How to calculate late fees in GST जीएसटी में विलंब शुल्क की गणना कैसे करें

Whatsapp Group
Telegram channel

जीएसटी रिटर्न समय पर फाइल करना हर करदाता की जिम्मेदारी है। लेकिन, कभी-कभी देरी हो ही जाती है। अगर आप भी जीएसटी रिटर्न देर से फाइल करने की सोच रहे हैं, तो रुकिए! देर से फाइल करने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है, जिसे विलंब शुल्क के रूप में जाना जाता है।

जीएसटी विलंब शुल्क की गणना कैसे करें?

जीएसटी में विलंब शुल्क की गणना दो कारकों पर निर्भर करती है:

  1. रिटर्न का प्रकार: जीएसटी रिटर्न विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे GSTR-3B, GSTR-1 आदि। हर रिटर्न के लिए विलंब शुल्क अलग-अलग होता है।
  2. देरी के दिनों की संख्या: जितने दिन देरी से रिटर्न फाइल किया जाता है, विलंब शुल्क उतना ज्यादा होता है।

how to pay gst late fees जीएसटी देरी शुल्क का भुगतान कैसे करें?

आप जीएसटी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जीएसटी देरी शुल्क का भुगतान कर सकते हैं। भुगतान करने के दो तरीके हैं:

  1. चालान (Challan) बनाकर:
    • जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करें।
    • “सेवाएं” (Services) अनुभाग पर जाएं और “भुगतान” (Payments) चुनें।
    • “चालान बनाएं” (Create Challan) विकल्प चुनें।
    • आवश्यक विवरण भरें, जैसे कर का प्रकार (CGST, SGST या IGST), देय राशि, वित्तीय वर्ष, आदि।
    • “देरी शुल्क” (Late Fee) का उल्लेख करना न भूलें।
    • भुगतान गेटवे चुनें और भुगतान पूरा करें। आपको भुगतान के सफल होने पर एक चालान रिफरेंस नंबर (CIN) प्राप्त होगा।
  2. जीएसटी रिटर्न दाखिल करते समय:
    • आप देरी से दाखिल किए जा रहे जीएसटी रिटर्न में ही देरी शुल्क का भुगतान कर सकते हैं।
    • रिटर्न दाखिल करते समय, देय राशि की गणना स्वचालित रूप से हो जाएगी, जिसमें देरी शुल्क भी शामिल होगा।
    • आपको बस ऑनलाइन भुगतान गेटवे का उपयोग करके भुगतान पूरा करना होगा।

How to avoid gst late fees जीएसटी में लेट फीस से कैसे बचें

जीएसटी रिटर्न जमा करना और कर का भुगतान करना हर जीएसटी पंजीकृत व्यवसाय की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। लेकिन, कभी-कभी देरी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप आपको लेट फीस का भुगतान करना पड़ सकता है। लेट फीस न केवल आपकी जेब पर बोझ डालती है, बल्कि आपके व्यवसाय के अनुपालन रिकॉर्ड को भी प्रभावित कर सकती है।

1. समय सीमा का पालन करें:

जीएसटी रिटर्न जमा करने और कर का भुगतान करने के लिए निर्धारित समय सीमा का पालन करना लेट फीस से बचने का सबसे आसान तरीका है। जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की तिथियां आपूर्ति के मूल्य और व्यवसाय के प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकती हैं। इसलिए, समय सीमा से अवगत रहना और उन्हें कैलेंडर में चिह्नित करना महत्वपूर्ण है।

2. जल्दी तैयार रहें:

समय सीमा से पहले ही जीएसटी रिटर्न तैयार करना शुरू कर दें। चालान और बिलों जैसे अपने रिकॉर्ड को व्यवस्थित रखें ताकि आपको जानकारी ढूंढने में देरी न हो। आप लेखा सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके भी प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं, जो स्वचालित रूप से रिटर्न तैयार करने में आपकी सहायता कर सकता है।

3. रिमाइंडर सेट करें:

अपने फोन या कंप्यूटर पर रिमाइंडर सेट करें ताकि आपको रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा से पहले याद दिलाया जा सके। यह एक छोटी सी आदत आपको लेट फीस से बचाने में काफी मददगार हो सकती है।

जीएसटी के अंतर्गत यदि आप निल GSTR-3B जमा करने में देरी करते हैं, तो उस पर भी लेट फीस लागू होती है। यहाँ पर निल GSTR-3B के लिए लेट फीस की जानकारी दी जा रही है:

What is the late fees charged under gst in case of nil gstr-3b निल GSTR-3B पर लेट फीस

  1. लेट फीस की दर:
    • निल GSTR-3B पर लेट फीस 20 रुपये प्रति दिन होती है (10 रुपये राज्य के हिस्से और 10 रुपये केंद्रीय हिस्से)।
  2. गणना:
    • यदि आप निल GSTR-3B को निर्धारित तिथि से एक दिन भी देर से जमा करते हैं, तो आपको 20 रुपये का लेट फीस चुकाना होगा।
    • उदाहरण के लिए, यदि आपने 10 दिन की देरी की: लेट फीस=10 दिन×20 रुपये=200 रुपये
  3. अधिकतम सीमा: निल GSTR-3B पर लेट फीस की अधिकतम सीमा 500 रुपये तक हो सकती है।

What is the late fees charged under gst in case of gst r3b with tax liability, GSTR-3B पर टैक्स लायबिलिटी के साथ लेट फीस

  1. लेट फीस की दर:
    • मासिक रिटर्न (GSTR-3B): 50 रुपये प्रति दिन (20 रुपये राज्य के हिस्से और 30 रुपये केंद्रीय हिस्से)।
  2. गणना:
    • यदि आपने GSTR-3B को निर्धारित तिथि से एक दिन भी देर से जमा किया: लेट फीस=दिनों की संख्या×50 रुपये
    • उदाहरण: यदि आपने 10 दिन की देरी की है: लेट फीस=10 दिन×50 रुपये=500 रुपये
  3. अधिकतम सीमा: GSTR-3B पर लेट फीस की अधिकतम राशि 10,000 रुपये तक हो सकती है।
  4. टैक्स लायबिलिटी: इसके अलावा, यदि आप समय पर टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं, तो उस पर ब्याज भी लगेगा। ब्याज की दर सामान्यतः 18% है, जो आपके बकाए हुए टैक्स पर लागू होती है।
  5. महत्व: समय पर GSTR-3B जमा करना आवश्यक है ताकि आप लेट फीस और ब्याज से बच सकें।
Whatsapp Group
Telegram channel

Leave a Comment