Composition Scheme in GST in Hindi : जीएसटी में कंपोजीशन स्कीम

Whatsapp Group
Telegram channel

इस लेख में आप जानेगे, जीएसटी में कम्पोजीशन स्कीम (Composition Scheme in GST in Hindi) जीएसटी में कंपोजीशन स्कीम का लाभ कौन ले सकता है । यह स्कीम छोटे व्यापारियों के लिए बहुत अच्छी है। इसके तहत टैक्स रेट भी कम लगता है। और जीएसटी रिटर्न भी कम फाइल करनी पड़ती है।

Table of Contents

Composition Scheme in GST

Composition Scheme in GST in Hindi जीएसटी कंपोजीशन स्कीम

जीएसटी लागू होने के बाद से छोटे कारोबारियों के लिए टैक्स अनुपालन एक परेशानी बन गई थी। लेकिन, सरकार ने उनकी चिंताओं को समझते हुए “कंपोजीशन स्कीम” नामक एक विशेष योजना शुरू की। यह स्कीम खास तौर पर छोटे व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं की मदद के लिए बनाई गई है ताकि वे कम जटिलता और कम टैक्स दर के साथ जीएसटी का अनुपालन कर सकें।

Composition Scheme in GST Turnover Limit जीएसटी में कम्पोजीशन स्कीम की टर्नओवर लिमिट क्या है ?

  • ऐसे व्यापारी जिनके व्यवसाय का सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रूपये से कम है।
  • सर्विसेज के लिए टर्नओवर लिमिट 50 लाख रुपये है।
  • यदि आप पहाड़ी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के व्यापारी है, तो कम्पोजीशन स्कीम के लिए सालाना टर्नओवर की लिमिट 75 लाख ही है ।

Eligibility for Composition Scheme in GST कौन जीएसटी कम्पोजीशन स्कीम का लाभ नहीं ले सकता है ।

  • आइसक्रीम , पान मसाला और तम्बाकू की मैन्युफैक्चरिंग करने वाले ।
  • राज्य के बाहर सप्लाई करने वाले ।
  • 1.5 करोड़ रूपये से कम सालाना टर्नओवर वाले व्यवसाई ।
  • जिन पर जीएसटी में टैक्स नहीं लगता हो जैसे अल्कोहल , पेट्रोल ।

Composition Scheme in GST For Services जीएसटी कंपोजीशन स्कीम: सेवाओं के लिए एक सरल समाधान

छोटे सेवा प्रदाताओं के लिए जीएसटी अनुपालन की जटिलता को कम करने के लिए सरकार ने कंपोजीशन स्कीम की शुरुआत की है। यह योजना सेवा क्षेत्र के व्यवसायों को कम दरों पर कर का भुगतान करने और सरल रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देती है। आइए, सेवाओं के लिए कंपोजीशन स्कीम के प्रमुख बिंदुओं पर नज़र डालें:

कौन लाभ उठा सकता है?

  • वे सेवा प्रदाता जिनका वार्षिक टर्नओवर ₹50 लाख से अधिक नहीं है।
  • कुछ विशिष्ट सेवाएं जैसे रेस्तरां, पान मसाला और आइसक्रीम इस योजना के अंतर्गत नहीं आती हैं।

कितनी कर दर लागू होती है?

  • सेवाओं पर 6% की रियायती दर लागू होती है।
  • कुछ राज्यों में अतिरिक्त राज्य लेवी भी लग सकती है।

How to opt out of Composition Scheme in GST जीएसटी कंपोजीशन स्कीम से बाहर निकलने का तरीका

यदि आप एक जीएसटी-पंजीकृत व्यवसाय हैं और कंपोजीशन स्कीम के तहत पंजीकृत हैं, तो कुछ परिस्थितियों में आपको इससे बाहर निकलना पड़ सकता है। यह पोस्ट आपको कंपोजीशन स्कीम से बाहर निकलने की प्रक्रिया को सरल शब्दों में समझने में मदद करेगा।

कब बाहर निकलना ज़रूरी है?

