Section 130 of GST in Hindi जब्ती का दंड और जुर्माना का प्रावधान

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गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) प्रणाली के तहत कर चोरी और अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान मौजूद हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जीएसटी अधिनियम की धारा 130(Section 130 of GST in Hindi), जो माल या वाहन की जब्ती और जुर्माना लगाने का अधिकार देता है।

यह धारा उन परिस्थितियों को रेखांकित करती है जिनमें किसी माल या वाहन की जब्ती की जा सकती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई बिना चालान के या गलत चालान के साथ माल का परिवहन करता है, या यदि वह टैक्स चोरी के इरादे से किसी जालसाजी का प्रयोग करता है, तो ऐसे मामलों में माल और वाहन दोनों को जब्त किया जा सकता है।

धारा 130 (GST section 130 in Hindi)का उद्देश्य कर अनुपालन बढ़ाना और माल की अवैध आवाजाही को रोकना है। इससे सरकार को राजस्व संग्रह बढ़ाने और एक निष्पक्ष व्यापारिक वातावरण को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।

हालांकि, यह धारा अक्सर वाद-विवाद का विषय बनी रहती है। कुछ का मानना है कि यह व्यवसायों के लिए कठोर है और इसमें अपील की प्रक्रिया अपर्याप्त है। वहीं, अन्य तर्क देते हैं कि यह धारा आवश्यक है और कर चोरी को कम करने में प्रभावी है।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम धारा 130 के विभिन्न पहलुओं का गहन विश्लेषण करेंगे। हम इसकी प्रमुख विशेषताओं, लागू होने की परिस्थितियों, जब्ती की प्रक्रिया और अपील के अधिकार पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, हम इस धारा के पक्ष और विपक्ष में दिए गए तर्कों की भी समीक्षा करेंगे।

तो, आइए धारा 130 की गहराई में जाएं और समझें कि जीएसटी प्रणाली में जब्ती और जुर्माना का प्रावधान किस प्रकार काम करता है!

GST section 130 in Hindi

जीएसटी धारा 130 माल या वाहनों की जब्ती और जुर्माना लगाने का प्रावधान करती है। यह उन मामलों में लागू होती है जहां कोई व्यक्ति जीएसटी कानून या उसके तहत बनाए गए नियमों का उल्लंघन करता है। आइए, इस धारा के मुख्य बिंदुओं को देखें:

1. धारा 130 कब लगती है

जीएसटी अधिनियम की धारा 130 के तहत निम्नलिखित परिस्थितियों में माल या वाहनों की जब्ती की जा सकती है:

  • माल या वाहन को जीएसटी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए ले जाया जा रहा हो।
  • माल या वाहन का इस्तेमाल ऐसे लेन-देन में किया जा रहा हो जो जीएसटी अधिनियम का उल्लंघन करता हो।
  • माल या वाहन के दस्तावेजों में गलत या भ्रामक जानकारी दी गई हो।
  • माल या वाहन पर पहले से ही किसी अन्य कर अपराध के लिए जुर्माना लगाया गया हो।

2. कब लगता है जुर्माना?

जब्ती के अलावा, धारा 130 माल या वाहनों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान करती है। जुर्माने की राशि जब्त किए गए माल के मूल्य पर आधारित होती है और अधिकतम माल के बाजार मूल्य के बराबर हो सकती है।

3. क्या विकल्प है जब्ती के बदले?

जब्ती के बजाय, अधिकारी माल के मालिक को जब्त किए गए माल के बराबर जुर्माना जमा करने का विकल्प दे सकता है। यह जुर्माना जब्त किए गए माल के बाजार मूल्य से अधिक नहीं हो सकता।

4. मालिक की ज़िम्मेदारी क्या है?

मालिक यह साबित कर सकता है कि जब्ती किए गए माल या वाहन का इस्तेमाल उसकी जानकारी या मिलीभगत के बिना गलत तरीके से किया गया था। यदि मालिक ऐसा साबित कर सकता है तो जब्ती रद्द की जा सकती है। जब्ती या जुर्माना के आदेश के खिलाफ मालिक अपील कर सकता है।

5. ज़ब्त की प्रक्रिया:

ज़ब्त की प्रक्रिया अधिनियम में विस्तृत रूप से निर्धारित है। इसमें निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

  • अधिकारी संबंधित वस्तुओं या वाहनों को ज़ब्त कर सकता है और उसके बारे में एक ज़ब्ती पंचनामा तैयार कर सकता है।
  • ज़ब्त किए गए सामानों को सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा।
  • ज़ब्त किए गए सामान के मालिक या कब्जेदार को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा।
  • यदि मालिक या कब्जेदार ज़ब्ती को चुनौती देता है, तो एक अधिकृत अधिकारी द्वारा मामला सुना जाएगा।
  • यदि ज़ब्ती को बरकरार रखा जाता है, तो ज़ब्त किए गए सामान को नीलाम कर दिया जाएगा और प्राप्त राशि को सरकार के खाते में जमा कर दी जाएगी।

Penalty under Section 130 of GST धारा 130 के तहत जीएसटी जुर्माना

जीएसटी कानून के तहत माल की जब्ती और जुर्माना लगाने का प्रावधान है, जिसमें से धारा 130 सबसे अधिक गंभीर परिणामों में से एक है। यह धारा उन स्थितियों को निर्धारित करती है जहां माल और वाहन जब्त की जा सकती है और 200% तक भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। आइए, धारा 130 के तहत जुर्माने के बारे में विस्तार से जानें:

1. कब लगता है धारा 130 के तहत जुर्माना?

