What is GST Council in Hindi जीएसटी परिषद्

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जीएसटी परिषद् ( GST Council) एक संवैधानिक संस्था है , जो जीएसटी से जुड़े मामलो जैसे टैक्स रेट, जीएसटी रिटर्न और जीएसटी नियमो पर अपनी सिफारिशें करती है । GST COUNCIL केंद्र और राज्य का संयुक्त फोरम है । इसके 31 सदस्य होते है । केंद्र से 2 सदस्य और राज्यों से 28 एवं केंद्र शासित प्रदेशो से 3 सदस्य होते है ।

Table of Contents

What is GST Council in Hindi जीएसटी काउंसिल

भारत में एकीकृत कर प्रणाली के रूप में लागू हुआ जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) आज देश के कर ढांचे का एक अहम स्तंभ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस महत्वपूर्ण व्यवस्था के संचालन में जीएसटी काउंसिल का कितना महत्वपूर्ण रोल है? आइए, लिस्ट व्यू के रूप में संक्षेप में समझें:

1. क्या है जीएसटी काउंसिल?

  • जीएसटी काउंसिल एक संवैधानिक स्तर का निकाय है, जिसका गठन जीएसटी प्रणाली के कुशल और समन्वित कार्यान्वयन के लिए किया गया है।
  • इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री या कर मंत्री शामिल होते हैं।

2. क्या करती है जीएसटी काउंसिल?

  • काउंसिल जीएसटी दरों, छूटों, कर आधार, सीमाओं और अन्य महत्वपूर्ण नीतियों पर सिफारिशें करती है।
  • यह राज्यों और केंद्र के बीच कर राजस्व के वितरण के सिद्धांतों को भी निर्धारित करती है।
  • जीएसटी प्रणाली के सुचारू संचालन के लिए नियमों और प्रक्रियाओं को तय करना भी काउंसिल का ही काम है।

3. कैसे काम करती है जीएसटी काउंसिल?

  • काउंसिल की बैठकें समय-समय पर होती हैं, जहां सदस्य विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं और निर्णय लेते हैं।
  • निर्णय लेने के लिए आमतौर पर सभी सदस्यों की सहमति की आवश्यकता होती है, हालांकि कुछ मामलों में बहुमत से निर्णय लिए जा सकते हैं।

4. जीएसटी काउंसिल का महत्व क्यों है?

  • जीएसटी प्रणाली की सफलता काफी हद तक काउंसिल के प्रभावी कार्य पर निर्भर करती है।
  • सभी राज्यों और केंद्र के बीच सहयोग और समन्वय के जरिए ही जीएसटी को एक समान और निष्पक्ष कर प्रणाली के रूप में बनाए रखा जा सकता है।
  • काउंसिल यह सुनिश्चित करती है कि जीएसटी व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के साथ-साथ राजस्व संग्रह में भी मददगार साबित हो।

GST Parishad ka Mukhyalay Kahan Hai जीएसटी परिषद् का मुख्यालय कहा पर है ?

जीएसटी के कार्यान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण निकाय है – जीएसटी काउंसिल। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जीएसटी काउंसिल का मुख्यालय कहां है? जीएसटी परिषद के मुख्यालय के बारे में रोचक तथ्य:
जीएसटी काउंसिल का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह केंद्रीय वित्त मंत्रालय के परिसर में स्थित है।
जीएसटी काउंसिल की स्थापना 12 सितंबर, 2016 को हुई थी। इसका उद्देश्य जीएसटी के कार्यान्वयन, दरों और छूटों के निर्धारण, और विवादों के समाधान के लिए सिफारिशें करना है।
जीएसटी काउंसिल की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं। इसके सदस्यों में सभी राज्यों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार के कुछ मंत्री शामिल हैं।
जीएसटी काउंसिल की बैठकें आम तौर पर हर तिमाही में होती हैं। हालांकि, आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बैठकें भी आयोजित की जा सकती हैं।
जीएसटी काउंसिल के निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते हैं। इसका मतलब है कि सभी सदस्य किसी भी निर्णय पर सहमत होने चाहिए।
जीएसटी काउंसिल के कार्यालय का पता है:
North Block, Central Secretariat, New Delhi – 110011
जीएसटी काउंसिल की वेबसाइट है: https://gstcouncil.gov.in/
केंद्रीय सचिवालय परिसर में विराजमान: यह परिषद, भारत सरकार के केंद्रीय सचिवालय परिसर के भव्य तिलक मार्ग में अपना कार्यालय स्थापित किए हुए है।
सुलभ और केंद्रीय लोकेशन: भारत के दिल में स्थित यह मुख्यालय देश के सभी हितधारकों – राज्यों, केंद्र सरकार और उद्योग जगत – के लिए आसानी से सुलभ है।
निर्णयों की गूंज पूरे देश में: यहीं से लिए गए हर महत्वपूर्ण निर्णय का प्रभाव, जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक पूरे देश में अनुभव किया जाता है।
जीएसटी परिषद का मुख्यालय सिर्फ एक भौगोलिक स्थिति नहीं है, बल्कि यह देश के आर्थिक विकास को दिशा देने वाली संस्था का परिचायक है। यही वह केन्द्र बिन्दु है जहाँ सहयोग, विचार-विमर्श और संघवाद के सिद्धांत मिलकर राष्ट्र के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए निर्णय लेते हैं।

