What is IFF in GST in Hindi जीएसटी में आईएफएफ (IFF) क्या है?

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आईएफएफ का मतलब Invoice Furnishing Facility (What is IFF in GST in Hindi) है। यह सुविधा छोटे व्यवसायों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है, जो Quarterly Return Monthly Payment (QRMP) योजना के तहत आते हैं। आईएफएफ की मदद से छोटे व्यवसाय महीने के अंत तक B2B (Business to Business) इनवॉइस की जानकारी जमा कर सकते हैं, जिससे उनके खरीदारों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) समय पर मिल सके।

What is IFF in GST in Hindi


आईएफएफ का उद्देश्य और लाभ

उद्देश्यलाभ
छोटे टैक्सपेयर्स को राहत देनाकर अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाना
ITC उपलब्ध कराने की सुविधाछोटे व्यवसायों के खरीदारों को समय पर ITC देना
तिमाही रिटर्न के बोझ को कम करनामहीने-दर-महीने डेटा अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है

आईएफएफ का उपयोग कौन कर सकता है?

पात्रताविवरण
टर्नओवर सीमाजिनका वार्षिक टर्नओवर ₹5 करोड़ से कम है
रजिस्ट्रेशनQRMP योजना के तहत रजिस्टर्ड जीएसटी धारक
रिटर्न फाइलिंगजीएसटीआर-1 तिमाही आधार पर फाइल करते हैं

आईएफएफ (IFF) और जीएसटीआर-1 में अंतर

पैरामीटरआईएफएफ (IFF)जीएसटीआर-1
फाइलिंग अवधिमासिक (पहले दो महीने)तिमाही (तीसरे महीने में)
प्रकृतिकेवल B2B इनवॉइस का विवरणसभी प्रकार के इनवॉइस का विवरण
सीमामहीने में अधिकतम ₹50 लाख के इनवॉइसकोई सीमा नहीं
उद्देश्यखरीदारों को ITC समय पर देनासम्पूर्ण टैक्स डिटेल देना

आईएफएफ फाइल करने की प्रक्रिया

आईएफएफ फाइल करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

  1. जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करें
    • जीएसटी पोर्टल (www.gst.gov.in) पर जाएं।
    • अपनी जीएसटी आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करें।
  2. सर्विस टैब में जाएं
    • Returns Dashboard में जाकर, Invoice Furnishing Facility (IFF) चुनें।
  3. इनवॉइस की जानकारी भरें
    • केवल B2B (Business-to-Business) इनवॉइस की डिटेल भरें।
    • इनवॉइस की सही जानकारी डालें, जैसे – जीएसटी नंबर, इनवॉइस नंबर, तिथि, मूल्य, और टैक्स की दरें।
  4. डेटा सेव करें
    • डिटेल सेव करें और सभी जानकारी को वेरीफाई करें।
  5. सबमिट और फाइल करें
    • सेव की गई जानकारी को सबमिट और फाइल करें।

आईएफएफ फाइलिंग का समय और ड्यू डेट

महीनाआईएफएफ फाइलिंग की आखिरी तारीख
जनवरी13 फरवरी तक
फरवरी13 मार्च तक
मार्चतिमाही रिटर्न (जीएसटीआर-1) फाइल करें

नोट: आईएफएफ की जानकारी केवल पहले दो महीने (QRMP योजना के तहत) के लिए फाइल की जाती है। तीसरे महीने में जीएसटीआर-1 फाइल करनी होती है।


आईएफएफ फाइल करने के फायदे

  1. समय पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC):
    खरीदारों को ITC का लाभ समय पर मिलता है, जिससे व्यापार संबंध मजबूत होते हैं।
  2. तिमाही रिटर्न का बोझ कम:
    छोटे व्यवसायों को हर महीने पूरा डेटा फाइल करने की जरूरत नहीं होती।
  3. आसान प्रक्रिया:
    आईएफएफ का उपयोग सरल है और इसे ऑनलाइन फाइल किया जा सकता है।
  4. ITC का अपलोडिंग:
    आईएफएफ के जरिए ITC डेटा GSTR-2A/2B में जल्दी दिखने लगता है।

