GST RECOVERY जीएसटी वसूली

Whatsapp Group
Telegram channel

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के लागू होने के बाद, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि करदाता समय पर अपना जीएसटी जमा करें। हालांकि, कुछ स्थितियों में, करदाता जीएसटी का भुगतान करने में चूक कर सकते हैं। ऐसे मामलों में, जीएसटी विभाग के पास कर की वसूली (GST RECOVERY) के लिए विभिन्न प्रावधान हैं।

आइए, जीएसटी वसूली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को सूचीबद्ध रूप में देखें:

1. जीएसटी वसूली कब शुरू होती है?

  • यदि कोई करदाता निर्धारित तिथि तक अपना जीएसटी दाखिल करने में विफल रहता है या देय जीएसटी का भुगतान नहीं करता है, तो जीएसटी विभाग वसूली की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।

2. जीएसटी वसूली के तरीके कौन से हैं?

जीएसटी विभाग कर की वसूली के लिए निम्नलिखित तरीके अपना सकता है:

  • मांग नोटिस जारी करना: विभाग करदाता को एक मांग नोटिस जारी करेगा, जिसमें देय राशि और भुगतान की अंतिम तिथि का उल्लेख होगा।
  • ब्याज और जुर्माना लगाना: देर से भुगतान पर ब्याज और जुर्माना लगाया जाएगा।
  • बैंक खाते में जमा राशि का रोका जाना: विभाग करदाता के बैंक खातों में जमा राशि को रोक सकता है।
  • जमान जब्त करना: यदि करदाता ने जमान जमा किया है, तो विभाग उसे जब्त कर सकता है।
  • ** संपत्ति जब्ती करना और बेचना:** विभाग कर की वसूली के लिए करदाता की संपत्ति को जब्त कर सकता है और बेच सकता है।

3. जीएसटी वसूली से कैसे बचें?

  • समय पर जीएसटी रिटर्न दाखिल करें।
  • देय जीएसटी का समय पर भुगतान करें।
  • जीएसटी विभाग के नोटिसों का तत्काल जवाब दें।
  • किसी भी देरी या चूक के मामले में स्पष्टीकरण प्रदान करें।
  • यदि आवश्यक हो, तो जीएसटी विभाग के साथ भुगतान योजना पर बातचीत करें।

4. जीएसटी वसूली के दौरान करदाता के अधिकार क्या हैं?

  • करदाता को मांग नोटिस जारी करने के कारणों को जानने का अधिकार है।
  • करदाता के पास विभाग के आदेशों का विरोध करने का अधिकार है।
  • करदाता के पास अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर करने का अधिकार है।

GST RECOVERY NOTICE जीएसटी रिकवरी नोटिस

जीएसटी विभाग उन करदाताओं को रिकवरी नोटिस भेजता है जिन्होंने समय पर अपना जीएसटी भुगतान जमा नहीं किया है या गलत रिटर्न दाखिल किया है। यह नोटिस करदाता को बकाया राशि का भुगतान करने और जुर्माना और ब्याज से बचने का अवसर देता है।

यहां जीएसटी रिकवरी नोटिस से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए:

  • कब भेजा जाता है रिकवरी नोटिस?

जीएसटी विभाग निम्नलिखित स्थितियों में रिकवरी नोटिस भेज सकता है:

  • समय पर जीएसटी रिटर्न दाखिल न करना
  • गलत रिटर्न दाखिल करना, जिसके परिणामस्वरूप कम टैक्स देयता दिखाई गई हो
  • देय जीएसटी का भुगतान न करना
  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गलत दावा करना
  • रिकवरी नोटिस में क्या होता है?

रिकवरी नोटिस में आम तौर पर निम्नलिखित जानकारी शामिल होती है:

  • करदाता का नाम और जीएसटी पंजीकरण संख्या
  • बकाया राशि का विवरण (कर, जुर्माना, ब्याज)
  • भुगतान की देय तिथि
  • नोटिस का जवाब कैसे दें
  • आपको क्या करना चाहिए?

जब आपको जीएसटी रिकवरी नोटिस प्राप्त होता है, तो आपको जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए:

  • नोटिस को ध्यान से पढ़ें और बकाया राशि की जांच करें।
  • यदि आप मानते हैं कि नोटिस में कोई गलती है, तो आप विभाग को जवाब दे सकते हैं और स्पष्टीकरण दे सकते हैं। दस्तावेजों के साथ अपना जवाब जमा करें।
  • यदि आप बकाया राशि से सहमत हैं, तो आपको निर्धारित समय सीमा के भीतर भुगतान कर देना चाहिए। आप ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से या निर्धारित बैंक में चालान जमा करके भुगतान कर सकते हैं।
  • देरी से भुगतान करने पर क्या होगा?

यदि आप निर्धारित समय सीमा के भीतर बकाया राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो जीएसटी विभाग निम्नलिखित कार्रवाई कर सकता है:

  • देर से भुगतान पर जुर्माना लगाना
  • ब्याज लगाना
  • आपकी जीएसटी पंजीकरण रद्द करना

What are the modes of recovery of tax under GST जीएसटी के तहत कर वसूली के तरीके

जीएसटी कानून के तहत, कर विभाग के पास बकाएदारों से कर वसूली के विभिन्न तरीके मौजूद हैं। आइए, उन तरीकों को सूचीबद्ध रूप में देखें:

1. बकाएदार के धनराशि से कटौती (Deduction from money owed by the department):

  • यदि कोई करदाता जीएसटी का भुगतान करने में चूक करता है, तो जीएसटी विभाग उस करदाता को वापस किए जाने वाले धन (यदि कोई हो) से बकाया राशि की कटौती कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर रिफंड के भुगतान का समय है, तो विभाग उस रिफंड राशि से बकाया जीएसटी को घटा सकता है।

2. सामानों की जब्ती और बिक्री (Detention and selling of goods):

  • यदि कोई करदाता बकाया राशि का भुगतान नहीं करता है, तो जीएसटी अधिकारी उसके नियंत्रण में रखे गए सामानों को जब्त कर सकते हैं। बाद में, जब्त किए गए सामानों को बेचकर बकाया राशि वसूल की जा सकती है।

3. किसी तीसरे पक्ष से वसूली (Recovery from a third person):

  • जीएसटी कानून के तहत, विभाग उस व्यक्ति से भी कर वसूली कर सकता है, जो बकाएदार को धन का भुगतान करने के लिए देनदार है। उदाहरण के लिए, यदि कोई कंपनी किसी आपूर्तिकर्ता को भुगतान करती है, जो जीएसटी का भुगतान करने में चूक कर चुका है, तो विभाग कंपनी से उस बकाया राशि की वसूली कर सकता है।

4. चल और अचल संपत्ति की कुर्की और बिक्री (Attachment and sale of movable and immovable property):

  • यदि उपरोक्त तरीके विफल हो जाते हैं, तो विभाग करदाता की चल संपत्ति (जैसे वाहन, मशीनरी) या अचल संपत्ति (जैसे जमीन, भवन) को कुर्क कर सकता है। बाद में, कुर्क की गई संपत्ति को नीलाम करके बकाया राशि वसूल की जा सकती है।
Whatsapp Group
Telegram channel

Leave a Comment