जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) प्रणाली में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करना एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह करदाताओं को उनके द्वारा खरीदे गए इनपुट पर भुगतान किए गए करों का दावा करने की अनुमति देता है। हालांकि, कुछ स्थितियों में, इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे को पूरी तरह से या आंशिक रूप से उलटाना पड़ सकता है। यही वह जगह है जहां जीएसटी के नियम 38, 42 और 43 (GST Rule 38 42 & 43 in Hindi) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ये तीनों नियम परिस्थितियों को निर्धारित करते हैं जिनके तहत करदाताओं को आईटीसी को उल्टा करना पड़ सकता है। आइए, संक्षेप में इन तीनों नियमों को देखें:
- नियम 38: बैंकिंग और अन्य वित्तीय कंपनियों को स्पेशल नियमों के तहत 50% आईटीसी को उल्टा करना।
- नियम 42: इनपुट या इनपुट सेवाओं पर दावा किया गया आईटीसी, जो छूट वाली वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के लिए या व्यावसायिक और गैर-व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए गए इनपुट के लिए इस्तेमाल किया गया हो।
- नियम 43: पूंजीगत वस्तुओं पर दावा किया गया आईटीसी, जो छूट वाली वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किया गया हो।
आगामी अनुभागों में, हम हर एक नियम का गहराई से विश्लेषण करेंगे, यह कब लागू होता है, आईटीसी की गणना कैसे की जाती है और इन नियमों का अनुपालन कैसे सुनिश्चित किया जाए।
ITC Reversal rule 42 & 43
Reversal of ITC under Rule 42
जीएसटी नियम 42 इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के उलटाव (Reversal of ITC under Rule 42) से संबंधित है। यह उन परिस्थितियों को परिभाषित करता है जिनमें आपूर्तिकर्ता द्वारा क्लेम किया गया इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस लेना या सरकार को जमा करना पड़ सकता है।
यहाँ उन मुख्य बिंदुओं की सूची दी गई है जिन्हें आपको जीएसटी नियम 42 के बारे में जानना चाहिए:
- यह नियम उन परिस्थितियों पर लागू होता है जहां इनपुट या इनपुट सेवाओं पर दावा किया गया ITC आंशिक रूप से व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए और आंशिक रूप से अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। ये अन्य उद्देश्य हो सकते हैं –
- गैर-आपूर्ति (Non-supply)
- छूट वाली आपूर्ति (Exempt Supply)
- किसी व्यक्तिगत उद्देश्य के लिए उपयोग
- ऐसे मामलों में, आपूर्तिकर्ता को उस इनपुट टैक्स का एक हिस्सा उलट करना होगा जो आंशिक रूप से व्यावसायिक उद्देश्यों के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग किया गया था।
- नियम 42 इनपुट टैक्स क्रेडिट की उलटाव राशि की गणना करने के लिए एक फॉर्मूला प्रदान करता है।
- आपूर्तिकर्ता को अपनी जीएसटी रिटर्न में उलटाव राशि का उल्लेख करना होता है और सरकार को उस राशि का भुगतान करना होता है।
उदाहरण:
मान लीजिए किसी कंपनी ने ₹10000 मूल्य की कच्ची सामग्री खरीदी है और उस पर ₹1800 का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम किया है। इस कच्ची सामग्री का उपयोग आंशिक रूप से कर योग्य आपूर्ति (Taxable Supply) के लिए किया जाता है और आंशिक रूप से किसी व्यक्तिगत उद्देश्य के लिए किया जाता है।
ऐसी स्थिति में, कंपनी को उस इनपुट टैक्स का एक हिस्सा उलट करना होगा जो व्यक्तिगत उद्देश्य के लिए उपयोग की गई कच्ची सामग्री पर लागू होता है।
निष्कर्ष:
जीएसटी नियम 42 यह सुनिश्चित करता है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा केवल उसी इनपुट या इनपुट सेवाओं पर किया जाए जिनका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह सरकार को राजस्व का रिसाव रोकने में मदद करता है।
ITC Reversal as per Rule 43