  • यदि आपका वार्षिक कारोबार 1.5 करोड़ रुपये (विनिर्माण के लिए) या 2 करोड़ रुपये (किसी अन्य आपूर्ति के लिए) से अधिक हो जाता है।
  • यदि आप कर-मुक्त, छूट वाली या रिवर्स चार्ज तंत्र के तहत आपूर्ति करते हैं।
  • यदि आप इंटरस्टेट आपूर्ति करते हैं।

बाहर निकलने के दो तरीके:

  • स्वैच्छिक तरीका: आप किसी भी वित्तीय वर्ष के दौरान इस स्कीम से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं। ऐसा करने के लिए, आपको फॉर्म GST CMP-04 दाखिल करना होगा।
  • अनिवार्य तरीका: यदि आप ऊपर बताए गए कारणों में से किसी के कारण स्कीम से बाहर आने के योग्य हैं, तो आपको ऐसा करना होगा। कर अधिकारी आपको बाहर निकलने के लिए नोटिस भी जारी कर सकते हैं।

कंपोजीशन स्कीम से बाहर निकलने की प्रक्रिया

कंपोजीशन स्कीम से बाहर निकलने के लिए आपको GST CMP-04 फॉर्म दाखिल करना होगा। यह फॉर्म जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध है। फॉर्म दाखिल करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करें।
  2. “सेवाएं” मेनू पर जाएं और “पंजीकरण” उप-मेनू चुनें।
  3. “कंपोजीशन लेवी से वापसी के लिए आवेदन” विकल्प पर क्लिक करें।
  4. फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरें, जैसे कि आपके कंपोजीशन लेवी छोड़ने का कारण और प्रभावी तिथि।
  5. फॉर्म को डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित करें और सबमिट करें।

बाहर निकलने के बाद क्या करें:

  • आपको नियमित करदाता के रूप में पंजीकरण कराना होगा और मासिक या त्रैमासिक आधार पर रिटर्न दाखिल करना होगा।
  • आपको इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करने का अधिकार होगा।
  • आपको कर अधिकारियों के पास जमा करने के लिए विस्तृत रिकॉर्ड बनाए रखना होगा।

GST Composition Scheme Rules in Hindi जीएसटी कम्पोजीशन स्कीम नियम

  • खरीद पर चुकाए गए टैक्स ( ITC ) का समायोजन नहीं ले सकते है ।
  • व्यवसाई स्थल पर फर्म नाम वाले बोर्ड पर ‘Composition Taxable person’ लिखवाना होगा ।
  • जो भी बिल बनाया जायेगा , उस पर ‘Composition Taxable person not eligible to collect tax’ लिखा हुआ होना चाहिए ।
  • यदि कोई व्यवसाई माल के साथ साथ सर्विस भी देता हो तो सर्विस का टर्नओवर , 5 लाख रूपये या कुल टर्नओवर का 10 प्रतिशत, जो भी ज्यादा हो, तक कम्पोजीशन स्कीम ले सकता है ।

How to opt Composition Scheme in GST कम्पोजीशन स्कीम कैसे ले ?

जो भी कम्पोजीशन स्कीम लेना चाहता है, वह GST पोर्टल पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकता है। इसके लिए ऑनलाइन CMP02 फॉर्म भरना होता है । लेकिन यह फॉर्म वित्तीय वर्ष ( अप्रैल से मार्च ) शुरू होने के पहले ही अप्लाई करना होता है। इसे साल के बीच में नहीं भर सकते है ।
यदि आप जीएसटी रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, तो रजिस्ट्रेशन फॉर्म (REG-01) में ही कंपोजिशन स्कीम चुनने का विकल्प होता है।
यदि आप पहले से ही जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं, तो आप फॉर्म CMP-02 जमा करके इस स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं।

कंपोजीशन स्कीम में शामिल होने के लिए आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं:
जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करें।
“Services” मेनू में जाएं और “Composition Scheme” चुनें।
“Opt for Composition Levy” पर क्लिक करें और आवश्यक जानकारी भरें।
फॉर्म जमा करें ।
जीएसटी विभाग आपका आवेदन स्वीकार कर लेगा और आपको एक प्रमाणपत्र जारी करेगा।

GST Bill in Composition Scheme in GST कम्पोजीशन स्कीम में बिल कैसे बनाये?

