What is Cess in GST in Hindi जीएसटी में उपकर (Cess) क्या है?

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जीएसटी प्रणाली में “उपकर” (Cess) एक अतिरिक्त कर है जो माल और सेवाओं पर लगाया जाता है। इसे कुछ विशिष्ट उद्देश्यों के लिए लगाया जाता है, न कि सरकार के सामान्य राजस्व के लिए। आइए, उपकर से जुड़े कुछ मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में देखें:

1. उपकर किस लिए लगाया जाता है?

मुख्य रूप से, जीएसटी में उपकर निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए लगाया जाता है:

  • राज्यों को मुआवजा: जब जीएसटी लागू किया गया था, तो राज्यों को उनके पहले के कर राजस्व में कमी के लिए मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उपकर लगाया गया था। यह मुआवजा अवधि 2022 में समाप्त हो गई है, लेकिन कुछ अपवादों के साथ उपकर अभी भी लगाया जा रहा है।
  • सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए धन जुटाना: उपकर का उपयोग कुछ विशिष्ट सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए भी किया जा सकता है।

2. Rate of cess in GST उपकर की दर क्या है?

उपकर की दर अलग-अलग वस्तुओं और सेवाओं के लिए अलग-अलग हो सकती है। वर्तमान में, अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर उपकर की दर 0% है। हालांकि, कुछ विशिष्ट श्रेणियों पर अभी भी उपकर लगाया जाता है, जैसे कि:

  • सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (22%)
  • कोयला (6%)
  • लक्जरी कारें (22%)

3. उपकर का भुगतान कौन करता है?

अंतत: उपकर का भुगतान उपभोक्ता द्वारा वहन किया जाता है, क्योंकि यह वस्तु या सेवा की अंतिम कीमत में शामिल होता है। हालांकि, कानूनी रूप से, उपकर का भुगतान आपूर्तिकर्ता (विक्रेता) द्वारा किया जाता है, जो बाद में इसे सरकार को जमा करता है।

4. How to calculate cess in GST उपकर कैसे लगाया जाता है?

उपकर की गणना जीएसटी की दर के अलावा वस्तु या सेवा के मूल्य पर एक अलग दर से की जाती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी वस्तु पर जीएसटी की दर 18% है और उपकर की दर 10% है, तो कुल कर (टैक्स) 28% (18% + 10%) होगा।

उपकर जीएसटी से अलग है:

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उपकर जीएसटी से अलग है। जीएसटी एक व्यापक, बहु-स्तरीय, गंतव्य-आधारित कर है, जबकि उपकर एक अतिरिक्त कर है जो विशिष्ट उद्देश्यों के लिए लगाया जाता है।

उपकर का एक उदाहरण:

उदाहरण के लिए, मान लें कि किसी कार की कीमत ₹10 लाख है और उस पर 28% जीएसटी दर लागू होती है। इसके अतिरिक्त, उस कार पर 22% का उपकर भी लगाया जाता है। तो, इस स्थिति में:

  • जीएसटी राशि = ₹10 लाख * 28/100 = ₹2.8 लाख
  • उपकर राशि = ₹10 लाख * 22/100 = ₹2.2 लाख
  • कुल कर राशि (जीएसटी + उपकर) = ₹2.8 लाख + ₹2.2 लाख = ₹5 लाख
  • उपभोक्ता द्वारा भुगतान की जाने वाली कुल राशि = ₹10 लाख + ₹5 लाख = ₹15 लाख

इस उदाहरण में, आप देख सकते हैं कि उपकर ने कार की कुल लागत में ₹2.2 लाख की वृद्धि की है।

How to use cess in GST उपकर का उपयोग कैसे किया जाता है?

