GST SECTION 73 IN HINDI कर निर्धारण कार्यवाही

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जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) प्रणाली के तहत, धारा 73 कर प्राधिकरण को यह निर्धारित करने का अधिकार देती है कि किसी करदाता द्वारा कितना कर देय है। आइए, इस धारा के मुख्य बिंदुओं को देखें (GST SECTION 73 IN HINDI) :

  • कब लागू होती है धारा 73?
    • यह धारा तब लागू होती है, जब उचित अधिकारी को यह लगे कि किसी कर का भुगतान नहीं किया गया है या कम भुगतान किया गया है या गलत तरीके से वापसी की गई है अथवा इनपुट कर क्रेडिट का गलत लाभ उठाया गया है या उपयोग किया गया है।
    • धोखाधड़ी या जानबूझकर गलत बयानी या कर चोरी के लिए तथ्यों को दबाने के अलावा किसी अन्य कारण से यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • क्या कार्रवाई कर सकता है उचित अधिकारी?
    • उचित अधिकारी करदाता को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है। इस नोटिस में यह उल्लेख होना चाहिए कि करदाता को क्यों बताना चाहिए कि उसे नोटिस में निर्दिष्ट राशि का भुगतान ब्याज सहित क्यों नहीं करना चाहिए।
    • नोटिस जारी करने से पहले, यदि करदाता स्वयं कर का भुगतान कर देता है, तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
  • नोटिस में क्या जानकारी होनी चाहिए?
    • नोटिस में कर की राशि का उल्लेख होना चाहिए जो भुगतान नहीं किया गया है या कम भुगतान किया गया है या गलत तरीके से वापसी की गई है।
    • साथ ही, इनपुट कर क्रेडिट का गलत लाभ उठाए जाने या उपयोग किए जाने का विवरण भी शामिल होना चाहिए।

क्या है धारा 73 जुर्माना? (gst section 73 penalty)

धारा 73 के अंतर्गत, कर प्रशासन किसी करदाता पर जुर्माना लगा सकता है, जिसने:

  • कर का भुगतान नहीं किया है या कम भुगतान किया है (Tax Not Paid or Short Paid)
  • गलत कर राशि का दावा किया है (Wrongful Claim of Tax Amount)
  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत लाभ उठाया है (Wrongful Availment of ITC)
  • जुर्माने की राशि कितनी है? (What is the Penalty Amount?)

धारा 73 के तहत जुर्माना देय कर राशि के 10% या ₹10,000 (₹10 हजार रुपये), जो भी अधिक हो, के बराबर होता है।

  • जुर्माना कब नहीं लगता है? (When is Penalty Not Applicable?)

कुछ स्थितियों में जुर्माना लागू नहीं होता है, जैसे कि:

  • करदाता द्वारा देय कर राशि का भुगतान और ब्याज के साथ निर्धारित समय सीमा के भीतर कर दिया जाता है (Tax Paid Within Time Limit with Interest)
  • नोटिस जारी होने से पहले करदाता स्वयं गलती सुधार कर लेता है (Rectification of Mistake Before Notice)
  • कैसे कम करें जुर्माना? (How to Reduce Penalty?)

यदि आपको धारा 73 के अंतर्गत जुर्माना लगाया गया है, तो आप जुर्माना कम करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको उचित कारण बताना होगा (Reasons for Reduction of Penalty)।

जीएसटी धारा 73(10), 73(5) और 73(11) की व्याख्या (GST Section 73(10), 73(5) & 73(11) Explained)

GST SECTION 73(11) निर्धारण आदेश की अपील का समय (Time Limit for Appeal of Assessment Order)

  • उप-धारा (11) यह स्पष्ट करती है कि धारा 73(9) के तहत जारी निर्धारण आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की समय सीमा वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख से तीन वर्ष या गलत धनराशि जमा किए जाने की तिथि से तीन वर्ष, जो भी बाद में हो, तक है।

GST SECTION 73(10) – निर्धारण आदेश जारी करने का समय (Time Limit for Issuing Assessment Order)

  • उप-धारा (10) यह जनादेश देता है कि धारा 73(1) के तहत जारी नोटिस के लिए निर्धारित कार्रवाई करने के लिए उचित प्राधिकारी के पास तीन वर्ष का समय होगा। यह समय सीमा वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख से या गलत धनराशि जमा किए जाने की तिथि से गिनी जाती है।

GST SECTION 73(5) – करदाता द्वारा स्व-कर निर्धारण और भुगतान (Self-Assessment and Payment by Taxpayer)

  • उप-धारा (5) करदाताओं को यह स्वतंत्रता प्रदान करती है कि वे स्वयं अपना कर निर्धारण कर सकें और देय कर का भुगतान कर सकें। वे ऐसा नोटिस जारी होने से पहले या उसके बाद कर सकते हैं।

जीएसटी धारा 73(1), 73(8) और 73(9)

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) अधिनियम की धारा 73 कर निर्धारण और देय करों के भुगतान से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधानों को निर्धारित करती है। आइए, इस धारा के तीन उप-धाराओं पर एक नज़र डालें:

GST SECTION 73(1)

  • यह उप-धारा उन परिस्थितियों को निर्दिष्ट करती है जिनमें उचित अधिकारी कर निर्धारण कर सकता है।
  • यदि उचित अधिकारी को यह प्रतीत होता है कि किसी कारण से, धोखाधड़ी के अलावा, निम्न में से कोई भी स्थिति है, तो वह कर निर्धारण कर सकता है:
    • कर का भुगतान नहीं किया गया है या कम भुगतान किया गया है।
    • गलत तरीके से रिफंड दिया गया है।
    • इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत तरीके से लाभ उठाया गया है या उपयोग किया गया है।

GST SECTION 73(8)

  • यह उप-धारा उस प्रक्रिया को निर्दिष्ट करती है, जब कोई व्यक्ति धारा 73(1) के अंतर्गत जारी नोटिस का जवाब देता है।
  • यदि कोई व्यक्ति नोटिस मिलने के 30 दिनों के भीतर कर और उस पर देय ब्याज का भुगतान कर देता है, तो उस पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा और नोटिस से संबंधित सभी कार्यवाही समाप्त मानी जाएगी।

GST SECTION 73(9)

  • यह उप-धारा कर निर्धारण की प्रक्रिया को निर्धारित करती है।
  • उचित अधिकारी व्यक्ति द्वारा किए गए किसी भी प्रतिवेदन पर विचार करने के बाद, देय कर, ब्याज और जुर्माने की राशि निर्धारित करेगा और आदेश जारी करेगा।
  • जुर्माने की राशि कर की राशि के 10% या ₹10,000 (जो भी अधिक हो) के बराबर होगी।
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