What is GST Council Meeting जीएसटी परिषद् मीटिंग क्या है ?

GST Council मीटिंग केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में होती है । और सभी राज्यों के वित्त मंत्री इस मीटिंग का हिस्सा होते है । इस मीटिंग में जीएसटी के नियम बनाने और पुराने नियमो में संशोधन की शक्ति होती है ।

जीएसटी परिषद् मीटिंग कितनी बार होती है । (how many times GST Council Meeting held. )
GST Council Meeting जरुरत के हिसाब से होती है । इस मीटिंग की कोई निश्चित संख्या या नियत समय नहीं होता है । जैसे साल 2021 में चार बार और साल 2022 में यह दो बार ही हुई है ।

जीएसटी परिषद की पिछली 10 बैठकों के परिणाम (Result of last 10 GST Council Meeting)
सोलर पैनल और बैटरी पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% की गई।
कोविड-19 के टीके और बूस्टर खुराकों पर जीएसटी दर शून्य की गई।
पैकेटबंद खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 12% की गई।
कपड़ों और जूतों पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% की गई
बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी पर 28% जीएसटी लगाया गया।
लैपटॉप, मॉनिटर, प्रिंटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 12% की गई।
नमक, चावल, गेहूं, आटा और दूध जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दर 5% से घटाकर शून्य की गई।
होटल और रेस्तरां में आवास और भोजन पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 12% की गई।

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Quorum for GST Council जीएसटी परिषद का कोरम

जीएसटी परिषद की किसी भी बैठक के लिए कोरम कुल सदस्यों की संख्या का 50% है। इसका अर्थ है कि बैठक में निर्णय लेने के लिए कुल सदस्यों की संख्या का आधा से अधिक उपस्थित होना आवश्यक है।

जीएसटी परिषद के सभी निर्णय उपस्थित सदस्यों के भारित मतों के कम से कम तीन चौथाई बहुमत से लिए जाते हैं। केंद्र सरकार के मत का भार कुल मतों का एक तिहाई होगा। सभी राज्य सरकारों के मतों का भार कुल मतों के दो-तिहाई के बराबर होगा।

यदि किसी बैठक में कोरम पूरा नहीं होता है, तो बैठक को स्थगित कर दिया जाता है और निर्णय अगली बैठक में लिया जाता है।

Schedule 3 of Section 7 of CGST Act सीजीएसटी अधिनियम की धारा 7 की अनुसूची 3

केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम, 2017 की धारा 7 की अनुसूची 3 उन विशिष्ट लेन-देन की एक सूची प्रदान करती है जो न तो वस्तुओं की आपूर्ति (गुड्स सप्लाई) हैं और न ही सेवाओं की आपूर्ति (सर्विस सप्लाई)। इसे सीधे शब्दों में कहें, तो इन गतिविधियों पर जीएसटी नहीं लगता है।

आइए, अनुसूची 3 में सूचीबद्ध कुछ प्रमुख लेन-देन पर एक नज़र डालें:

