याद है वो दिन जब बड़े-बड़े बही-खाते और लंबे-चौड़े चालान व्यापार का अभिन्न अंग हुआ करते थे? उनमें छिपी ग़लतियां ढूंढना तो मानो पहाड़ ढूंढने के बराबर होता था। पर अब ज़माना बदल चुका है, जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) सिस्टम के साथ-साथ डिजिटल क्रांति का परचम भी लहरा रहा है। इसी का एक सशक्त उदाहरण है इ इनवॉइस (E invoice in GST Portal), जो जीएसटी पोर्टल पर व्यापार के डिजिटल रूपांतरण का एक मज़बूत स्तंभ बनकर खड़ा हुआ है।
जीएसटी में इनवॉइस या बिल ऑनलाइन जारी किये जाये तो उसे जीएसटी में इ इनवॉइस (E invoice in GST) कहा जाता है । यह इ-इनवॉइस बिजनस से बिजनस को जारी बिल या इनवॉइस के लिए ही बनाया जाता है । यदि माल किसी फर्म को न बेचकर किसी ग्राहक को बेचा जाये तो इसे बनाने की जरुरत नहीं है ।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम गहराई से देखेंगे कि इ इनवॉइस कैसे काम करता है, किन व्यवसायों के लिए अनिवार्य है, और इसके क्या लाभ हैं। साथ ही, हम उन चुनौतियों पर भी चर्चा करेंगे जो कुछ व्यवासियों को ई-चालान अपनाने में आ रही हैं और उनके समाधान ढूंढेंगे। तो आइए, बही-खाते बंद करके डिजिटल चालान की दुनिया में कदम रखें और जानें कि ई-चालान कैसे भारतीय व्यापार को नया मुकाम दिला रहा है!
इ इनवॉइस पारंपरिक कागज़ी चालानों की जगह ले कर व्यापार की दुनिया में क्रांति ला रहा है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप है जिसमें चालान की सभी जानकारियां डिजिटल रूप से दर्ज की जाती हैं। जीएसटी पोर्टल पर ही जनरेट और प्रमाणित होने के चलते इसकी प्रामाणिकता और पारदर्शिता निर्विवाद है।
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How to Cancel E invoice in GST Portal जीएसटी पोर्टल पर इ इनवॉइस कैसे रद्द करें
जीएसटी प्रणाली में इ इनवॉइस एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। हालांकि, कभी-कभी गलतियां हो सकती हैं और आपको किसी जारी किए गए ई-चालान को रद्द करने की आवश्यकता हो सकती है। यह गाइड आपको जीएसटी पोर्टल पर इ इनवॉइस रद्द करने के दो तरीकों से अवगत कराएगा:
1. सिंगल इ इनवॉइस रद्द करना:
- जीएसटी इ इनवॉइस पोर्टल https://einvoice1.gst.gov.in/ पर लॉग इन करें।
- मेनू में “इ इनवॉइस” विकल्प चुनें।
- “रद्द करें” पर क्लिक करें।
- या तो चालान का अंकन (Acknowledgement number) या इनवॉइस रेफरेंस नंबर (IRN) दर्ज करें और “गो” पर क्लिक करें।
- रद्द करने का कारण चुनें और विवरण दर्ज करें।
- “सबमिट” पर क्लिक करें।
- सफलतापूर्वक रद्द किए गए इ इनवॉइस के लिए पुष्टिकरण संदेश प्राप्त होगा।
2. बैच में इ इनवॉइस रद्द करना (बल्क में):
- जीएसटी इ इनवॉइस पोर्टल पर लॉग इन करें।
- मेनू में “सहायता” पर क्लिक करें।
- “बल्क जेनरेशन टूल्स” चुनें।
- “इ इनवॉइस रद्द करें – आईआरएन द्वारा जेएसओएन तैयारी” डाउनलोड करें।
- एक्सल शीट में आईआरएन, रद्द करने का कारण और टिप्पणियां दर्ज करें।
- फाइल को फिर से सेव करें और जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करें।
- “बल्क आईआरएन रद्द करें” पर क्लिक करें।
- सफलतापूर्वक रद्द किए गए इ इनवॉइस का विवरण और किसी भी त्रुटि संदेश के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।
ध्यान देने योग्य बातें:
- आप इ इनवॉइस जारी होने के 24 घंटे के भीतर ही इसे रद्द कर सकते हैं।
- रद्द करने के कारणों में अंकगणितीय त्रुटियां, गलत प्रोडक्ट विवरण, गलत ग्राहक जानकारी आदि शामिल हो सकते हैं।
- पूरी तरह से रद्द किए गए इ इनवॉइस को GSTN द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी।
- रद्द किए गए ई-चालान का एक ऑडिट ट्रेल बना रहेगा, इसलिए इसे केवल वैध कारणों से ही रद्द करें।
How to Amend E invoice in GST Portal जीएसटी पोर्टल पर इ इनवॉइस में संशोधन कैसे करें
ई-चालान आपके कर रिकॉर्ड की अहम कड़ी हैं, लेकिन गलतियां हो सकती हैं। चिंता न करें! जीएसटी पोर्टल पर ई-चालान में संशोधन करना संभव है। हालांकि, इसके नियम और सीमाएं हैं। यहां संक्षिप्त जानकारी:
क्या आप अपने इ इनवॉइस में बदलाव कर सकते हैं?
