जीएसटी प्रणाली के तहत, कर चोरी को रोकने के लिए कई प्रावधान हैं। जीएसटी अधिनियम की धारा 129 (GST SECTION 129) उन प्रावधानों में से एक है जो ट्रांजिट में माल और वाहनों की रोक और जब्ती से संबंधित है। आइए, इस धारा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझते हैं।
जीएसटी धारा 129 (GST SECTION 129) क्या है?
यह धारा किसी भी अधिकारी को यह अधिकार देती है कि वह ट्रांजिट में किसी भी माल या वाहन को रोक और जब्त कर सके, अगर उसे यह संदेह है कि:
- माल का परिवहन जीएसटी कानून या नियमों के उल्लंघन में किया जा रहा है।
- माल पर देय कर का भुगतान नहीं किया गया है।
किन परिस्थितियों में माल और वाहन रोके जा सकते हैं?
अधिकारी माल और वाहन को निम्नलिखित परिस्थितियों में रोक सकते हैं:
- अगर माल का चालान या बिल जीएसटी कानून के अनुसार नहीं बनाया गया है।
- अगर चालान या बिल में माल का विवरण या मूल्य गलत है।
- अगर माल का परिवहन ई-वे बिल के बिना किया जा रहा है (जब लागू हो)।
जब्ती की प्रक्रिया क्या है?
यदि अधिकारी माल या वाहन को जब्त करने का निर्णय लेते हैं, तो उन्हें माल या वाहन को जब्त करने का आदेश जारी करना होगा और मालिक या परिवहनकर्ता को आदेश की एक प्रति देनी होगी।
जब्त किए गए माल या वाहन को रिहा कराने के लिए मालिक या परिवहनकर्ता को निम्न में से कोई एक विकल्प चुनना होगा:
- देय कर और जुर्माना का भुगतान करें।
- जब्ती के आदेश के खिलाफ अपील करें।
क्या माल और वाहन को रिहा करने का कोई प्रावधान है?
हां, माल और वाहन को रिहा किया जा सकता है, बशर्ते कि मालिक या परिवहनकर्ता:
- देय कर और जुर्माना का भुगतान कर दें।
- माल और वाहन को छुड़ाने के लिए निर्धारित जमानत राशि जमा कर दें।
कुछ ख़राब होने वाले माल या खतरनाक माल के मामले में, अधिकारी कम अवधि के लिए माल को जब्त कर सकते हैं।