  • कर्मचारी द्वारा नियोक्ता को दी जाने वाली सेवाएं: अपने रोजगार के अनुबंध के तहत किसी कर्मचारी द्वारा नियोक्ता को दी जाने वाली सेवाएं जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं।
  • किसी न्यायालय या ट्रिब्यूनल द्वारा दी जाने वाली सेवाएं: किसी न्यायालय या ट्रिब्यूनल द्वारा उसके न्यायिक कार्यों के दौरान प्रदान की जाने वाली सेवाएं जीएसटी से मुक्त हैं।
  • अध्यक्ष, सदस्य या निदेशक द्वारा दी जाने वाली सेवाएं: केंद्रीय या राज्य सरकार या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा स्थापित किसी निकाय में अध्यक्ष, सदस्य या निदेशक के रूप में किसी व्यक्ति द्वारा दी जाने वाली सेवाएं, यदि उन्हें कर्मचारी नहीं माना जाता है, तो जीएसटी के अंतर्गत नहीं आती हैं।
  • अंतिम संस्कार, दाह संस्कार, श्मशान या मोर्चरी की सेवाएं: मृतक के परिवहन सहित अंतिम संस्कार, दाह संस्कार, श्मशान या मोर्चरी की सेवाएं जीएसटी का विषय नहीं हैं।
  • भूमि की बिक्री: भूमि की बिक्री जीएसटी के दायरे में नहीं आती है, हालांकि कुछ अपवाद हो सकते हैं जैसे औद्योगिक भूखंड और वाणिज्यिक परिसर।
  • कार्रवाई योग्य दावे (लॉटरी, सट्टेबाजी और जुआ को छोड़कर): कार्रवाई योग्य दावे, जैसे वसूली योग्य ऋण या बिल ऑफ एक्सचेंज, को जीएसटी के अंतर्गत वस्तु या सेवा नहीं माना जाता है।
  • गैर-कर योग्य क्षेत्र में वस्तुओं की आपूर्ति: किसी गैर-कर योग्य क्षेत्र (जैसे, जम्मू और कश्मीर) में वस्तुओं की आपूर्ति, यदि ऐसी वस्तुएं भारत में प्रवेश नहीं करती हैं, तो जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं।

Schedule 1 of Section 7 of CGST Act सीजीएसटी अधिनियम की धारा 7 की अनुसूची 1

सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 7 की अनुसूची 1 उन गतिविधियों या लेनदेन को सूचीबद्ध करती है जिन्हें बिना प्रतिफल के आपूर्ति माना जाता है, भले ही उनके लिए कोई भुगतान या अन्य मूल्यवान प्रतिफल न दिया गया हो। दूसरे शब्दों में, इन गतिविधियों को जीएसटी के दायरे में माना जाता है और उन पर टैक्स लगाया जा सकता है।

अनुसूची 1 में शामिल प्रमुख गतिविधियां हैं:

  • स्थायी हस्तांतरण या व्यावसायिक परिसंपत्तियों का निपटान: यदि किसी व्यवसाय ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ उठाकर किसी परिसंपत्ति को खरीदा है और बाद में उसे स्थायी रूप से हस्तांतरित या निपटाया है, तो इसे बिना प्रतिफल के आपूर्ति माना जाएगा और इस पर जीएसटी लागू होगा।
  • पंजीकृत व्यक्तियों के बीच आपूर्ति: यदि दो पंजीकृत व्यक्ति आपस में किसी सामान या सेवा की आपूर्ति करते हैं, तो इसे बिना प्रतिफल के आपूर्ति माना जा सकता है, भले ही इसके लिए कोई भुगतान न किया गया हो। हालांकि, कुछ अपवाद हैं, जैसे कि नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को ₹50,000 से अधिक मूल्य का उपहार नहीं देना।
  • अजेंट द्वारा प्रिंसिपल को आपूर्ति: यदि कोई एजेंट किसी सामान को अपने प्रिंसिपल के लिए प्राप्त करता है, तो इसे प्रिंसिपल को बिना प्रतिफल के आपूर्ति माना जाएगा।

ध्यान देने योग्य बातें:

  • अनुसूची 1 में सूचीबद्ध सभी गतिविधियों पर स्वतः ही जीएसटी नहीं लगेगा। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपूर्ति करने वाला और प्राप्त करने वाला पंजीकृत हैं या नहीं, आपूर्ति का मूल्य क्या है, और आपूर्ति किस उद्देश्य से की गई है।
  • अनुसूची 1 में केवल उन गतिविधियों को शामिल किया गया है जिन्हें बिना प्रतिफल के आपूर्ति माना जाता है, भले ही उनके लिए कोई भुगतान न किया गया हो। यह एक संपूर्ण सूची नहीं है और अन्य गतिविधियां भी जीएसटी के दायरे में आ सकती हैं।
  • जीएसटी के प्रावधान जटिल हो सकते हैं और लगातार अपडेट होते रहते हैं। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि कोई गतिविधि अनुसूची 1 के अंतर्गत आती है या नहीं, तो हमेशा किसी कर सलाहकार से परामर्श लें।