- नहीं, सीधे तौर परइ इनवॉइस में संशोधन नहीं किया जा सकता। एक बार जारी होने के बाद, इसे हटा दिया जाता है और कर रिकॉर्ड का स्थायी हिस्सा बन जाता है।
तो क्या आपके पास विकल्प नहीं है?
बिल्कुल नहीं! दो तरीके हैं जिनसे आप गलत इ इनवॉइस को ठीक कर सकते हैं:
- रद्द करें और नया जारी करें:
- 24 घंटे के भीतर आप गलत इ इनवॉइस को रद्द कर सकते हैं।
- इसके लिए “इ इनवॉइस रद्द करें” सुविधा का इस्तेमाल करें।
- रद्द करने के बाद, सही विवरण के साथ एक नया इ इनवॉइस जारी करें।
- जीएसटीआर-1 में रिपोर्ट करते समय संशोधन करें:
- यदि रद्द करने की समय सीमा समाप्त हो गई है, तो भी चिंता न करें।
- त्रुटियों को जीएसटीआर-1 रिटर्न में संशोधित किया जा सकता है।
- रिटर्न भरते समय “अन्य विवरण” टैब में “इ इनवॉइस में छूटे/गलत विवरण” उपयोग करें।
How to Make E invoice in GST Portal जीएसटी पोर्टल पर ई-इनवॉइस कैसे बनाएं
ई-इनवॉइस, या इलेक्ट्रॉनिक चालान, जीएसटी प्रणाली का एक अनिवार्य घटक बन गया है, जो व्यवसायों के लिए पारदर्शिता और अनुपालन सुनिश्चित करता है।
यदि आप अपने जीएसटी लेनदेन के लिए ई-इनवॉइस बनाने के बारे में अनिश्चित हैं, तो घबराएं नहीं! यह सूची आपको सरल चरणों में प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन करेगी:
1. प्रारंभिक तैयारी:
- सुनिश्चित करें कि आप एक पंजीकृत जीएसटी करदाता हैं और आपके पास सक्रिय जीएसटी लॉगिन क्रेडेंशियल हैं।
- ई-इनवॉइस सॉफ्टवेयर, जीएसटी वेब पोर्टल के ई-इनवॉइस टूल का उपयोग करें या एपीआई एकीकरण की व्यवस्था करें।
- मास्टर डेटा जैसे उत्पाद विवरण, एचएसएन कोड और ग्राहक/विक्रेता जानकारी को अपडेट करें।
2. चालान बनाएं:
- अपने ई-इनवॉइस सॉफ्टवेयर या पोर्टल पर जाएं और एक नया चालान बनाएं।
- चालान प्रकार (टैक्स इनवॉइस, डेबिट/क्रेडिट नोट) चुनें, ग्राहक/विक्रेता जानकारी दर्ज करें।
- वस्तुओं/सेवाओं का विवरण, मात्रा, मूल्य और एचएसएन कोड जोड़ें।
- टैक्स दरों (सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी, सीईएसएस) का चयन करें और स्वचालित रूप से गणना किए गए करों की समीक्षा करें।
3. IRN उत्पन्न करें:
- सभी विवरणों की पुष्टि हो जाने पर, ई-इनवॉइस सॉफ्टवेयर या पोर्टल पर डिजिटल हस्ताक्षर करें।
- “Generate IRN” पर क्लिक करें। एक 16-अंकीय अद्वितीय आईआरएन (Invoice Reference Number) उत्पन्न होगा।
4. चालान डाउनलोड और साझा करें:
- डाउनलोड बटन पर क्लिक करके एक पीडीएफ प्रारूप में ई-इनवॉइस प्राप्त करें।
- प्राप्तकर्ता (ग्राहक) के साथ ई-इनवॉइस और आईआरएन साझा करें। आप ईमेल, जीएसटी पोर्टल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं।
How to View E invoice in GST Portal जीएसटी पोर्टल पर ई-इनवॉइस कैसे देखें
ई-इनवॉइसिंग प्रणाली जीएसटी के तहत कर चोरी रोकने और डेटा प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि आप एक करदाता हैं या ई-इनवॉइस प्राप्त करते हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि आप जीएसटी पोर्टल पर इन ई-इनवॉइस को कैसे देख सकते हैं। आइए, विभिन्न तरीकों और उनके चरणों पर एक नज़र डालें:
1. IRN का उपयोग करके:
- यह विधि सबसे सीधी है, यदि आपके पास उस ई-इनवॉइस का IRN (Invoice Reference Number) उपलब्ध है।
- जीएसटी ई-इनवॉइस पोर्टल पर लॉग इन करें।
- “Search and Verify Signed Invoice” टैब पर क्लिक करें।
- “IRN से खोजें” विकल्प चुनें और आईआरएन दर्ज करें।
- “खोजें” बटन पर क्लिक करें।
- यदि आईआरएन मान्य है, तो आप ई-इनवॉइस देख सकेंगे और इसे पीडीएफ या एक्सल प्रारूप में डाउनलोड कर सकेंगे।
2. प्राप्तकर्ता जीएसटीएन का उपयोग करके:
- इस विधि का उपयोग आप उन सभी ई-इनवॉइस को देखने के लिए कर सकते हैं जो आपको किसी विशिष्ट अवधि में प्राप्त हुए हैं।
- जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करें।
- “Download e-Invoice (JSON)” टैब पर क्लिक करें।
- “प्राप्तकर्ता जीएसटीएन” विकल्प चुनें और अपना जीएसटीएन नंबर दर्ज करें।
- वांछित वित्तीय वर्ष और महीना चुनें।
- “डाउनलोड ई-इनवॉइस (JSON)” बटन पर क्लिक करें।
- डाउनलोड की गई फाइल में सभी प्राप्त ई-इनवॉइस की जानकारी JSON प्रारूप में होगी। आप इसे किसी JSON व्यूअर या मैन्युअल रूप से देख सकते हैं।
Applicability of E invoice under GST जीएसटी में इ-इनवॉइस
पहले GST E invoice बड़े कर दाताओ के लिए लागू किया गया था, लेकिन अब छोटे करदाता को भी इसके दायरे में ले लिया गया है । इसके तहत कोई नया इनवॉइस नहीं बनाना पड़ता है , बल्कि पहले से बने हुए बिल या इनवॉइस को ऑनलाइन e-invoice पोर्टल पर जाकर अपलोड करना होता है । अपलोड हो जाने के बाद एक नंबर जारी किया जाता है । जिसे IRN NUMBER (IRN full form – invoice reference number) कहा जाता है । हर इनवॉइस का एक अलग IRN नंबर होता है । ये सारा डाटा जीएसटी पोर्टल और इ-वे बिल पोर्टल पर अपडेट हो जाता है । इससे इन इनवॉइस की डिटेल, जीएसटी रिटर्न भरते समय और इ वे बिल बनाते समय दोबारा डालनी नहीं होती है । इससे काफी समय बचता है ।
E invoice in GST limit जीएसटी इ-इनवॉइस के लिए टर्नओवर लिमिट
ऐसे व्यवसाई जिनका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक है, उनको 01 अगस्त 2023 से इ इनवॉइस बनाना जरुरी है । शुरुआत में यह टर्नओवर लिमिट 500 करोड़ थी, जिसे 500 करोड़ से घटाए हुए 100, 50, 20, 10 करोड़ और अब 5 करोड़ कर दिया है । टैक्स इनवॉइस , डेबिट नोट, क्रेडिट नोट के लिए इ इनवॉइस बनाना होगा । यह केवल बिजनस से बिजनस (B2B) को किये सप्लाई के लिए ही इ इनवॉइस बनाना होगा । बिजनस से ग्राहक (B2C) को की गई सप्लाई पर यह लागू नहीं होगा ।
E invoice generation time limit जीएसटी में इ इनवॉइस बनाने की समय सीमा
इनवॉइस जारी करने के 30 दिन के अंदर इ इनवॉइस बनाना जरुरी होता है । पहले यह समय सीमा 7 दिन थी ।
E invoice process इ इनवॉइस कैसे बनाये ?