कम्पोजीशन स्कीम में ग्राहक से टैक्स नहीं वसूल सकते है । यह टैक्स व्यापारी को खुद की जेब से ही जमा करना होता है । इसलिए वह टैक्स इनवॉइस जारी नहीं कर सकता है । उसे टैक्स इनवॉइस की जगह बिल ऑफ़ सप्लाई जारी करना होता है । इस बिल ऑफ़ सप्लाई के सबसे ऊपर ‘Composition Taxable person not eligible to collect tax on supplies’ लिखा हुआ होता है ।

Composition Scheme in GST Rate कम्पोज़िशन स्कीम में जीएसटी रेट कितनी होती है ।

कम्पोजीशन स्कीम में जीएसटी रेट फिक्स होती है । यह जीएसटी रेट 1% से लेकर 6% तक हो सकती है । इसके लिए तीन टैक्स रेट केटेगरी 1% , 5%, 6% बनायीं गयी है । जीएसटी में कम्पोजीशन स्कीम की रिटर्न

  • पहली केटेगरी में जो व्यवसाई माल मैन्युफैक्चरिंग करते है या माल बेचते है । उन्हें 1 % की टैक्स रेट से जीएसटी देना होता है । जिसमे से 0.5 % SGST और 0.5% CGST होता है । आप क्या माल बना रहे हो या बेच रहे हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है ।
  • दूसरी केटेगरी में रेस्टोरेंट वाले आते है , जो अल्कोहल सर्व नहीं करते हो । उन्हें 5% की टैक्स रेट से जीएसटी देना होता है। जिसमे से 2.5 % SGST और 2.5% CGST होता है ।
  • तीसरी केटेगरी में सर्विस प्रोवाइडर आते है । उन्हें 6% की टैक्स रेट से जीएसटी देना होता है। जिसमे से 3 % SGST और 3% CGST होता है ।

Return for Composition Scheme in GST जीएसटी में कम्पोजीशन स्कीम की रिटर्न

कम्पोजीशन स्कीम में 2 टाइप की रिटर्न भरी जाती है ।

एक होती है CMP-08 जो तीन महीने में एक बार भरी जाती है । उसे तिमाही (जैसे अप्रैल से जून, जुलाई से सितम्बर , अक्टूबर से दिसंबर और जनवरी से मार्च) समाप्त होने पर अगले महीने की 18 तारीख तक भरनी होती है । जैसे अप्रैल से जून तिमाही की रिटर्न CMP-08, जुलाई महीने की 18 तारीख तक भरनी होती है ।

दूसरी रिटर्न GSTR-4 होती है । जो साल भर में एक बार भरी जाती है । इसे वित्तीय वर्ष ( अप्रैल से मार्च ) की समाप्ति पर 30 अप्रैल तक भरना होता है ।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में जीएसटी में कम्पोजीशन स्कीम के बारे में सभी जानकारी देने का प्रयास हमने किया । फिर भी आपका कोई सवाल हो तो आप हमसे कमैंट्स करके पूछ सकते है । जीएसटी में टीडीएस क्या है, सभी जानकारी ।

FAQ

GST Composition Scheme Eligbiltiy

ऐसे करदाता जिनका वार्षिक टर्नओवर 1.5 करोड़ तक है, वो जीएसटी में कम्पोजीशन स्कीम ले सकते है ।

Difference between Regular and Composition in GST

रेगुलर जीएसटी में राज्य बाहर भी सप्लाई कर सकते हो जबकि कम्पोजीशन में नहीं कर सकते हो lरेगुलर जीएसटी में ग्राहक से टैक्स ले सकते है लेकिन कम्पोजीशन में टैक्स नहीं ले सकते है ।

Can i convert Regular to Composition in GST

हाँ । आप नोर्मल से कम्पोजीशन में जा सकते हो । इसके लिए मार्च महीने में ही ऑनलाइन एप्लीकेशन जीएसटी पोर्टल पर डालनी होती है । इसे आप बाद में नहीं डाल सकते है ।

Can i sell online with Composition in GST

हाँ । आप अब कम्पोजीशन में भी ऑनलाइन सामान बेच सकते हो । 2023 से पहले कम्पोजीशन वाले ऑनलाइन सामान नहीं बेच सकते थे ।

Whatsapp Group
Telegram channel

Leave a Comment