जीएसटी परिषद के पहले अध्यक्ष कौन थे

भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर (GST) के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली जीएसटी परिषद के पहले अध्यक्ष स्वर्गीय अरुण जेटली थे।

उन्होंने एक वित्त मंत्री के रूप में न केवल जीएसटी के निर्माण और कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाई, बल्कि जीएसटी परिषद की स्थापना और उसके सुचारू संचालन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

अरुण जेटली के जीएसटी परिषद के अध्यक्ष के रूप में योगदान:

  • जीएसटी कानून का मसौदा तैयार करना: उन्होंने राज्य सरकारों और विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर जीएसटी कानून का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई।
  • जीएसटी परिषद का गठन: उन्होंने जीएसटी परिषद के गठन में अग्रणी भूमिका निभाई, जो केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग और समन्वय का एक मंच है।
  • जीएसटी दरों का निर्धारण: उन्होंने जीएसटी दरों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था के लिए एक सरल और कुशल कर प्रणाली बनाना था।
  • जीएसटी के कार्यान्वयन का नेतृत्व: उन्होंने जीएसटी के सुचारू कार्यान्वयन का नेतृत्व किया, जिसमें तकनीकी बुनियादी ढांचे का विकास, प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान शामिल थे।

अरुण जेटली का निधन 9 अगस्त 2019 को हुआ था। उनके जीएसटी परिषद के अध्यक्ष के रूप में योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

जीएसटी परिषद का अध्यक्ष कौन होता है

भारत में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की जाती है। यह व्यवस्था जीएसटी कानून की धारा 9(1) में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है। वर्तमान में, निर्मला सीतारमण भारत की वित्त मंत्री हैं, इसलिए वे वर्तमान जीएसटी परिषद की अध्यक्ष भी हैं।

जीएसटी परिषद के अन्य सदस्य कौन होते हैं?

जीएसटी परिषद में अध्यक्ष के अलावा अन्य सदस्य भी शामिल होते हैं, जिनमें:

  • सभी राज्यों के वित्त मंत्री या कराधान के प्रभारी मंत्री
  • केंद्रीय राज्य मंत्री (राजस्व)
  • केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री या कराधान के प्रभारी मंत्री (जुबानबंदी के साथ आमंत्रित सदस्य)

क्यों केंद्रीय वित्त मंत्री जीएसटी परिषद का अध्यक्ष होते हैं?

केंद्रीय वित्त मंत्री जीएसटी परिषद का अध्यक्ष इस वजह से बनाए गए हैं क्योंकि जीएसटी भारत में केंद्र और राज्यों के बीच सहकारी समन्वय वाला एक संघीय टैक्स है। वित्त मंत्री दोनों केंद्र और राज्यों के समक्ष संयुक्त वित्तीय हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो उन्हें इस परिषद के लिए आदर्श अध्यक्ष बनाता है।

क्या अतीत में कोई अन्य व्यक्ति जीएसटी परिषद का अध्यक्ष रहा है?

जी हाँ, केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में, श्री अरुण जेटली जीएसटी लागू होने के बाद 2017 से 2019 तक जीएसटी परिषद के पहले अध्यक्ष थे।

Who Heads GST Council जीएसटी परिषद का अध्यक्ष कौन है?

  • जीएसटी परिषद का अध्यक्ष भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री हैं। वर्तमान में, यह पद श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा धारण किया जाता है।

How Many Members in GST Council in India जीएसटी परिषद में कितने सदस्य होते हैं

  • जीएसटी परिषद में कुल 39 सदस्य हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष)
  • केंद्रीय राजस्व राज्य मंत्री
  • सभी राज्यों के वित्त मंत्री (या राज्य द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री)
  • केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि (जम्मू और कश्मीर के लिए केंद्र सरकार द्वारा नामित)
  • सटी परिषद में कुल 39 सदस्य होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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