जीएसटी अधिसूचना 22/2024, जो 8 अक्टूबर 2024 को जारी की गई थी, इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के संबंध में करदाताओं को राहत प्रदान करती है।
1. अधिसूचना का उद्देश्य क्या है?
यह अधिसूचना सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(5) और 16(6) को लागू करने के लिए जारी की गई है। ये धाराएं जुलाई 2017 से पूर्वव्यापी प्रभाव से 1 जुलाई 2017 से लागू की गई हैं। ये धाराएं उन स्थितियों से संबंधित हैं जहां करदाता किसी आपूर्ति के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने में चूक कर गए थे।
2. अधिसूचना किन परिस्थितियों में लागू होती है?
यह अधिसूचना उन मामलों में लागू होती है जहां:
- करदाता किसी आपूर्ति के लिए आईटीसी का दावा करने में चूक कर गया हो।
- चूक का कारण जीएसटी नियमों का उल्लंघन न हो।
3. राहत का स्वरूप क्या है?
अधिसूचना के तहत, ऐसे करदाता जिन्होंने पहले आईटीसी का दावा नहीं किया था, उन्हें अब दावा करने की अनुमति है। इसके लिए उन्हें एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा।
4. राहत का दावा करने की समय सीमा क्या है?
अधिसूचना जारी होने की तिथि (8 अक्टूबर 2024) से छह महीने के भीतर, यानी 7 अप्रैल 2025 तक राहत का दावा किया जा सकता है।
5. राहत का दावा करने की प्रक्रिया क्या है?
करदाताओं को जीएसटी पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक आवेदन दाखिल करना होगा। आवेदन में चूक के कारणों और दावा किए जा रहे आईटीसी का विवरण शामिल होना चाहिए।
कौन से करदाता लाभ उठा सकते हैं?
यह अधिसूचना उन पंजीकृत व्यक्तियों पर लागू होती है जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं:
- उनके खिलाफ धारा 73, 74, 107 या 108 के तहत एक आदेश जारी किया गया है।
- यह आदेश आईटीसी के गलत लाभ उठाने की पुष्टि करता है, जो धारा 16(4) के उल्लंघन के कारण हुआ है।
- गलत तरीके से लिया गया आईटीसी अब धारा 16(5) या 16(6) के प्रावधानों के तहत उपलब्ध है।
- इन धाराओं के तहत आईटीसी का दावा करने के लिए कोई अपील दायर नहीं की गई है।