जीएसटी में इ इनवॉइस बनाने के लिए इ इनवॉइस पोर्टल पर जाना होगा। वह पर इनवॉइस डिटेल जैसे फर्म का नाम, जीएसटी नंबर, सप्लाई की कीमत, टैक्स रेट, टैक्स अमाउंट डालना होगा । इसके बाद IRN नंबर प्राप्त होगा । एक से अधिक बिल होने पर आप JSON एक्सेल फाइल डाउनलोड करके एक साथ सभी बिलो की डिटेल्स दे सकते है । और एक साथ ही सभी के इ इनवॉइस बना सकते है । इसके लिए आप किसी थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर की मदद भी ले सकते है । इन सभी के IRN नंबर की डिटेल्स रजिस्टर्ड ईमेल पर भी भेज दी जाती है । साथ ही हर इनवॉइस डिटेल्स जीएसटी पोर्टल पर भी ट्रांसफर कर दी जाती है , ताकि जीएसटी रिटर्न भरने में आसानी रहे । इ वे बिल पोर्टल पर भी इ इनवॉइस डिटेल्स भेज दी जाती है , जिससे इ वे बिल बनाते समय दोबारा डिटेल्स न भरनी पड़े और इ वे बिल बनाने में समय कम लगता है ।
GST STATE CODE : यह क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे करना है?
benefits of e-invoicing इ इन्वॉइसिंग के फायदे
- डाटा मिसमैच की एरर कम ।
- डाटा एंट्री की एरर कम ।
- जीएसटी रिटर्न फाइलिंग आटोमेटिक ।
- जीएसटी इ वे बिल बनाना आसान ।
- इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का समायोजन जल्दी ।
- जीएसटी विभाग द्वारा ऑडिट की बहुत कम सम्भावना ।
- टैक्स चोरी को रोकना ।
- फ़र्ज़ी बिल बनाने वालो पर लगाम ।
E invoice in GST Portal जीएसटी पोर्टल पर इ इनवॉइस FAQ
E invoice cancellation time limit
इ इनवॉइस बनाने के 24 घंटे के अंदर ही कैंसिल किये जा सकते है ।
E invoice download
इ इनवॉइस पोर्टल पर जाकर इ-इनवॉइस डाउनलोड किये जा सकते है ।
E invoice E way bill
इ इनवॉइस जो भी बिल बनाये जाते है, उनका इलेक्ट्रॉनिक रूप है । जबकि इ वे बिल माल को एक जगह से दूसरी जगह पर भेजने के लिए बनाया जाता है ।
E invoice for services
सर्विसेज ( B2B) के लिए भी इ इनवॉइस बनाना जरुरी है ।
E invoice penalty
इ इनवॉइस नहीं बनाने पर टैक्स के बराबर या 10000 रूपये जो भी ज्यादा हो , पेनल्टी है ।
E invoice QR code scanner
E INVOICE QR CODE VERIFER को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर इ इनवॉइस को स्कैन कर सकते हो और उसकी सभी डिटेल्स verify कर सकते हो ।