जीएसटी नियम 43 (ITC Reversal as per Rule 43) पूंजीगत वस्तुओं पर लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के उलटाव (Reversal) से संबंधित है। इनपुट टैक्स क्रेडिट वह टैक्स होता है जो आपने आपूर्ति या सेवाओं को खरीदते समय भुगतान किया था और बाद में आप इसे अपने द्वारा किए गए कर भुगतान में समायोजित कर सकते हैं।
यहां उन स्थितियों को सूचीबद्ध किया गया है जिनमें पूंजीगत वस्तुओं पर लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट का उलटाव आवश्यक हो सकता है:
1. केवल गैर-कर योग्य आपूर्तियों के लिए उपयोग की जाने वाली पूंजीगत वस्तुएं:
- यदि आप किसी पूंजीगत वस्तु का उपयोग केवल उन आपूर्तियों के लिए करते हैं जो जीएसटी के अंतर्गत कर योग्य नहीं हैं (उदाहरण के लिए, धार्मिक संस्थान को आपूर्ति), तो आपको उस पूंजीगत वस्तु पर लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट को पूरी तरह से उलट करना होगा।
2. आंशिक रूप से कर योग्य और आंशिक रूप से गैर-कर योग्य आपूर्तियों के लिए उपयोग की जाने वाली पूंजीगत वस्तुएं:
- यदि आप किसी पूंजीगत वस्तु का उपयोग आंशिक रूप से कर योग्य और आंशिक रूप से गैर-कर योग्य आपूर्तियों के लिए करते हैं (उदाहरण के लिए, एक प्रिंटिंग प्रेस जिसका उपयोग आंशिक रूप से समाचार पत्रों को छापने के लिए किया जाता है, जो जीएसटी से मुक्त हैं, और आंशिक रूप से विज्ञापन ब्रोशियर छापने के लिए किया जाता है, जो जीएसटी के अंतर्गत कर योग्य हैं), तो आपको उस पूंजीगत वस्तु पर लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट के उस अनुपात को उलट करना होगा, जो गैर-कर योग्य आपूर्तियों के लिए उपयोग किया गया था।
उलटाव की गणना कैसे करें?
नियम 43 एक फॉर्मूला प्रदान करता है जिसका उपयोग करके आप इनपुट टैक्स क्रेडिट के उलटाव की राशि की गणना कर सकते हैं।
उदाहरण:
मान लें कि आपने एक मशीनरी ₹10 लाख में खरीदी है और उस पर ₹1.8 लाख का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया है। आप इस मशीनरी का उपयोग 60% कर योग्य आपूर्तियों और 40% गैर-कर योग्य आपूर्तियों के लिए करते हैं।
इनपुट टैक्स क्रेडिट का उलटाव = (इनपुट टैक्स क्रेडिट * गैर-कर योग्य उपयोग का प्रतिशत)
उलटाव = (₹1.8 लाख * 40%) = ₹0.72 लाख
इस उदाहरण में, आपको ₹0.72 लाख के इनपुट टैक्स क्रेडिट को उलट करना होगा।
ध्यान देने योग्य बातें:
- पूंजीगत वस्तुओं पर लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट का उलटाव वित्तीय वर्ष के अंत में या पूंजीगत वस्तु के निपटान के समय किया जाता है, जो भी पहले हो।
Rule 38 of GST
जीएसटी नियम 38 (Rule 38 of GST) बैंकिंग कंपनियों और वित्तीय संस्थानों द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के दावे को नियंत्रित करता है। यह नियम यह स्पष्ट करता है कि ये संस्थान किस प्रकार के इनपुट पर आईटीसी का दावा कर सकते हैं और किन पर नहीं।
आइए, जीएसटी नियम 38 के मुख्य बिंदुओं को सूचीबद्ध रूप में देखें:
- कौन से लेनदेन कवर होते हैं?
यह नियम केवल बैंकिंग कंपनियों और वित्तीय संस्थानों पर लागू होता है।
- किस इनपुट पर आईटीसी का दावा किया जा सकता है?
नियम 38 के तहत, बैंक और वित्तीय संस्थान निम्नलिखित इनपुट पर आईटीसी का दावा कर सकते हैं:
- धारा 17(5) के तहत निर्दिष्ट आपूर्तियों से संबंधित इनपुट टैक्स (उदाहरण के लिए, बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं)
- धारा 17(4) के दूसरे प्रावधान के अंतर्गत इनपुट टैक्स, जो उपरोक्त श्रेणी में शामिल नहीं हैं (उदाहरण के लिए, कार्यालयीन आपूर्ति, बिजली का बिल)
- किस इनपुट पर आईटीसी का दावा नहीं किया जा सकता?
नियम 38 के तहत, बैंक और वित्तीय संस्थान निम्नलिखित इनपुट पर आईटीसी का दावा नहीं कर सकते:
- खराब कर्ज या वित्तीय सेवाओं पर लगे कर
- आईटीसी का दावा कैसे करें?
- धारा 17(5) के अंतर्गत आपूर्तियों से संबंधित आईटीसी का दावा फॉर्म जीएसटीआर-2 में किया जाना चाहिए।
- धारा 17(4) के दूसरे प्रावधान के अंतर्गत शेष इनपुट टैक्स क्रेडिट का 50% फॉर्म जीएसटीआर-2 में लिया जा सकता है, जबकि शेष 50% को फॉर्म जीएसटीआर-3बी में उलट (रिवर्स) करना होगा।