आईएफएफ से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

पॉइंट्सविवरण
केवल B2B इनवॉइसकेवल B2B सप्लाई की जानकारी ही IFF में अपलोड होती है।
कोई लेट फाइन नहींIFF फाइल न करने पर लेट फीस नहीं लगती।
वैकल्पिक सुविधाIFF फाइल करना QRMP योजना के तहत वैकल्पिक है।
ITC का प्रभावसमय पर ITC अपलोड करने से खरीदारों को नुकसान नहीं होता।

IFF फाइल न करने के नुकसान

  1. खरीदारों को ITC मिलने में देरी होती है।
  2. व्यवसायिक संबंधों पर असर पड़ सकता है।
  3. ITC की गलत एंट्री की समस्या हो सकती है।

आईएफएफ फाइल करने के लिए आवश्यक डेटा

  1. जीएसटीआईएन नंबर
  2. इनवॉइस नंबर और तिथि
  3. टैक्सेबल मूल्य
  4. टैक्स की दरें (CGST, SGST, IGST)
  5. रिसीवर का जीएसटीआईएन

आईएफएफ फाइलिंग की जिम्मेदारी किसकी है?

व्यवसाय प्रकारआईएफएफ फाइलिंग की जिम्मेदारी
QRMP योजना वाले सप्लायर्सस्वयं फाइलिंग करनी होगी।
टैक्स कंसल्टेंट्स/सीएक्लाइंट की ओर से फाइल कर सकते हैं।

आईएफएफ फाइलिंग में होने वाली आम गलतियां

  1. इनवॉइस की गलत जानकारी भरना।
  2. B2C इनवॉइस अपलोड करना।
  3. समय पर डेटा अपलोड न करना।
  4. ITC की जानकारी गलत फाइल करना।

आईएफएफ से जुड़े मुख्य नियम

  1. IFF केवल QRMP योजना के तहत टैक्सपेयर्स के लिए लागू है।
  2. महीने में अधिकतम ₹50 लाख तक के B2B इनवॉइस ही अपलोड कर सकते हैं।
  3. आईएफएफ अपलोड न करना अपराध नहीं है, लेकिन इससे खरीदार को ITC में देरी हो सकती है।

आईएफएफ से संबंधित एक उदाहरण

मान लीजिए:
“कंपनी A” QRMP योजना के तहत रजिस्टर्ड है। जनवरी के महीने में “कंपनी A” ने ₹20 लाख की B2B सप्लाई की है। यदि “कंपनी A” ने जनवरी के महीने में आईएफएफ फाइल कर दी है, तो “कंपनी B” (खरीदार) को समय पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) मिलेगा।


What is IFF in GST in Hindi FAQ (सामान्य प्रश्न)

1. IFF क्या है?
IFF (Invoice Furnishing Facility) एक ऐसा विकल्प है जिसमें QRMP योजना के तहत टैक्सपेयर्स B2B इनवॉइस की जानकारी महीने के अंत में अपलोड कर सकते हैं।

2. IFF किसे फाइल करना चाहिए?
यह सुविधा उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिनका सालाना टर्नओवर ₹5 करोड़ से कम है और जो QRMP योजना का उपयोग कर रहे हैं।

3. क्या IFF फाइल करना अनिवार्य है?
नहीं, IFF फाइल करना अनिवार्य नहीं है। यह वैकल्पिक सुविधा है।

4. IFF फाइल न करने पर क्या पेनल्टी लगती है?
IFF फाइल न करने पर कोई लेट फीस या पेनल्टी नहीं लगती है।

5. IFF और GSTR-1 में क्या अंतर है?
IFF केवल B2B इनवॉइस की जानकारी के लिए है, जबकि GSTR-1 में सभी प्रकार की सप्लाई की जानकारी भरनी होती है।


इस प्रकार, IFF जीएसटी में छोटे व्यवसायों के लिए एक सरल और सहायक सुविधा है। इसका मुख्य उद्देश्य ITC की प्रक्रिया को आसान और समय पर बनाना है।

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