उपकर से प्राप्त राशि का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए जाते हैं। कुछ उदाहरण हैं:

  • पिछड़े राज्यों को मुआवजा देना
  • सामाजिक कल्याण योजनाओं को वित्तपोषित करना
  • बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं के लिए धन जुटाना

ITC of cess in GST जीएसटी में उपकर (सेस) का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी)

जीएसटी प्रणाली में, “उपकर” (कम्पन्सेशन सेस) कुछ विशिष्ट आपूर्तियों पर एक अतिरिक्त कर है। यह कर राज्य सरकारों को उनके राजस्व हानि की भरपाई करने में मदद के लिए लागू किया गया था।

हालांकि, उपकर के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के संबंध में कुछ विशिष्ट नियम लागू होते हैं। आइए, इन नियमों को संक्षेप में देखें:

1. क्या उपकर पर आईटीसी का दावा किया जा सकता है?

हां, आप उपकर पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा कर सकते हैं, लेकिन केवल उसी उपकर राशि के लिए जिसका भुगतान आपने आपूर्ति के बदले में किया है।

2. उपकर के आईटीसी का उपयोग कैसे किया जा सकता है?

आप उपकर के आईटीसी का उपयोग केवल उपकर की देयता का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं। आप इसका उपयोग अन्य जीएसटी देनदारियों (जैसे सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी) के भुगतान के लिए नहीं कर सकते हैं।

3. क्या उपकर के आईटीसी का कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है?

नहीं, आप उपकर के आईटीसी को अगले महीने या तिमाही में कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते हैं। उपकर के आईटीसी का उपयोग उसी महीने या तिमाही में उपकर की देयता के भुगतान के लिए किया जाना चाहिए।

4. क्या उपकर के भुगतान के बिना आईटीसी का दावा किया जा सकता है?

नहीं, यदि आप उपकर का भुगतान नहीं करते हैं, तो आप इसके लिए आईटीसी का दावा नहीं कर सकते हैं। आईटीसी का दावा करने के लिए, आपको उपकर का भुगतान करना होगा और उसका चालान आपके पास होना चाहिए।

5. निर्यात के लिए आपूर्ति पर उपकर के आईटीसी का क्या होता है?

निर्यात के लिए आपूर्ति पर, आप उपकर का भुगतान नहीं करते हैं। इसलिए, आप इस पर आईटीसी का दावा भी नहीं कर सकते हैं।

Interest on cess in GST जीएसटी उपकर पर ब्याज

जीएसटी प्रणाली में, उपकर (Cess) एक अतिरिक्त कर है जो कुछ विशिष्ट वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। यह मुख्य जीएसटी दर के अतिरिक्त लगता है। उपकर से जुड़े ब्याज के बारे में कई सवाल उठते हैं। तो आइए, इस विषय को स्पष्ट रूप से समझें:

1. क्या जीएसटी उपकर पर ब्याज लगता है?

नहीं, जीएसटी उपकर पर कोई ब्याज नहीं लगता है। यह स्पष्टीकरण जीएसटी कानून और सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) द्वारा जारी किए गए स्पष्टीकरणों में पाया जा सकता है।

2. क्यों जीएसटी उपकर पर ब्याज नहीं लगता है?

कई कारण हैं जिनकी वजह से जीएसटी उपकर पर ब्याज नहीं लगता है:

  • उपकर एक अतिरिक्त कर है, न कि दंड: चूंकि उपकर एक दंडात्मक कर नहीं है, बल्कि राजस्व उगाही का एक साधन है, इसलिए इस पर ब्याज लगाने का कोई प्रावधान नहीं है।
  • जीएसटी अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं: जीएसटी अधिनियम में उपकर पर ब्याज लगाने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

3. उपकर जमा करने में देरी पर क्या होता है?

