GST compliance and filing जीएसटी अनुपालन और फाइलिंग

Whatsapp Group
Telegram channel

जीएसटी, यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, भारत में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली का एक बड़ा बदलाव रहा है। इस प्रणाली के तहत, व्यवसायों को नियमों का पालन करना और समय पर रिटर्न दाखिल करना होता है।

GSTR-1 और GSTR-3B दाखिल करने की समय सीमा

जीएसटी प्रणाली के तहत, विभिन्न प्रकार के रिटर्न दाखिल करने होते हैं, जिनमें GSTR-1 और GSTR-3B सबसे आम हैं। लेकिन, इन रिटर्न को दाखिल करने की समय सीमा को लेकर कई बार थोड़ा भ्रम हो जाता है।

GSTR-1 क्या है?

GSTR-1 एक मासिक रिटर्न है जिसमें आपूर्तिकर्ताओं द्वारा आपको जारी किए गए चालानों (इनवॉइस) की जानकारी दी जाती है।

GSTR-3B क्या है?

GSTR-3B एक मासिक रिटर्न है जिसमें आपूर्ति किए गए और प्राप्त किए गए सामानों और सेवाओं का विवरण, कर देयता और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा शामिल होता है।

GSTR-1 दाखिल करने की समय सीमा क्या है?

आपके व्यवसाय के वार्षिक कारोबार के आधार पर GSTR-1 दाखिल करने की समय सीमा अलग-अलग होती है:

  • माहवार: यदि आपके वार्षिक कारोबार की राशि ₹5 करोड़ से अधिक है, तो आपको अगले महीने की 11 तारीख तक GSTR-1 दाखिल करनी होगी। (उदाहरण के लिए, जनवरी 2024 के लिए GSTR-1 फरवरी 2024 की 11 तारीख तक दाखिल करना होगा)
  • ** तिमाही:** यदि आपके वार्षिक कारोबार की राशि ₹5 करोड़ से कम है और आपने क्यूआरएमपी (QRMP) स्कीम का विकल्प चुना है, तो आपको हर तिमाही के बाद अगले महीने की 13 तारीख तक GSTR-1 दाखिल करनी होगी। (उदाहरण के लिए, जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के लिए GSTR-1 अप्रैल 2024 की 13 तारीख तक दाखिल करना होगा)

GSTR-3B दाखिल करने की समय सीमा क्या है?

GSTR-3B एक मासिक रिटर्न है, जिसे आपको अगले महीने की 20 तारीख तक दाखिल करना होता है। (उदाहरण के लिए, जनवरी 2024 के लिए GSTR-3B फरवरी 2024 की 20 तारीख तक दाखिल करना होगा)

जीएसटीआर-2बी और जीएसटीआर-3बी क्या हैं?

  • जीएसटीआर-2बी: यह एक स्वचालित रूप से जेनरेटेड विवरणी है जो आपके आपूर्तिकर्ताओं द्वारा उनके जीएसटीआर-1 (आपूर्ति विवरणी) में आपके लिए किए गए आपूर्तियों की जानकारी प्रदर्शित करती है।
  • जीएसटीआर-3बी: यह एक मासिक या तिमाही रिटर्न है जिसमें आप अपनी कर देयता (टैक्स लायबिलिटी) की गणना करते हैं और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करते हैं।

जीएसटीआर-2बी और जीएसटीआर-3बी में सामंजस्य क्यों जरूरी है?

  • आईटीसी का दावा करना: जीएसटीआर-3बी में आप जो आईटीसी क्लेम करते हैं, उन्हें आपके आपूर्तिकर्ताओं द्वारा जीएसटीआर-1 में उल्लिखित आपूर्तियों से मेल खाना चाहिए। विसंगतियों (मिसमैच) से आईटीसी दावा खारिज हो सकता है।
  • कर देयता की सटीकता: जीएसटीआर-2बी आपके इनपुट की पुष्टि करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आप अपनी कर देयता की सही गणना कर रहे हैं।
  • मांग नोटिस से बचें: विसंगतियों के कारण आपको कर विभाग से मांग नोटिस मिल सकती है।

जीएसटीआर-2बी और जीएसटीआर-3बी का सामंजस्य कैसे करें?

  1. डाउनलोड करें: जीएसटी पोर्टल से दोनों रिटर्न (जीएसटीआर-2बी और जीएसटीआर-3बी) डाउनलोड करें।
  2. तुलना करें: प्रत्येक आपूर्ति के लिए दोनों रिटर्न में दी गई जानकारी की तुलना करें, जैसे आपूर्ति का मूल्य, जीएसटी दर और कर राशि।
  3. विसंगतियों को पहचानें: किसी भी विसंगति को पहचानें, जैसे मात्रा में अंतर, दर में गलती या कर राशि में विसंगति।
  4. सुधार करें: आपूर्तिकर्ता से संपर्क करें और किसी भी गलती को सुधारने के लिए कहें। वे अपने जीएसटीआर-1 में संशोधन कर सकते हैं।
  5. अपने रिटर्न में सुधार करें: यदि आपूर्तिकर्ता सुधार करने में असमर्थ हैं, तो आपको अपने जीएसटीआर-3बी में समायोजन करना पड़ सकता है।

फॉर्म CMP-08 जमा करने की समय सीमा

कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत करदाताओं के लिए फॉर्म CMP-08 दाखिल करना एक अनिवार्य प्रक्रिया है। यह फॉर्म एक तिमाही विवरणी है, जिसमें करदाता स्व-आकलित कर देयता की घोषणा करता है।

फॉर्म CMP-08 जमा करने की समय सीमा क्या है?

आपको हर तिमाही के लिए फॉर्म CMP-08 जमा करना होता है। जमा करने की समय सीमा उस तिमाही के बाद के महीने की 18वीं तारीख होती है जिसके लिए आप विवरणी दाखिल कर रहे हैं।

उदाहरण के लिए, जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के लिए फॉर्म CMP-08 जमा करने की अंतिम तिथि अप्रैल 2024 की 18वीं तारीख है।

ई-इनवॉइस टर्नओवर लिमिट क्या है?

ई-इनवॉइस टर्नओवर लिमिट वह वार्षिक कारोबार सीमा है, जिससे अधिक कारोबार करने वाले व्यवसायों को अनिवार्य रूप से ई-इनवॉइस जारी करना होता है।

वर्तमान में ई-इनवॉइस टर्नओवर लिमिट क्या है?

अगस्त 2023 से लागू नियमों के अनुसार, ई-इनवॉइस टर्नओवर लिमिट ₹5 करोड़ है। इसका मतलब है कि यदि किसी वित्तीय वर्ष में किसी भी पिछले वर्ष सहित आपका कुल कारोबार ₹5 करोड़ से अधिक हो गया है, तो आपको अनिवार्य रूप से ई-इनवॉइस जारी करना होगा।

क्या ई-इनवॉइस टर्नओवर लिमिट कम हो सकती है?

जी हां। सरकार भविष्य में ई-इनवॉइस टर्नओवर लिमिट को और कम कर सकती है। इसका मतलब है कि कम कारोबार वाले व्यवसायों को भी ई-इनवॉइस जारी करने की आवश्यकता हो सकती है।

जीएसटीआर-9 दाखिल करने की समय सीमा क्या है?

आमतौर पर, किसी वित्तीय वर्ष के लिए जीएसटीआर-9 दाखिल करने की समय सीमा उस वर्ष के अगले वर्ष के 31 दिसंबर होती है। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीएसटीआर-9 दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 है।

Whatsapp Group
Telegram channel

Leave a Comment