जीएसटी प्रणाली के तहत, करदाताओं को जीएसटी देनदारियों का भुगतान करने के लिए अपने जीएसटी कैश लेजर में धनराशि जमा करनी होती है। आप विभिन्न तरीकों से अपने जीएसएसटी कैश लेजर में राशि जमा (How to add money to GST Cash Ledger) कर सकते हैं। आइए, इन तरीकों को क्रम से देखें:
1. नेट बैंकिंग या आईएमपीएस के माध्यम से:
- अधिकांश बैंक जीएसटी पोर्टल पर नेट बैंकिंग या आईएमपीएस सुविधा प्रदान करते हैं।
- जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करें और “भुगतान” (Payments) सेक्शन में जाएं।
- “चालान भुगतान” (Challan Payment) चुनें और भुगतान के प्रकार (Tax Head), राशि आदि विवरण दर्ज करें।
- अपने बैंक का चयन करें और नेट बैंकिंग या आईएमपीएस गेटवे के माध्यम से भुगतान करें।
- सफल भुगतान के बाद, राशि आपके जीएसटी कैश लेजर में जमा हो जाएगी।
2. आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से:
- आप किसी मान्यता प्राप्त बैंक के माध्यम से आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से भी जीएसटी कैश लेजर में राशि जमा कर सकते हैं।
- इसके लिए आपको एक चालान बनाना होगा। जीएसटी पोर्टल पर जाएं और “सेवाएं” (Services) सेक्शन में जाएं।
- “लेजर” (Ledgers) चुनें और फिर “इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर” (Electronic Cash Ledger) पर क्लिक करें।
- “चालान जनरेट करें” (Generate Challan) चुनें और आवश्यक विवरण भरें, जैसे कर प्रमुख (Tax Head), राशि आदि।
- एक अद्वितीय चालान पर्ची (Challan Challan) जेनरेट होगी।
- इस चालान पर्ची का उपयोग करके अपने बैंक में आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से भुगतान करें।
- भुगतान सफलतापूर्वक जमा होने के बाद, राशि आपके जीएसटी कैश लेजर में दिखाई देगी।
3. बैंक के काउंटर पर नकद जमा के माध्यम से (कुछ बैंकों में उपलब्ध):
- कुछ बैंक आपको जीएसटी पोर्टल पर जेनरेट की गई चालान पर्ची के साथ उनके काउंटर पर नकद जमा करने की सुविधा भी दे सकते हैं।
- अपने बैंक से संपर्क करें और देखें कि क्या वे यह सुविधा प्रदान करते हैं।
GST cash ledger refund process time
जीएसटी प्रणाली के तहत, करदाताओं को उनके जीएसटी कैश लेजर में जमा अतिरिक्त राशि का रिफंड प्राप्त करने का प्रावधान है। आइए, जीएसटी कैश लेजर रिफंड प्रक्रिया (GST cash ledger refund process time) को आसानी से समझने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर नज़र डालें:
- कौन रिफंड का दावा कर सकता है?
निम्नलिखित स्थितियों में करदाता जीएसटी कैश लेजर रिफंड का दावा कर सकते हैं:
- इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का उपयोग करने के बाद भी कैश लेजर में अतिरिक्त राशि जमा हो जाना।
- निर्यात या शून्य-रेटेड आपूर्ति करने वाले करदाता।
- इनपुट सेवाओं पर भुगतान किया गया कर, जिसका उपयोग इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में नहीं किया जा सकता।
- रिफंड का दावा कैसे करें?
जीएसटी कैश लेजर रिफंड का दावा ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है:
- जीएसटी पोर्टल पर लॉगइन करें।
- “Services” (सेवाएं) सेक्शन में जाएं और “Refunds” (रिफंड) विकल्प चुनें।
- “Application for Refund” (रिफंड के लिए आवेदन) चुनें और आवश्यक विवरण भरें।
- संबंधित दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन जमा करें।
- कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?
आवश्यक दस्तावेज रिफंड के कारण के अनुसार भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य दस्तावेजों में शामिल हैं:
- बैंक खाता विवरण
- इनपुट टैक्स चालान
- निर्यात चालान
- रद्द किए गए चालान
- रिफंड राशि किस खाते में जमा की जाती है?
रिफंड राशि आपके द्वारा आवेदन फॉर्म में दिए गए बैंक खाते में जमा की जाएगी।
- क्या रिफंड के लिए कोई शुल्क है?
