हिंदू धर्म में गंगाजल का बहुत महत्व है। इसका इस्तेमाल धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है और यह पवित्र माना जाता है। हालांकि, सरकार ने गंगाजल पर 18% GST लगाने का फैसला लिया है। यह फैसला 20 जुलाई, 2023 से लागू हुआ है। इससे गंगाजल की कीमतों में 18% की वृद्धि हो गई है।
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GST on Gangajal : हिंदुओं पर प्रभाव
- पितृ पक्ष: पितृ पक्ष के दौरान, हिंदू अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगाजल चढ़ाते हैं। GST लगने से हिंदुओं को अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगाजल चढ़ाना मुश्किल हो जाएगा।
- नवरात्रि: नवरात्रि के दौरान, हिंदू गंगाजल से घरों को पवित्र करते हैं। GST लगने से हिंदुओं को नवरात्रि के दौरान गंगाजल से घरों को पवित्र करना मुश्किल हो जाएगा।
- अन्य धार्मिक अनुष्ठान: गंगाजल का उपयोग हिंदू धर्म में कई अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भी किया जाता है। GST लगने से इन अनुष्ठानों को करना भी महंगा हो जाएगा .
गंगाजल पर जीएसटी : सरकार का दावा
भारत सरकार ने गंगाजल पर GST लगाने का फैसला किया है। इसका औचित्य सरकार ने इस प्रकार समझाया है:
- गंगाजल व्यापार को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए: सरकार का दावा है कि यह फैसला गंगाजल व्यापार को अधिक पारदर्शी बनाएगा और अवैध व्यापार पर अंकुश लगाएगा।
- गंगाजल के व्यावसायीकरण को रोकने के लिए: सरकार का कहना है कि गंगाजल पर जीएसटी, गंगाजल के व्यावसायीकरण को रोकेगा और सुनिश्चित करेगा कि गंगाजल का धार्मिक उपयोग ही किया जाए।
- गंगाजल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए: सरकार का तर्क है कि जीएसटी , गंगाजल की कीमतों को नियंत्रित करेगा और सुनिश्चित करेगा कि गंगाजल सभी हिंदुओं के लिए आसानी से उपलब्ध हो।
GST on Gangajal से गंगाजल आपके द्वार योजना पर प्रभाव
नवरात्रि पर घरों में गंगाजल छिड़कने के लिए लोगों को अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। डाकघर से मिलने वाले गंगाजल पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया है। 30 रुपये में मिलने वाली 250 एमएल की बोतल के लिए लोगों को अब 35 रुपये चुकाने होंगे।
केंद्र सरकार की गंगाजल आपके द्वार योजना 2016 में शुरू हुई थी। इसका मकसद लोगों को आसानी से गंगाजल उपलब्ध कराना और डाकघरों की आय बढ़ाना था। शुरुआत में ऋषिकेश और गंगोत्री से आने वाली 200 और 500 मिलीलीटर गंगाजल की कीमत क्रमश: 28 और 38 रुपये थी। वर्तमान में डाक विभाग गंगोत्री के गंगाजल की 250 एमएल की बोतल उपलब्ध करा रहा है जिसकी कीमत 30 रुपये थी। 18 प्रतिशत जीएसटी लगने के बाद अब इसकी कीमत 35 रुपये हो गई है।
GST On गंगाजल : सरकार को सुझाव
- सरकार को गंगाजल पर GST लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
- गंगाजल को एक आवश्यक वस्तु घोषित किया जाना चाहिए ताकि इसे GST से छूट दी जा सके।
- सरकार को गंगाजल की कीमतें कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
गंगाजल पर GST : निष्कर्ष
- हालांकि, हिंदू संगठनों ने सरकार के तर्कों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि GST , गंगाजल व्यापार को और अधिक जटिल बना देगा और ईमानदार व्यापारियों को परेशान करेगा। उनका यह भी तर्क है कि GST , गंगाजल की कीमतों को बढ़ाएगा और गरीब हिंदुओं को गंगाजल खरीदने से रोकेगा।
- हिंदू संगठनों ने सरकार से गंगाजल पर GST लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है।
- यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि GST एक अप्रत्यक्ष कर है और इसका बोझ अंततः उपभोक्ता पर ही पड़ता है। इस प्रकार, गंगाजल पर GST लगाने से गंगाजल की कीमतें बढ़ेंगी और गरीब हिंदुओं को गंगाजल खरीदने में मुश्किल होगी।