जीएसटी, यानी वस्तु एवं सेवा कर, भारत में एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर सुधार है। इस प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए, एक महत्वपूर्ण संस्था है – जीएसटी परिषद।
GST parishad kya hai जीएसटी परिषद क्या है?
- जीएसटी परिषद एक संवैधानिक निकाय है जिसे जीएसटी के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें करने का कार्य सौंपा गया है।
- इसकी स्थापना संविधान के 101वें संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत की गई थी।
GST parishad ki adhyakshata kaun karta hai जीएसटी परिषद की अध्यक्षता कौन करता है?
जीएसटी परिषद भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है। यह एक संवैधानिक निकाय है जिसकी सिफारिशों के आधार पर केंद्र और राज्य सरकारें जीएसटी से संबंधित कानून और नियम बनाती हैं।
तो, सवाल यह है कि जीएसटी परिषद की अध्यक्षता कौन करता है? इसका सीधा जवाब है – केंद्रीय वित्त मंत्री।
अध्यक्ष के रूप में, केंद्रीय वित्त मंत्री जीएसटी परिषद की बैठकें आयोजित करने और चर्चाओं का नेतृत्व करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे परिषद के सुचारू संचालन और निर्णय लेने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
GST parishad ke pahle adhyaksh जीएसटी परिषद के पहले अध्यक्ष कौन थे
जीएसटी परिषद, भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को संचालित करने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था है। यह परिषद केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ व्यापार जगत के प्रतिनिधियों को एक मंच प्रदान करती है, जहाँ वे जीएसटी से संबंधित दरों, छूटों और अन्य नीतियों पर चर्चा और निर्णय लेते हैं।
आप सोच रहे होंगे कि इस महत्वपूर्ण परिषद के पहले अध्यक्ष कौन थे? तो इसका जवाब है…
श्री अरुण जेटली
श्री अरुण जेटली जीएसटी परिषद के पहले अध्यक्ष थे। उन्होंने 1 जुलाई 2017 को जीएसटी के लागू होने से पहले ही इस पद को संभाला था। उस समय, श्री जेटली भारत के वित्त मंत्री थे। श्री जेटली जीएसटी परिषद की पहली बैठक के अध्यक्ष थे, जो 23 सितंबर 2016 को हुई थी।
GST parishad ke karya जीएसटी परिषद के प्रमुख कार्य:
- कर दरों की सिफारिश: जीएसटी परिषद विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के लिए उपयुक्त कर दरों की सिफारिश करती है। इसमें आवश्यक वस्तुओं पर छूट या रियायतें देने का भी प्रावधान है।
- दहलीज सीमा निर्धारण: यह परिषद तय करती है कि किन व्यवसायों को जीएसटी पंजीकरण कराना अनिवार्य है। यह टर्नओवर सीमा निर्धारित करती है, जिसके पार पंजीकरण आवश्यक हो जाता है।
- जीएसटी कानून और सिद्धांतों का निर्माण: जीएसटी परिषद जीएसटी कानूनों को तैयार और संशोधित करती है। साथ ही, कर सिद्धांतों, कर लगाने की प्रणाली और अनुपालन आवश्यकताओं के दिशानिर्देश तय करती है।
- जीएसटी प्रक्रिया में सुधार: परिषद जीएसटी प्रक्रिया को आसान बनाने और करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बनाने के लिए सिफारिशें भी करती है।
- अंतरराज्यीय व्यापार का विनियमन: जीएसटी परिषद अंतरराज्यीय आपूर्ति पर कर लगाने की प्रणाली को भी नियंत्रित करती है।
- विवादों का समाधान: हालांकि जीएसटी विवाद निपटान प्राधिकरण (जीएसटी-डीएसए) विवादों का समाधान करता है, परिषद कुछ मामलों में दिशानिर्देश भी प्रदान कर सकती है।
GST parishad ka mukhyalay kahan hai जीएसटी परिषद का मुख्यालय कहां स्थित है
जीएसटी परिषद, भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को संचालित करने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था है। यह केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों का एक संयुक्त निकाय है, जो जीएसटी से संबंधित दरों, छूटों और कानूनों पर निर्णय लेता है।
आप जानना चाहते हैं कि जीएसटी परिषद का मुख्यालय कहाँ स्थित है। तो चलिए सीधे मुद्दे पर आते हैं!
1. जीएसटी परिषद का मुख्यालय:
जीएसटी परिषद का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
2. पता:
5th Floor, Tower II, Jeevan Bharti Building, Janpath Road, Connaught Place, New Delhi-110 001 (दिल्ली – 110 001)
GST parishad mein kitne sadasya hote hain जीएसटी परिषद में कितने सदस्य होते हैं
जीएसटी परिषद भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) से संबंधित नीतियों और कानूनों को बनाने और संशोधित करने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है। इसकी संरचना में केंद्र और राज्य सरकारों दोनों का प्रतिनिधित्व होता है, जो सहकारी संघवाद का एक मजबूत उदाहरण है।
आइए, एक नजर डालते हैं कि जीएसटी परिषद में कितने सदस्य होते हैं।
- कुल सदस्य: जीएसटी परिषद में कुल मिलाकर 33 सदस्य होते हैं।
सदस्यों का विवरण:
- अध्यक्ष: केंद्रीय वित्त मंत्री जीएसटी परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
- केंद्र सरकार के प्रतिनिधि: केंद्रीय वित्त मंत्री के अलावा, केंद्रीय राजस्व या वित्त राज्य मंत्री भी परिषद के सदस्य होते हैं।
- राज्य सरकारों के प्रतिनिधि: प्रत्येक राज्य का वित्त या कराधान मंत्री, या राज्य सरकार द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री जीएसटी परिषद में उस राज्य का प्रतिनिधित्व करता है।