जी नहीं, जीएसटी कैश लेजर रिफंड के लिए कोई शुल्क नहीं है।
GST cash ledger balance transfer
जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) प्रणाली के तहत, आपके कैश लेजर में विभिन्न प्रकार के कर भुगतान जमा होते रहते हैं। इनमें CGST (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स), SGST (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स), IGST (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स), और लेट फीस या पेनाल्टी जैसी अन्य राशियां शामिल हो सकती हैं।
कई बार आपको अपने जीएसटी कैश लेजर में मौजूद राशि को एक हेड से दूसरे हेड में ट्रांसफर करने की आवश्यकता हो सकती है। अच्छी खबर यह है कि जीएसटी पोर्टल आपको फॉर्म जीएसटी पीएमटी-09 (Form GST PMT-09) के माध्यम से ऐसा करने की सुविधा देता है।
आइए, जीएसटी कैश लेजर बैलेंस ट्रांसफर (GST cash ledger balance transfer) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को सूचीबद्ध रूप में देखें:
- कौन कर सकता है ट्रांसफर? जीएसटी पंजीकृत व्यवसाय अपनी इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में उपलब्ध राशि को फॉर्म जीएसटी पीएमटी-09 के माध्यम से ट्रांसफर कर सकते हैं।
- कब करें ट्रांसफर? आप विभिन्न परिस्थितियों में कैश लेजर बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं, जैसे:
- गलत पेमेंट जमा कर दिया हो (उदाहरण के लिए, सीजीएसटी के स्थान पर एसजीएसटी जमा कर दिया हो)
- कर देयताओं को पूरा करने के लिए (उदाहरण के लिए, आईजीएसटी से सीजीएसटी और एसजीएसटी में ट्रांसफर)
- भविष्य के कर भुगतान के लिए राशि अलग रखना
- क्या ट्रांसफर किया जा सकता है? आप केवल वही राशि ट्रांसफर कर सकते हैं जो आपकी इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में उपलब्ध हो। आप पहले से उपयोग की गई राशि को ट्रांसफर नहीं कर सकते।
- ट्रांसफर की अनुमतियां:
- एक ही जीएसटीआईएन के भीतर ट्रांसफर: आप अपने कैश लेजर में मौजूद राशि को एक हेड से दूसरे हेड में ट्रांसफर कर सकते हैं। (उदाहरण के लिए, सीजीएसटी से एसजीएसटी में)
- अलग जीएसटीआईएन पर ट्रांसफर (सीमित परिस्थिति): 5 जुलाई 2022 से, आप उसी पैन से जुड़े दो अलग-अलग जीएसटीआईएन के बीच सीजीएसटी राशि को ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि, यह सुविधा अभी भी पूरी तरह कार्यात्मक नहीं हो सकती है।
- ट्रांसफर कैसे करें? आप जीएसटी पोर्टल पर जाकर फॉर्म जीएसटी पीएमटी-09 जमा करके कैश लेजर बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं। प्रक्रिया में निम्न चरण शामिल हैं:
- जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करें।
- “सेवाएं” (“Services”) पर जाएं और फिर “लेजर” (“Ledgers”) और “इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर” (“Electronic Cash Ledger”) चुनें।
- “फॉर्म जीएसटी पीएमटी-09 जमा करें राशि के ट्रांसफर के लिए” (“File GST PMT-09 for transfer of amount”) विकल्प चुनें।
- आवश्यक विवरण भरें और सबमिट करें।
GST cash ledger refund supporting documents जीएसटी कैश लेजर रिफंड
जीएसटी प्रणाली में, आपकी जमा की गई राशि से अधिक टैक्स जमा होने पर कैश लेजर रिफंड का दावा किया जा सकता है। हालांकि, रिफंड प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ सहायक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। यहां उन दस्तावेजों की सूची दी गई है जिनकी आपको जीएसटी कैश लेजर रिफंड के लिए आम तौर पर आवश्यकता हो सकती है:
- जीएसटी पंजीकरण प्रमाणपत्र: यह दस्तावेज प्रमाणित करता है कि आप एक पंजीकृत करदाता हैं और जीएसटी का भुगतान करने के लिए पात्र हैं।
- जीएसटी रिटर्न की फाइलिंग: यह दर्शाता है कि आपने निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने जीएसटी रिटर्न दाखिल किए हैं।
- बैंक खाता विवरण: यह विवरण उस बैंक खाते का होना चाहिए जहां आप रिफंड राशि प्राप्त करना चाहते हैं।
- रिफंड का कारण स्पष्ट करने वाला दस्तावेज: यह दस्तावेज कैश लेजर में अतिरिक्त राशि जमा होने का कारण बताएगा। उदाहरण के लिए, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत दावा, निर्यात संबंधी दस्तावेज (यदि निर्यात के कारण रिफंड दावा किया जा रहा है) आदि।
- चालान और भुगतान प्रमाण: यह दस्तावेज उन आपूर्तियों से संबंधित होगा जिन पर आपने पहले से ही कर का भुगतान कर दिया है और जिसके लिए आप इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा कर रहे हैं।
- ऑडिट रिपोर्ट (यदि लागू हो): यदि आप एक बड़ी कंपनी हैं या आपके रिफंड का दावा ₹2 लाख से अधिक है, तो आपको अपने वित्तीय विवरणों की एक स्वतंत्र ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी पड़ सकती है।