित है। धारा 74 के तहत जुर्माना और दंड अधिक गंभीर हो सकते हैं।