हालांकि उपकर पर ब्याज नहीं लगता है, समय पर उपकर का भुगतान न करने पर करदाताओं को दंड का भुगतान करना पड़ सकता है। विलंब से भुगतान पर लगने वाले दंड की दर जीएसटी अधिनियम में निर्धारित की गई है।

How to adjust cess in GST जीएसटी में उपकर (Cess) समायोजन

जीएसटी प्रणाली में, कुछ आपूर्तियों पर उपकर (Cess) लगाया जाता है। यह राशि कुल कर देयता (टैक्स लायबिलिटी) का एक अतिरिक्त हिस्सा होता है। हालांकि, कुछ स्थितियों में, आपको उपकर को समायोजित करने की आवश्यकता हो सकती है।

यहाँ यह बताया गया है कि जीएसटी में उपकर समायोजन कैसे किया जाता है:

1. उपकर समायोजन के परिदृश्य:

  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावा करते समय: यदि आप किसी पंजीकृत आपूर्तिकर्ता से आपूर्ति या सेवाएं खरीदते हैं और उस पर उपकर का भुगतान करते हैं, तो आप उस उपकर राशि का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के रूप में दावा कर सकते हैं।
  • अपूर्ण इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी): यदि आपको इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का पूरा लाभ नहीं मिलता है, तो आप उपकर राशि के उस हिस्से को समायोजित कर सकते हैं जिसका आप दावा नहीं कर सकते।
  • आउटपुट टैक्स लायबिलिटी से घटाना: यदि आप उपकर का भुगतान करते हैं, लेकिन आपूर्ति या सेवाएं जीएसटी छूट के अंतर्गत आती हैं या निर्यात के लिए हैं, तो आप उपकर राशि को अपनी आउटपुट टैक्स देयता (टैक्स लायबिलिटी) से घटा सकते हैं।

2. उपकर समायोजन कैसे करें:

  • जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करें।
  • उपकर समायोजन से संबंधित फॉर्म का चयन करें (उदाहरण के लिए, GSTR-9 या GSTR-9A)।
  • प्रासंगिक जानकारी दर्ज करें, जिसमें उपकर राशि और समायोजन का कारण शामिल है।
  • फॉर्म को जमा करें।

3. महत्वपूर्ण बातें:

  • उपकर समायोजन के कारणों का दस्तावेजीकरण बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
  • उपकर राशि को केवल उसी तरह से समायोजित करें जैसा कि जीएसटी नियमों और प्रावधानों में उल्लेख किया गया है।

जीएसटी में उपकर (सेस) से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. Can we claim refund of cess in GST क्या जीएसटी में उपकर (सेस) का रिफंड लिया जा सकता है?

जी हां, कुछ परिस्थितियों में आप जीएसटी में उपकर का रिफंड ले सकते हैं। उदाहरण के लिए:

  • निर्यात: निर्यात किए गए सामानों पर भुगतान किए गए उपकर का रिफंड प्राप्त किया जा सकता है।
  • अतिरिक्त भुगतान: यदि आपने गलती से अधिक उपकर का भुगतान कर दिया है, तो आप रिफंड का दावा कर सकते हैं।
  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा: पंजीकृत करदाता आपूर्ति किए गए सामानों या सेवाओं पर भुगतान किए गए उपकर के लिए आईटीसी का दावा कर सकते हैं, लेकिन इसका उपयोग केवल उपकर के भुगतान के लिए ही किया जा सकता है।

2. How to claim cess in GST जीएसटी में उपकर का दावा कैसे करें?

उपकर रिफंड का दावा करने के लिए, आपको जीएसटी पोर्टल पर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा। आमतौर पर, आपको ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा और आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।

3. Can we take input of cess in GST क्या जीएसटी में उपकर का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लिया जा सकता है?

हां, पंजीकृत करदाता आपूर्ति किए गए सामानों या सेवाओं पर भुगतान किए गए उपकर के लिए आईटीसी का दावा कर सकते हैं। हालांकि, इस आईटीसी का उपयोग केवल उपकर के भविष्य के भुगतान के लिए ही किया जा सकता है, न कि अन्य जीएसटी देयताओं के लिए।

4. How to pay cess in GST जीएसटी में उपकर का भुगतान कैसे करें?

जीएसटी रिटर्न दाखिल करते समय उपकर का भुगतान किया जाता है। आपको अलग से उपकर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। रिटर्न दाखिल करते समय, कुल जीएसटी देयता की गणना की जाती है, जिसमें उपकर भी शामिल होता है।

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