Income Tax Against Salary, Demand, Property Sale

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भारत में आयकर (Income Tax) कानूनों का पालन हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। यह वेतन से अर्जित आय, कर मांग, और संपत्ति की बिक्री से हुई आय पर लागू होता है। इस लेख में, हम निम्नलिखित विषयों पर विस्तृत जानकारी देंगे:

  1. वेतन पर आयकर (Income Tax Against Salary)
  2. मांग के खिलाफ आयकर कैसे चुकाएं? (How to Pay Income Tax Against Demand)
  3. संपत्ति बिक्री पर आयकर (Income Tax Against Property Sale)

1. वेतन पर आयकर (Income Tax Against Salary)

आयकर वेतन पर कैसे लगाया जाता है?

  • वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए आयकर उनके वार्षिक वेतन के आधार पर लगाया जाता है।
  • यह कर स्लैब के अनुसार तय होता है, जो आय की सीमा पर निर्भर करता है।
  • नियोक्ता (Employer) वेतन से टीडीएस (TDS) काटता है और इसे सरकार को जमा करता है।

आयकर की गणना का तरीका

  1. कुल वेतन की गणना करें
    • बेसिक वेतन, एचआरए, विशेष भत्ते, और अन्य लाभ।
  2. कटौतियों को घटाएं
    • धारा 80C: पीपीएफ, एलआईसी, ईएलएसएस।
    • धारा 80D: मेडिकल इंश्योरेंस।
  3. टैक्सेबल आय पर स्लैब के अनुसार कर की गणना करें।

टीडीएस के बाद क्या करें?

  • फॉर्म 16 का उपयोग करें और सुनिश्चित करें कि नियोक्ता द्वारा सही कर जमा किया गया है।
  • यदि टीडीएस कम कटा है, तो अतिरिक्त कर स्वयं चुकाएं।
  • आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना न भूलें।

2. मांग के खिलाफ आयकर कैसे चुकाएं? (How to Pay Income Tax Against Demand)

आयकर मांग क्या है?

  • आयकर विभाग द्वारा आपकी आयकर गणना में किसी विसंगति या गलती के कारण अतिरिक्त कर भुगतान का नोटिस जारी किया जाता है।
  • यह नोटिस धारा 143(1), 144 या 156 के तहत जारी हो सकता है।

आयकर मांग चुकाने की प्रक्रिया

  1. आयकर पोर्टल पर लॉग इन करें
  2. ‘Pending Actions’ में जाएं
    • यहाँ आपको ‘Demand Status’ दिखेगा।
  3. मांग की पुष्टि करें
    • यदि मांग सही है, तो इसे स्वीकार करें।
    • यदि गलत है, तो ‘Disagree’ का विकल्प चुनें और प्रमाण अपलोड करें।
  4. कर भुगतान करें
    • चालान 280 का चयन करें।
    • ‘Tax Applicable’ के तहत ‘Income Tax on Other Than Companies’ चुनें।
    • मांग की गई राशि का भुगतान करें।

भुगतान के बाद क्या करें?

  • भुगतान की रसीद (Challan Receipt) डाउनलोड करें।
  • इसे अपने रिटर्न के साथ संलग्न करें।
  • आयकर विभाग से मांग की स्थिति को अपडेट करने का अनुरोध करें।

3. संपत्ति बिक्री पर आयकर (Income Tax Against Property Sale)

संपत्ति बिक्री पर आयकर क्यों लगता है?

  • संपत्ति बेचने पर जो लाभ होता है, उसे पूंजीगत लाभ (Capital Gain) कहा जाता है।
  • यह लाभ कर योग्य है और इसे लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में वर्गीकृत किया जाता है।

पूंजीगत लाभ का प्रकार

  1. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG)
    • यदि संपत्ति 2 साल से कम समय तक रखी गई है।
    • कर दर: आपकी नियमित आयकर स्लैब के अनुसार।
  2. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG)
    • यदि संपत्ति 2 साल से अधिक समय तक रखी गई है।
    • कर दर: 20% (इंडेक्सेशन लाभ के साथ)।

पूंजीगत लाभ की गणना

  1. शॉर्ट टर्म
    • लाभ = बिक्री मूल्य – (खरीद मूल्य + अन्य खर्च)
  2. लॉन्ग टर्म
    • लाभ = बिक्री मूल्य – (इंडेक्स्ड खरीद मूल्य + अन्य खर्च)

संपत्ति बिक्री पर आयकर चुकाने की प्रक्रिया

  1. पूंजीगत लाभ की गणना करें।
  2. चालान 280 के माध्यम से कर जमा करें।
  3. रिटर्न दाखिल करते समय पूंजीगत लाभ का विवरण प्रस्तुत करें।

पूंजीगत लाभ पर कर बचाने के तरीके

  1. धारा 54 के तहत छूट
    • यदि आप बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग नया आवास खरीदने में करते हैं।
  2. कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम (CGAS)
    • यदि नया घर खरीदने में समय लग रहा है, तो इस खाते में धनराशि जमा करें।
  3. धारा 54EC
    • एनएचएआई या आरईसी के बॉन्ड्स में निवेश करें।

निष्कर्ष

वेतन, मांग, और संपत्ति बिक्री पर आयकर चुकाने की प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है, लेकिन सभी मामलों में सही जानकारी और समय पर भुगतान अनिवार्य है।

  • वेतन पर आयकर: सही कटौतियां सुनिश्चित करें और टीडीएस के अनुसार रिटर्न दाखिल करें।
  • मांग के खिलाफ आयकर: आयकर विभाग की मांग को समय पर निपटाएं।
  • संपत्ति बिक्री पर आयकर: पूंजीगत लाभ की गणना करें और कर बचाने के विकल्पों का उपयोग करें।

कर विशेषज्ञ की मदद लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, ताकि किसी भी गलती से बचा जा सके।

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