  • जब किसी अधिकारी को यह विश्वास हो जाए कि जीएसटी कानून का उल्लंघन हो रहा है, जैसे कि:
    • अवैध रूप से माल का परिवहन
    • गलत दस्तावेज या जानकारी प्रस्तुत करना
    • कर का भुगतान ना करना
    • पहले जब्त किए गए माल का दोबारा परिवहन
  • उपरोक्त परिस्थितियों में अधिकारी माल और वाहन को जब्त कर सकते हैं और 100% से 200% तक माल के मूल्य के बराबर जुर्माना लगा सकते हैं।

2. जुर्माना की दर कैसे तय होती है?

  • अधिकारी उल्लंघन की गंभीरता और कर चोरी के संभावित मूल्य के आधार पर जुर्माने की दर तय करते हैं।
  • सामान्य परिस्थितियों में 100% जुर्माना लगाया जाता है।
  • गंभीर उल्लंघन या बार-बार के उल्लंघन के लिए 200% तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

3. माल और वाहन की रिहाई कैसे होगी?

  • जब्त किए गए माल और वाहन को रिहा करने के लिए जुर्माना की पूरी राशि जमा करनी होगी।
  • कुछ मामलों में, कुछ शर्तों के साथ वाहन को रिहा किया जा सकता है, लेकिन माल रिहा होने के लिए पूरा जुर्माना चुकाना अनिवार्य है।

4. क्या जुर्माने के खिलाफ अपील की जा सकती है?

  • हां, माल जब्ती और जुर्माने के खिलाफ अपील की जा सकती है।
  • अपील प्राधिकारी के पास की जा सकती है और फिर उचित प्राधिकार के पास भी अपील की जा सकती है।

5. किसे जमा करना होता है जुर्माना?

  • जब्त किए गए माल का मालिक जुर्माने का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है।
  • हालांकि, कुछ परिस्थितियों में वाहन के मालिक को भी जुर्माना देना पड़ सकता है।

ध्यान देने योग्य बातें:

  • धारा 130 के तहत जुर्माना गंभीर है और करदाताओं को जीएसटी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।
  • यदि आपको माल जब्ती या जुर्माने का सामना करना पड़ता है, तो तुरंत एक कर सलाहकार से संपर्क करें।
  • जुर्माने से बचने के लिए हमेशा सटीक जानकारी और दस्तावेज प्रस्तुत करें और समय पर कर का भुगतान करें।

Section 130 of GST Amendment जीएसटी धारा 130 में संशोधन

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) प्रणाली के लागू होने के बाद से, इसमें समय-समय पर संशोधन किए जाते रहे हैं। हाल ही में, वित्त अधिनियम, 2021 के माध्यम से, धारा 130 में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं।

आइए, इन परिवर्तनों और उनके प्रभावों को एक सूचीबद्ध विश्लेषण के माध्यम से समझें:

1. जब्ती और जुर्माना कार्यवाही का पृथक्करण:

  • पहले, धारा 129 और 130 को एक साथ जोड़ा गया था, जिससे जब्ती और जुर्माना दोनों के लिए एक ही कार्यवाही चली।
  • संशोधन के बाद, इन दोनों को अलग कर दिया गया है। अब, धारा 129 माल के परिवहन के दौरान जब्ती और रिहाई से संबंधित है, जबकि धारा 130 जब्ती और जुर्माना लगाने के लिए अलग कार्यवाही प्रस्तुत करता है।

2. परिवहन वाहन की रिहाई का अधिक स्पष्ट प्रावधान:

  • पहले, जब्त किए गए वाहन की रिहाई के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था।
  • अब, धारा 130 में यह प्रावधान दिया गया है कि वाहन को जुर्माना या 1 लाख रुपये (जो भी कम हो) का भुगतान करने पर रिहा कर दिया जाएगा।

3. जब्ती का वैकल्पिक रूप से जुर्माना:

  • पहले, जब्ती एक अनिवार्य परिणाम था।
  • अब, कुछ मामलों में, मालिक को माल की जब्ती के बदले जुर्माना का भुगतान करने का विकल्प दिया जाएगा। यह जुर्माना माल पर देय कर के बराबर होगा।

4. कार्यवाही प्रक्रिया में सुधार:

  • संशोधन के बाद, जब्ती और जुर्माना से संबंधित कार्यवाही के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है।
  • अब, उचित अधिकारी को माल जब्त करने के 7 दिनों के भीतर नोटिस जारी करना होगा और नोटिस मिलने के 7 दिनों के भीतर जुर्माना लगाने का आदेश पारित करना होगा।

5. अपील की प्रक्रिया में बदलाव:

  • पहले, धारा 130 के तहत जुर्माना के खिलाफ अपील के लिए जुर्माना का 25% जमा करना अनिवार्य था।
  • अब, यह आवश्यकता समाप्त कर दी गई है।
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